भाजपा के एजेंडे के तहत लाया गया है प्रयागराज में ब्रह्मा ऋषि आश्रम ट्रस्ट की ओर से आयोजित धर्म संसद में संतों का भारत को संवैधानिक रूप से हिंदू राष्ट्र घोषित करने का प्रस्ताव
द न्यूज 15
नई दिल्ली। जिस संविधान की वजह से हमारे देश का विशेष महत्व है। जिस संविधान की वजह से आज दलित और कमजोर वर्ग के लोगों को उनका अधिकार मिल रहा है। जिस संविधान की वजह से एक चाय बेचने का बेटा प्रधानमंत्री जैसे सर्वोच्च पद पर विराजमान है। उस संविधान की धज्जियां सत्ता में बैठे लोगों की शह पर उड़ाई जा रही हैं। वह भी उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव जीतने के लिए। दरअसल चाहे मंदिर लहर हो या फिर २०१३ में हुए मुजफ्फरनगर दंगे। भाजपा ने हिन्दुत्व के बल पर ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश में चुनावी माहौल बनाया था और इसी क्षेत्र की वजह से भाजपा ने न केवल १०९२ में बल्कि २०१७ में भी सत्ता हासिल की थी। दरअसल पश्चिमी उत्तर प्रदेश की धरती भावनात्मक मुद्दे के लिए बड़ी उपजाऊ है। यह बात भाजपा भलीभांति समझ चुकी है। यही वजह है कि जहां गृहमंत्री अमित शाह कैराना पलायन मुद्दे के साथ ही मुजफ्फरनगर दंगों को हवा दे रहे हैं वहीं प्रयाग में चल रही धर्म संसद में संत समाज से हिन्दू राष्ट्र का प्रस्ताव पारित करा दिया गया है। यह सब उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव जीतने के लिए किया जा रहा है।
दरअसल उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में माघ मेला क्षेत्र के महावीर मार्ग पर ब्रह्मा ऋषि आश्रम ट्रस्ट की ओर से आयोजित धर्म संसद में संतों ने भारत को संवैधानिक रूप से हिंदू राष्ट्र घोषित का प्रस्ताव पास किया. इसमें साथ ही कहा गया कि सभी लोग आज से ही हिंदू राष्ट्र भारत लिखेंगे। इस दौरान संतों ने भारत में मुसलमानों का अल्पसंख्यक दर्जा समाप्त करने की मांग की। इसके अलावा हिंदुओं के मठ मंदिर का अधिग्रहण खत्म करने समेत कई प्रस्ताव पारित किए गए। इसमें धर्मांतरण करवाने पर फांसी जैसी कठोर सजा का प्रावधान करने, जेल में बंद स्वामी नरसिम्हानंद गिरि और हाल में ही इस्लाम छोड़कर हिंदू धर्म स्वीकार करने वाले वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र त्यागी को रिहा करने का मुद्दा शामिल है। संतों ने कहा कि दोनों धर्मगुरुओं को बिना शर्त रिहा किया जाये। दरअसल यह सब भाजपा के इशारे पर किया जा रहा है। वैसे भी हिन्दू राष्ट्र भाजपा के एजेंडे में है।
इस कार्यक्रम में संत सम्मेलन के मुख्य अतिथि काशी सुमेरू पीठ के स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने देश के 80 करोड़ हिंदुओं का आह्वान किया कि सरकार माने या न माने, लेकिन लोग अभी से हिंदू राष्ट्र भारत लिखना शुरू करें। उनका कहना था कि भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना है और इस्लामिक जिहाद को दूर करना है।
दरअसल प्रयागराज में धर्म संसद होने की इजाजत नहीं मिल रही थी। ऐसे में इस धर्म संसद का नाम बदलकर संत सम्मेलन किया गया था। इससे पहले हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद को लेकर काफी विवाद हुआ था। उस सम्मेलन में शामिल यति नरसिम्हानंद गिरि और वसीम रिजवी सहित कई संतों ने मुसलमानों के खिलाफ बेहद भड़काऊ भाषण दिए इस मामले में पुलिस ने गिरि और रिजवी को गिरफ्तार कर चुकी है।