द न्यूज 15
चंडीगढ़। रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध से भले ही पूरी दुनिया प्रभावित हो रही हो पर इस जंग का फायदा भारतीय किसानों को मिलता दिखाई दे रहा है। दोनों देशों के बीच चल रहे युद्ध के चलते दुनिया भर में गेहूं की मांग बढ़ रही है। अब इसका असर देश में भी दिखाई दे रहा है। केंद्र सरकार की ओर से गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,015 रुपये प्रति क्विंटल है पर बाजार में यह दाम 2,250 से लेकर 2,300 रुपये तक है।
यही वजह है कि पंजाब सरकार इस बार गेहूं की 10 लाख टन कम खरीद कर रही है। यह माना जा रहा है कि यूक्रेन और रूस में युद्ध के चलते किसान गेहूं की फसल का एक हिस्सा बचाकर रखेंगे ताकि उसे भविष्य में वह निजी कारोबारियों को बेच सकें। दरअसल यूक्रेन युद्ध के चलते दुनिया भर में गेहूं की कमी हो गई है। शिकागो के वादा कारोबार में गेहूं की कीमत में 40 फीसदी तक की वृद्धि की गई है। दरअसल रूस और यूक्रेन दोनों ही गेहूं के बड़े निर्यातक देश हैं। युद्ध के चलते ये दोनों ही देश गेहूं का निर्यात नहीं कर पर रहे हैं।
गौरतलब है कि हमारे देश में हर वर्ष गेहूं का एमएसपी सरकार की ओर से तय किया जाता है। निजी कारोबारी एमएसपी से कम गेहूं खरीदते रहे हैं। इस बार यूक्रेन और रूस के बीच छिड़े युद्ध ने हालात को बदल दिए बदल दिए हैं और किसानों को अपनी फसल के अच्छे दाम मिलने की उम्मीद है।