नई दिल्ली | पाकिस्तान में हाल ही में हुई एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक में एक रिपोर्ट पर बड़ी चिंता के साथ चर्चा की गई, जिसमें कहा गया है कि प्रतिबंधित तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के लोगों ने कमोके हिंसा के दौरान पुलिसकर्मियों को निशाना बनाकर सब-मशीन गन (एसएमजी) का इस्तेमाल किया था। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने पाकिस्तानी अखबार डॉन को बताया कि बैठक में परेशान करने वाले ²श्य को रिकॉर्ड करने वाला एक मोबाइल फोन फुटेज भी प्रस्तुत किया गया, जिसमें पांच टीएलपी हथियारबंद लोग कई एसएमजी का इस्तेमाल कर रहे थे और वे सुरक्षित स्थान के लिए भाग रहे पुलिसकर्मियों पर सीधे फायरिंग कर रहे थे।
पुलिस रिपोर्ट में कहा गया है कि हथियारबंद लोगों ने 80 राउंड एसएमजी फायरिंग की, जिसके संबंध में कुछ सबूत भी घटनास्थल से बरामद किए गए हैं और इन्हें फोरेंसिक विश्लेषण के लिए भेज दिया गया है।
कानून लागू करने वालों पर सशस्त्र हमलों की अन्य घटनाएं भी उसी प्वाइंट या बिंदु पर दर्ज की गईं, जहां दो पुलिसकर्मियों की कई गोलियां लगने से मौत हो गई थी, जबकि 16 अन्य घातक हथियारों का उपयोग करके टीएलपी द्वारा चलाई गई गोलियों से घायल हो गए थे।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि इस घटनाक्रम ने पुलिस के उच्चाधिकारियों को स्तब्ध कर दिया है, कि आखिर टीएलपी को हथियार और उनका इस्तेमाल करने का प्रशिक्षण कहां से मिल रहा है।
रिपोर्ट में आगे यह भी कहा गया है कि उन्होंने कहा कि बैठक में शामिल सभी लोग इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि टीएलपी एक आतंकवादी समूह में बदल चुका है और सरकार को इस संगठन के प्रति अपनी नीति की गंभीरता से समीक्षा करनी चाहिए।
प्रदर्शन में शामिल प्रतिभागियों, जिनकी संख्या 5,000 से 7,000 के बीच बताई गई है, मुख्य रूप से बसों, कारों, मोटरबाइकों पर यात्रा कर रहे थे और अपनी मांगों के पक्ष में नारे लगा रहे थे।