वायरल वीडियो पर लोग कर रहे हैं ऐसे कमेंट, स्वामी शिवानंद (Swami Sivananda) को पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किया गया तो सोशल मीडिया पर कई तरह की प्रतिक्रिया आई
द न्यूज 15
नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 21 मार्च को 125 साल के योग गुरु स्वामी शिवानंद को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया। शिवानंद ने पुरस्कार लेने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को झुककर प्रणाम किया। इसके बाद पीएम मोदी ने भी उन्हें उठकर प्रणाम किया। जब शिवानंद राष्ट्रपति से सम्मान लेने पहुंचे तो वह महामहिम के सामने भी झुक गए। राष्ट्रपति ने भी शिवानंद का हाथ पकड़कर गले लगा लिया। शिवानंद का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
शिवानंद के वायरल वीडियो पर सोशल मीडिया यूजर्स कई तरह की प्रतिक्रिया देते नजर आ रहे हैं। पूजा शर्मा नाम की एक यूजर ने इस वीडियो को शेयर कर लिखा कि, ‘ये ही भारत की आत्मा है। शिवानंद जी हमें इस बात का एहसास करवा रहे हैं कि हमें अपनी जड़ों की ओर लौटना ही होगा। योगी ने बताया है कि आती श्वास, जाती श्वास पर ध्यान केंद्रित करने से कैसे चमत्कार होता है।’ डॉ नीरज बोरा नाम के एक यूजर ने लिखा – संस्कृति – संस्कार और सम्मान का अद्भुत संगम।
सतीश गौतम लिखते हैं कि ये ही भारत सबके हृदय में बसता है। सन् 1896 इमेजिन में स्वामी शिवानंद जी, जिनके पैरों में कोई जूता चप्पल नहीं। उस भारतीय संस्कृति के संवाहक हैं। जो आडंबर से अधिक कर्म करने में विश्वास करती है। सत्यजीत सिंह नाम के ट्विटर हैंडल से लिखा गया – ये सबसे खूबसूरत तस्वीर है, इसमें संस्कार और संस्कृति है। अनकहे ही संवाद है। 125 साल की उम्र में इनकी रगों में दौड़ते हिंदुस्तान को महसूस कीजिए।
जितेंद्र शर्मा ने कमेंट किया कि 125 साल के स्वामी शिवानंद सम्मान लेते वक्त तीन बार दंडवत हुए। ये सामर्थ्य की सहजता है, ये योग का कमाल है लेकिन सरकारी पुरस्कारों को खास से आम जन तक बना दें। ये संयोग की बात है। प्रमिला दीक्षित ने लिखा, ‘ लोकतंत्र में सरकारों को कितना लचीला होना चाहिए, ये तस्वीर इसका उदाहरण है। पुरस्कार वापसी के फेक नेरेटिव पर नहीं, अब सही जगह पुरस्कार के सकारात्मक पहलुओं पर चर्चा होनी चाहिए। 125 साल के स्वामी सिवानंद सहज भाव से प्रेरित कर रहे हैं प्रतिभा का सम्मान है, पहुंच का नहीं।