भेद सारे चूर कर दो

0
205
Spread the love

माँ वीणा वादिनी मधुर स्वर दो,
हर जिह्वा वैभवयुक्त कर दो ।
मन सारे स्नेहमय हो जाए,
ऐसे गुणों का अमृत भर दो ।।

माँ वीणा की झंकार भर दो,
जीवन में नवल संचार कर दो ।
हर डाली खुशबुमय हो जाए,
ऐसे सब गुलजार कर दो ।।

अंतस तम को दूर कर दो,
अंधकार को नूर कर दो ।
मन से मन का हो मिलन,
भेद सारे चूर कर दो ।।

गान कर माँ रागिनी का,
भान कर माँ वादिनी का ।
पूरी हो सब कामनाएं,
दो सुर माँ रागिनी का ।।

(प्रियंका सौरभ के काव्य संग्रह ‘दीमक लगे गुलाब’ से।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here