द न्यूज 15
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना का कहना है कि गुरुवार को सीमापुरी के एक घर और पिछले महीने गाजीपुर बाजार में मिले आईईडी शहर भर में सार्वजनिक स्थानों पर विस्फोट करने के इरादे से तैयार किए गए थे। उन्होंने कहा कि स्थानीय समर्थन के बिना ऐसी गतिविधियां संभव नहीं हैं। वहीं, पुरानी सीमापुरी इलाके में आईईडी युक्त बैग मिलने के एक दिन बाद पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी है और वहां अतिरिक्त कर्मियों को तैनात किया है। 2.5 से 3 किलोग्राम वजनी इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) को बाद में डिफ्यूज कर दिया गया। पुलिस घर के मालिक और एक प्रॉपर्टी डीलर से पूछताछ कर रही है।
शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए राकेश अस्थाना ने कहा कि 17 जनवरी को गाजीपुर में और कल जो आईईडी बरामद किया गया है वो एक समान है। जांच के मुताबिक इन आईईडी को सार्वजनिक स्थानों पर विस्फोट करने के इरादे से तैयार किया गया था। स्थानीय समर्थन के बिना ऐसी गतिविधियां संभव नहीं हैं। उन्होंने कहा कि स्पेशल सेल और अन्य टीमें मामले की जांच कर रही हैं। उन्होंने कहा कि हम दिल्ली में इस तरह की हर घटना को रोकने की कोशिश कर रहे हैं साथ ही साथ किसी भी स्थानीय और विदेशी नेटवर्क को बेनकाब करने की कोशिश की जा रही है।
दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि संदिग्ध बैग मिलने के बाद करीब 400 लोगों को आसपास की इमारतों से खाली करा लिया गया था। हमने इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी है। बैरिकेड्स लगा दिए हैं और घर को सील कर दिया है। घटनास्थल को संरक्षित किया गया है। उन्होंने बताया कि स्थानीय पुलिस ने गणतंत्र दिवस से पहले सुरक्षा उपायों के तहत क्षेत्र में किराएदारों का सत्यापन भी किया था। स्थानीय पुलिस द्वारा एक स्थानीय जांच भी की गई है। वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि स्पेशल सेल की एक टीम ने बिल्डिंग के अंदर और आसपास लगे सभी सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी बरामद किया है जहां से संदिग्ध बैग मिला था।
घर के मालिक आशिम की मां ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें अपनी हिरासत में ले लिया है जबकि उनकी पत्नी ने कहा कि उन्होंने कुछ महीने पहले दो लोगों को किराए पर मकान दिया था, जहां विस्फोटक मिले हैं। वहीं, पूछताछ में मकान के मालिक ने पुलिस को बताया कि उसने मकान किराए पर देते समय दो लोगों के कागजात उपलब्ध कराये थे। एक अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि हालांकि, मामले की जांच कर रही स्पेशनल सेल यूनिट द्वारा दस्तावेज बरामद किए जाने बाकी हैं।
एनएसजी के सूत्रों ने कहा था कि विस्फोटक में अमोनियम नाइट्रेट और आरडीएक्स का मिश्रण होने का संदेह है, लेकिन एक फोरेंसिक लैब इसकी विस्तार से जांच करेगी। पिछले महीने गणतंत्र दिवस से पहले गाजीपुर फूल बाजार से बरामद विस्फोटक के समान होने के कारण पुलिस का मानना है कि ये दोनों मामले एक ही व्यक्ति से जुड़े हो सकते हैं।
एक अधिकारी के अनुसार गाजीपुर फूल बाजार मामले की जांच में पुलिस को पुरानी सीमापुरी में विस्फोटक के बारे में गुप्त सूचना मिली थी। दोपहर में सूचना मिलते ही स्पेशल सेल की टीम मौके पर पहुंच गई। एनएसजी के अधिकारी और फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी की टीम भी मौके पर पहुंच गई है। अधिकारी ने कहा, ‘हमारी टीम जब घर गई तो वह खाली थी। बैग वहीं मिला और हमने तुरंत एनएसजी को इसकी सूचना दी।’ उन्होंने बताया कि आरोपित भागने में सफल रहे हैं। हमें संदेह है कि ओल्ड सेमपुरी से बरामद विस्फोटक उन्हीं व्यक्तियों ने बनाया है, जिन्होंने पिछले महीने गाजीपुर फूल बाजार में आईईडी रखा था।
