महिदपुर के गांव के सरकारी स्कूल में पानी की सुविधायुक्त टॉयलेट्स का निर्माण की मांग 

0
295
सुविधायुक्त टॉयलेट्स का निर्माण की मांग 
Spread the love
द न्यूज 15 
नई दिल्ली। काश मेरे बारे में भी किसी ने सोचा होता,
स्कूलों में मेरी सुरक्षा से जुड़े इंतज़ाम किए होते,
मेरे स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी प्रदान की होती,
कम से कम साफ़ टॉयलेट व पानी की सुविधा दी होती,
तो आज शायद मैं भी 10वीं बोर्ड की परीक्षा देकर
अपने लिए एक ख़ूबसूरत भविष्य की नींव रख रही होती! ”सुप्रिया (बदला हुआ नाम), 2016 तक अपने गाँव के प्राथमिक स्कूल से पढ़ी और माध्यमिक स्कूल के लिए अपने गाँव से बाहर जाना पड़ा। शुरूआती 2 साल अपनी ज़िन्दगी और समस्याओं से जूझते तालमेल बैठाते वह पढ़ पाई किन्तु जब उसे माहवारी शुरु हुई तो उसके सामने असंख्य मुश्किलें थीं। न किसी का मार्गदर्शन, न कोई जानकारी या सहयोग जो उसे पहले से मिला हो, स्कूल से उसे इसमें से कुछ नहीं मिल पाया लेकिन घर से सहेलियों से ज़रूर कुछ जानकारी और जुगाड़ मिल गया था उसे। जब स्कूल के टॉयलेट्स में पानी नहीं था तो वह माहवारी के दिनों में घर ही रहती थी और जब ऐसे वह ज्यादा घर रहने लगी तो घर वालों का काम करना होता था। घर के कामों में उलझी सुप्रिया की पढाई छूटने लगी और जल्द उसके माता-पिता ने उसकी पढ़ाई पर पूर्णविराम लगा दिया!”
यह केवल एक लड़की की कहानी है जो महिदपुर तहसील के एक छोटे से गाँव में रहती है और उसके माँ-बाप अब उसके लिए लड़का खोज रहे हैं ताकि उसकी शादी हो जाए कुछ सालों में और उसका भविष्य सुरक्षित हाथों में चला जाए!
उज्जैन जिले की एक तहसील महिदपुर में गाँव के सरकारी स्कूल में पढाई छोड़ने वाली लड़कियों का प्रतिशत 2019 में 17% था जो कोरोना के बाद बढ़कर 60% के नजदीक पहुँच गया है. लड़कियों के स्कूल छोड़ने के पीछे 4 कारण प्रमुख हैं. पहला स्कूल में पानीकी सुविधायुक्त टॉयलेट्स का न होना, दूसरा मासिकधर्म के बारे में जानकारी और संसाधन का अभाव, तीसरा बाल-विवाह और अंतिम माँ-बाप के मन में लड़कियों की सुरक्षा की चिंता।
महिदपुर तहसील के 7 गाँव में सर्वे के दौरान हमने पाया कि केवल 2 स्कूल ही RTE 2009 के मानकों पर खरे उतरते हैं. अन्य सभी स्कूल में या टॉयलेट्स में पानी की सुविधा नहीं है, या दरवाजे नहीं है या उनकी सफाई ही नहीं होती है और  इस वजह से स्कूल की लडकियाँ उनका इस्तेमाल नहीं कर पाती है चाहे फिर वे आम दिन हों या पीरियड्स के दौरान!
हम वर्तमान में गाँव की लड़कियों के ज़रिये वहाँ की शिक्षा में गुणवत्तापूर्ण सुधार के लिए सरकारी स्कूल के कक्षा 3 से 5 के बच्चों के साथ सामुदायिक शिक्षा केंद्र के माध्यम से काम कर रहे हैं.हमारी मुहीम का लक्ष्य है कि महिदपुर तहसील के BEO इन गाँव में RTE के प्रावधानों के मापदंडो के अनुसार ग्रामीण स्कूल में टॉयलेट्स बनवाने के लिए कार्य करें और यह सुनिश्चित करें कि अगले तीन महीनों में इन सभी स्कूल के टॉयलेट्स में पानी की सुविधा हो और यह बच्चियों के लिए सुरक्षित बनें।
अगर यह मुहीम पूरी होती है और टॉयलेट्स सुचारू हो जाते हैं तो 7 गाँव की 300 से अधिक लडकियाँ अपनी पढ़ाई को जारी रख सकेंगी और अपने साथ साथ अपने परिवार की भी सूरत बदल सकेगी. इस पेटीशन पर हस्ताक्षर करके हमें सहयोग कीजिये कि जल्द जल्द हम गाँव की लड़कियों को इस समस्या से निजात दिला पाएं!

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here