Indian Politics : स्वराज इंडिया, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री श्री मनीष सिसोदिया के इस्तीफा की मांग करता हैं – नवनीत तिवारी, स्वराज इंडिया दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष, दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति में अनियमितताएं और भ्रष्टाचार के खिलाफ स्वराज इंडिया ने सबसे पहले आवाज़ उठाई थी, दिल्ली सरकार द्वारा शराब की खपत बढ़ा कर लाखों परिवार और युवाओं का भविष्य खराब करने का काम किया जा रहा है।
दिल्ली सरकार की आबकारी नीति में धांधली के मामले में 17 तारिख को मनीष सिसोदिया सहित 15 व्यक्तिओं के खिलाफ केस दर्ज किया गया और इस पर सी.बी.आई जाँच कर रही है, लेकिन अभी तक मनीष सिसोदिया मंत्री पद पर बने हुए हैं। स्वराज इंडिया ने दिल्ली सरकार की आबकारी नीति का पहले दिन से विरोध किया है जिसमे इस नीति के लागू होने के बाद तमाम तरह की अनियमितताएं और बहुत बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार सामने आया। स्वराज इंडिया ने दिल्ली के विभिन्न वार्डों में अवैध तरीके से खोले गए शराब के ठेकों के विरोध में लगातार प्रदर्शन किया है।
दिल्ली को शराब की राजधानी बनाने वाली केजरीवाल सरकार ने शराब की बिक्री बढ़ाने के लिए नियमों की धज्जियाँ उड़ाईं और जमकर भ्रष्टाचार किया। इन्होंने अपने सहयोगियों को 144 करोड़ रुपए का फायदा पहुँचाया। बात केवल भ्रष्टाचार की ही नहीं बल्कि शराब की खपत बढ़ा कर सीधे तौर पर दिल्ली के युवाओं का भविष्य खराब करने का काम किया जा रहा है। जिसके फलस्वरूप घरेलू हिंसा, महिलाओं के खिलाफ अपराध, सड़क दुर्घटनाओं में बड़ी संख्या में वृद्धि हुई है। दिल्ली की जनता को शराब की भारी लत लगा कर करोड़ों परिवारों को बर्बाद करने के दिल्ली सरकार के इस तरीके का स्वराज इंडिया कड़ा विरोध करती है।
स्वराज इंडिया के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष नवनीत तिवारी ने कहा कि अन्ना आंदोलन के दौरान अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया हमेशा कहते थे कि अगर किसी मंत्री पर भ्रष्टाचार का आरोप है तो उसे जाँच पूरी होने तक इस्तीफा देना चाहिए। लेकिन हकीकत बिल्कुल अलग है। सत्येंद्र जैन के मामले में भी केजरीवाल द्वारा आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई और न ही उन्होंने आज तक इस्तीफा दिया।
इसके उलट अरविंद केजरीवाल अपने भ्रष्ट मंत्रियों को बचाने के लिए उन्हें पुरस्कार दिलाने की बात कह रहे हैं जो हास्यास्पद है। पार्टी के दिल्ली अध्यक्ष नवनीत तिवारी ने कहा कि हम माँग करते है कि मनीष सिसोदिया नैतिकता के आधार पर इस्तीफ़ा दें जिससे जाँच के काम में बाधा न पहुँच सके।