एनएसजी बम निरोधक दस्ते ने इमारत की दूसरी मंजिल से आईईडी को उठाया और एक जल अवरोधक का उपयोग करके नष्ट कर दिया गया। इसके बाद सबूत के सभी टुकड़े दिल्ली पुलिस को सौंप दिए गए। आपको बता दें कि जनवरी में गाजीपुर फूल बाजार में एक लावारिस बैग के अंदर आरडीएक्स और अमोनियम नाइट्रेट से भरा एक आईईडी मिला था, लेकिन बाद में इसे निष्क्रिय कर दिया गया था। यह घटना 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह से पहले हुई थी, जिसके लिए राष्ट्रीय राजधानी में सुरक्षा तंत्र पहले से ही हाई अलर्ट पर था।
शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए राकेश अस्थाना ने कहा कि 17 जनवरी को गाजीपुर में और कल जो आईईडी बरामद किया गया है वो एक समान है। जांच के मुताबिक इन आईईडी को सार्वजनिक स्थानों पर विस्फोट करने के इरादे से तैयार किया गया था। स्थानीय समर्थन के बिना ऐसी गतिविधियां संभव नहीं हैं। उन्होंने कहा कि स्पेशल सेल और अन्य टीमें मामले की जांच कर रही हैं। उन्होंने कहा कि हम दिल्ली में इस तरह की हर घटना को रोकने की कोशिश कर रहे हैं साथ ही साथ किसी भी स्थानीय और विदेशी नेटवर्क को बेनकाब करने की कोशिश की जा रही है।
दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि संदिग्ध बैग मिलने के बाद करीब 400 लोगों को आसपास की इमारतों से खाली करा लिया गया था। हमने इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी है। बैरिकेड्स लगा दिए हैं और घर को सील कर दिया है। घटनास्थल को संरक्षित किया गया है। उन्होंने बताया कि स्थानीय पुलिस ने गणतंत्र दिवस से पहले सुरक्षा उपायों के तहत क्षेत्र में किराएदारों का सत्यापन भी किया था। स्थानीय पुलिस द्वारा एक स्थानीय जांच भी की गई है। वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि स्पेशल सेल की एक टीम ने बिल्डिंग के अंदर और आसपास लगे सभी सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी बरामद किया है जहां से संदिग्ध बैग मिला था।
घर के मालिक आशिम की मां ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें अपनी हिरासत में ले लिया है जबकि उनकी पत्नी ने कहा कि उन्होंने कुछ महीने पहले दो लोगों को किराए पर मकान दिया था, जहां विस्फोटक मिले हैं। वहीं, पूछताछ में मकान के मालिक ने पुलिस को बताया कि उसने मकान किराए पर देते समय दो लोगों के कागजात उपलब्ध कराये थे। एक अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि हालांकि, मामले की जांच कर रही स्पेशनल सेल यूनिट द्वारा दस्तावेज बरामद किए जाने बाकी हैं।
एनएसजी के सूत्रों ने कहा था कि विस्फोटक में अमोनियम नाइट्रेट और आरडीएक्स का मिश्रण होने का संदेह है, लेकिन एक फोरेंसिक लैब इसकी विस्तार से जांच करेगी। पिछले महीने गणतंत्र दिवस से पहले गाजीपुर फूल बाजार से बरामद विस्फोटक के समान होने के कारण पुलिस का मानना है कि ये दोनों मामले एक ही व्यक्ति से जुड़े हो सकते हैं।
एक अधिकारी के अनुसार गाजीपुर फूल बाजार मामले की जांच में पुलिस को पुरानी सीमापुरी में विस्फोटक के बारे में गुप्त सूचना मिली थी। दोपहर में सूचना मिलते ही स्पेशल सेल की टीम मौके पर पहुंच गई। एनएसजी के अधिकारी और फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी की टीम भी मौके पर पहुंच गई है। अधिकारी ने कहा, ‘हमारी टीम जब घर गई तो वह खाली थी। बैग वहीं मिला और हमने तुरंत एनएसजी को इसकी सूचना दी।’ उन्होंने बताया कि आरोपित भागने में सफल रहे हैं। हमें संदेह है कि ओल्ड सेमपुरी से बरामद विस्फोटक उन्हीं व्यक्तियों ने बनाया है, जिन्होंने पिछले महीने गाजीपुर फूल बाजार में आईईडी रखा था।
एनएसजी बम निरोधक दस्ते ने इमारत की दूसरी मंजिल से आईईडी को उठाया और एक जल अवरोधक का उपयोग करके नष्ट कर दिया गया। इसके बाद सबूत के सभी टुकड़े दिल्ली पुलिस को सौंप दिए गए। आपको बता दें कि जनवरी में गाजीपुर फूल बाजार में एक लावारिस बैग के अंदर आरडीएक्स और अमोनियम नाइट्रेट से भरा एक आईईडी मिला था, लेकिन बाद में इसे निष्क्रिय कर दिया गया था। यह घटना 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह से पहले हुई थी, जिसके लिए राष्ट्रीय राजधानी में सुरक्षा तंत्र पहले से ही हाई अलर्ट पर था।