Repo Rate increase by RBI –
Repo Rate increase by RBI: महंगाई डायन खाई जात है ये गाना भले ही पुरानी हो मगर देश में महंगाई नए नए रूप दिखती रहती है, कभी पेट्रोल महंगा, कभी सब्जी महंगी तो कभी नीम्बू पानी महंगा हर जनता की जेबों पर ही पड़ती है मार खैर महंगाई और जनता का पुराना रिश्ता है पर महंगाई पर आज जो कुछ भी हुआ इससे लोगों के पैरो तले जमीन खिसक गई, इस बीच RBI ने Repo Rate को बढ़ा दिया (Repo Rate increase by RBI) तो चलिए जानते है आम जनता पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा।
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास अचानक एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बेंचमार्क पॉलिसी रेट (Policy Rate Hiked) बढ़ा दिया। आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (RBI MPC) ने रेपो रेट में 40 बेसिस पॉइंट या 0.4% की बढ़ोतरी (RBI Increase Repo Rate) की गई है। यानी अब रेपो रेट 4.4% हो गया है। गवर्नर दास ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध का असर महसूस हो रहा है और युद्ध के प्रभाव को इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड ने भी समझा है। वहीं, बढ़ती महंगाई को देखते हुए आरबीआई अपने ‘accommodative stance’ यानी उदार रुख को छोड़ते हुए अब बेंचमार्क रेट को बढ़ा रही है।
RBI की इस घोषणा के बाद घरेलू शेयर बाजार में बड़ी गिरावट आ गई है, देखते है RBI के इस फैसले से शेयर बाजार पर क्या प्रभाव रहा।
पॉलिसी रेट में बढ़ोतरी के बाद घरेलू शेयर बाजार में बड़ी गिरावट आ गई है. सेंसेक्स इसके बाद 1,200 अंकों तक की गिरावट दर्ज कर रहा था। वहीं, निफ्टी 400 अंकों तक गिर गया था। दोपहर 2.30 बजे बीएसई सेंसेक्स में 860.66 अंकों या 1.51% की गिरावट आ चुकी थी और इंडेक्स 56,115.33 के स्तर पर था। वहीं, एनएसई निफ्टी 253.45 अंकों या 1.48% की गिरावट के साथ 16,815.65 के स्तर पर था।
अब बात आती है रेपो दर है क्या और ये RBI और बैंकों बीच काम कैसे करती है?
रेपो दर पर रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों को फौरी जरूरतों को पूरा करने के लिये कर्ज देता है, जबकि रिवर्स रेपो दर के तहत बैंकों को अपना पैसा रिजर्व बैंक के पास रखने पर ब्याज मिलता है। अचानक हुई एमपीसी की बैठक के बाद RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास दास ने कहा कि भू-राजनीतिक तनाव की वजह से मुद्रास्फीति बढ़ रही है। नीतिगत दर में वृद्धि का मकसद मध्यम अवधि में आर्थिक वृद्धि संभावना को मजबूत और सुदृढ़ करना है।
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उन्होंने बताया कि खाद्य महंगाई में और बढ़ोतरी दर्ज होगी। बता दें कि पिछले दो सालों से आरबीआई ने उदार नीति बरकरार रखी थी। अप्रैल, 2022 तक इसके पहले की मौद्रिक नीति समिति की पिछली 11 बैंकों से पॉलिसी रेट यथावत रखे गए थे। अभी इसी महीने की शुरुआत में हुई बैठक में एमपीसी ने नीतिगत दर रेपो को 4 प्रतिशत और रिवर्स रेपो दर को 3.35 प्रतिशत पर बरकरार रखा था।
RBI के द्वारा रेपो रेट काफी दिनों बाद बढ़ाया गया है, लगभग पौने चार साल बाद आरबीआई ने बढ़ाए रेट।
इसके पहले कब बढ़े थे दाम?
आरबीआई ने पौने चार साल बाद पॉलिसी रेट बढ़ाए हैं। रिजर्व बैंक ने अगस्त, 2018 के बाद पहली बार नीतिगत दर में बढ़ोतरी की है। और अब RBI द्वारा रेपो रेट (RBI Increase Repo Rate) को बढ़ाया गया। आर बाी आई गवर्नर ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने पिछले महीने ही अपने उदार रूख को वापस लेने के इरादे की घोषणा की थी।
उनकी इस घोषणा के बाद अनुमान जताया जा रहा था कि आरबीआई जून में ही बेंचमार्क रेट में वृद्धि कर सकती है। खुदरा मुद्रास्फीति पिछले तीन महीने से लक्ष्य की उच्चतम सीमा छह प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है। गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि महंगाई दर लक्ष्य की ऊपरी सीमा छह प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है। अप्रैल महीने में भी इसके ऊंचे रहने की संभावना है। मार्च महीने में खुदरा मुद्रास्फीति 6.9 प्रतिशत थी।
उम्मीद है कि आपको ये खबर सरल और पसंद आई होगी और आपको RBI द्वारा बनाए गए रेपो रेट (Repo Rate increase by RBI) का सारा कच्चा चिट्ठा समझ आ गया होगा। आपके लिए इस खबर को हमारे वरिष्ठ सहयोगी मिथिलेश जी ने लिखा था। यहां क्लिक कर आप देश और दुनिया की अन्य खबरों के लिए आप The News 15 के YouTube चैनल पर जा सकते है ।