जापान में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। इसका केंद्र देश की राजधानी टोक्यो से 297 किलोमीटर उत्तर पश्चिम में था। तीव्रता 7.3 मापी गई है। सुनामी की चेतावनी जारी की गई है।
टोक्यो (एजेंसी)। के जोरदार झटकों से बुधवार को जापान दहल गया। देश के उत्तरी हिस्से में फुकुशिमा के तट पर इसकी 7.3 तीव्रता मापी गई। झटकों और कंपन के दौरान वहां के शहर, मेट्रो और ऑफिसों में जोरदार झटके किए गए महसूस। आलम यह था उस दौरान हर तरफ अफरा-तफरी का माहौल पनपा था। समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक, उत्तरी जापान में इससे चार लोगों की जान चली गई, जबकि 90 से अधिक लोग जख्मी हुए हैं। यही नहीं, इस दौरान करीब 20 लाख घरों की बत्ती भी गुल हो गई थी।
शक्तिशाली भूकंप के झटकों के चलते वहां सुनामी की चेतावनी भी जारी की गई। जापान मौसम विज्ञान एजेंसी के मुताबिक, स्थानीय समयानुसार बुधवार रात 11 बजकर 36 मिनट पर आए भूकंप का केंद्र समुद्र में 60 किलोमीटर की गहराई में था। यह क्षेत्र उत्तरी जापान का हिस्सा है, जो 2011 में नौ तीव्रता वाले विनाशकारी भूकंप और सुनामी से तबाह हो गया था। भूकंप के कारण परमाणु आपदा भी आई थी।
साल 2011 में आई आपदा के 11 साल पूरे होने के कुछ दिनों बाद यह भूकंप आया है। प्रशांत सुनामी चेतावनी केंद्र ने कहा कि सुनामी का खतरा अब नहीं है। हालांकि, जापान मौसम विज्ञान विभाग ने कम खतरे की चेतावनी जारी की है। तोक्यो समेत पूर्वी जापान में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। फिलहाल इसमें जानमाल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है।
टोक्यो में बिजली गुल- प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने संवाददाताओं से कहा कि उनकी सरकार भूकंप के कारण नुकसान की सीमा का आकलन कर रही थी है। टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी (9501.T) ने कहा कि राजधानी में 20 लाख घरों में बिजली नहीं है। अधिकारियों ने फुकुशिमा, मियागी और यामागाटा प्रान्त के निवासियों को ऑफटर शॉक्स की चेतावनी दी। कई टेक्टोनिक प्लेटों की सीमा पर स्थित जापान में काफी भूकंप आता है।
लद्दाख में भी कांपी धरतीः वहीं, लद्दाख में भी भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सेस्मोलॉजी के अनुसार इसकी तीव्रता 5.2 मापी गई। झटके देर शाम 7:05 मिनट पर महसूस किए गए। फिलहाल जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। झटके महसूस होते ही लोग अपने घरों से बाहर निकल आए, जिन्हें कुछ सेकेंड तक महसूस किया गया।
भूकंप आने का कारण- पृथ्वी के भीतर सात प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती हैं। इनमें टक्कर होती है। जहां इनमें ज्यादा टक्कर होती है तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है। सतह के कोने मुड़ जाते हैं, जिससे वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं। इसी के कारण भूकंप आता है।