दिल्ली में एमसीडी चुनाव समाप्त हो चुके है लेकिन अभी मेयर का बनना बाक़ी है ! आपको दिल्ली मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव की तैयारियां पूरी हो गई हैं। इसमें बीजेपी और आप दोनों ही अपनी तरफ़ से रन्न मेदान में उतर चुके है ! वही आप ये दावा कर रहे है कि इस बार आम आदमी की पार्टी ही मेयर चुनाव में सत्ता रण होगी ! लेकिन कौन होगा मेयर ये अभी बाक़ी है , कैसे होते है मेयर चुनाव, और कौन कौन पार्षदों के अलावा इस मेयर चुनाव में वोट डालता है ? और मेयर बनने की पूरी प्रक्रिया आख़िर कैसे होती है बताते है आज की इस पोस्ट में तो लास्ट तक पढ़िएगा..
एमसीडी के सदन की बैठक 6 जनवरी को होने पर उस दिन चुने जाने वाले महापौर का कार्यकाल मात्र 3 महीने का ही होने वाला है ! दिल्ली मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव की तैयारी पूरी होग्यी है ! सोमवार को एमसीडी आयुक्त ज्ञानेश भारती की निगरानी में निगम सचिव भगवान सिंह ने सिविक सेंटर के ए ब्लॉक में चौथी मंजिल पर स्थित सदन परिसर में पार्षदों के बैठने की व्यवस्था सुनिश्चित की। सदन अध्यक्ष के सामने बेल एरिया में वोटिंग करने के लिए बैलेट बॉक्स भी लगाया गया।
एमसीडी में कैसे होता है मेयर का चुनाव?
एमसीडी के सदन का कार्यकाल पांच साल का होता है। एमसीडी एक्ट के तहत पहले साल महिला पार्षद को महापौर चुने जाने का प्रावधान है, जबकि उपमहापौर के मामले में कोई नियम नहीं है। वहीं, दूसरे साल महापौर पद पर कोई भी पार्षद चुना जा सकता है, जबकि तीसरे साल मेयर पद अनुसूचित जाति के पार्षदों के लिए आरक्षित है। चौथे व पांचवें साल महापौर पद किसी भी वर्ग के लिए आरक्षित नहीं है। एमसीडी की सबसे अधिकार वाली स्थायी समिति के अध्यक्ष पर आरक्षण का प्रावधान नहीं है।
सदन में 250 पार्षद और एमसीडी अधिकारी जाएंगे
एमसीडी के सदन में मंच पर आयुक्त, निगम सचिव व सामने निगम 250 पार्षदों, करीब 18 विभागों के डायरेक्टर, डिप्टी डायरेक्टर व अन्य अधिकारियों के बैठने की व्यवस्था होगी। चुनाव के बाद मेयर भी मंच पर बैठेंगे।
मेयर चुनाव में पार्षदों के अलावा कौन-कौन डाल सकता है वोट?
इस बार परिसीमन के बाद दिल्ली नगर निगम में 250 वार्ड निर्धारित किए गए, जिसमें एक मेयर इसकी अध्यक्षता करेगा। एमसीडी में मेयर बनने के लिए 138 वोट मिलना जरूरी है। दिल्ली मेयर के चुनाव में सभी निर्वाचित 250 पार्षद, दिल्ली के सात लोकसभा सांसद, तीन राज्यसभा सांसद और विधानसभा अध्यक्ष की ओर से 14 मनोनीत विधायक इस मेयर चुनाव में वोट करेंगे।
जानिए सीटों का समीकरण
मेयर चुनाव में नंबर गेम आप के पक्ष में है, जिसके पास बीजेपी के 113 के मुकाबले 150 वोट हैं. आप के पास 134 पार्षद, 3 सांसद और 13 विधायकों के वोट हैं. जबकि बीजेपी के पास 105 पार्षद, 7 सांसद और एक विधायक की वोट है. एमसीडी हाउस में कांग्रेस के नौ पार्षद हैं जबकि दो अन्य निर्दलीय हैं. मेयर, डिप्टी मेयर और स्थायी समिति के सदस्यों के लिए छह जनवरी को चुनाव होगा.
दल-बदल कानून लागू नहीं होता
मेयर का चुनाव एक गुप्त मतदान के माध्यम से होता है और पार्षद किसी भी उम्मीदवार को वोट देने के लिए स्वतंत्र होते हैं क्योंकि दलबदल विरोधी कानून इस पर लागू नहीं होता है. बीजेपी के मेयर और डिप्टी मेयर का पद जीतने की संभावना नहीं है, लेकिन वह एमसीडी की महत्वपूर्ण स्थायी समिति के सदस्यों के तीन पदों को जीतने की कोशिश करेगी. हालांकि, बीजेपी के कुछ नेताओं ने दावा किया कि मेयर और डिप्टी मेयर पदों के लिए कड़ा मुकाबला देखा जा सकता है क्योंकि एमसीडी पर दल-बदल विरोधी कानून लागू नहीं होता है और क्रॉसिंग वोटिंग संभव है.
नगर निगम के तीन जोन से 10 एल्डरमैन
स्थायी समिति में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए भाजपा ने निगम के तीन जोन से अपने 10 नेताओं को एल्डरमैन बनाने का फैसला किया है। बताते हैं कि उपराज्यपाल के पास भेजे गए नाम को मंजूरी मिल गई है। नरेला जोन से सबसे अधिक पांच, सिविल लाइंस जोन से चार और सेंट्रल जोन से एक एल्डरमैन मनोनित किए जाएंगे। निगम के कुल 12 जोन हैं।