अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा का विश्वासघात दिवस को सफल बनाने का आह्वान 

0
218
अखिल भारतीय किसान मजदूर
Spread the love

द न्यूज 15 

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश कमेटी ने बयान जारी कर कहा है कि 31 जनवरी को विश्वास दिवस के तहत सभी सरकारी मुख्यालयों धरना-प्रदर्शन किया जायेगा। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष धर्मपाल चौहान और महासचिव हीरालाल ने कार्यकर्ताओं से अपील की है कि कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए हर स्तर से जुटना है। उन्होंने  कहा कि ऐतिहासिक किसान आन्दोलन के दबाव में मोदी सरकार को देशी व विदेशी कारपोरेटों के पक्ष में लाए गए 3 खेती के कानूनों को वापस लेना पड़ा। इसके साथ उसने कई अन्य घोषणाएं लिखित रूप में की थीं, जिन पर अमल नहीं किया गया। आरएसएस-भाजपा की मोदी सरकार की किसानों के साथ धोखाधड़ी का यह जारी रूप है। पहले भी किसानों ने संघर्ष बढ़ाकर इस फासीवादी सरकार को मजबूर किया था। आज भी हम संघर्ष बढ़ाकर ही सफल होंगे। दोनों किसान नेताओं ने कहा है कि 5 साल के योगी शासन में ग्रामीण जनता की समस्याएं तेजी से बढ़ी हैं। रोजगार घटते जा रहे हैं, शहरों से विस्थापन और पलायन जारी है। सरकार आवश्यक वस्तुओं की मंहगाई बढ़ाती जा रही है। खेती की लागत मंहगी है, फसल का रेट न मिलने से खेती का संकट गहरा है। टैक्स बढे हैं। जनता से नाजायज़वसूली बढी है। भ्रष्टाचार तेजी से बढ़ा है। सरकारी इलाज व शिक्षा से लोग पहले से ज्यादा वंचित हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौर में भाजपा का असली चरित्र खुलकर सामने आ गया है। कारपोरेट, विदेशी कम्पनी, बड़े भूस्वामियों और माफिया की सेवा करना; मेहनतकशों की जीविका छीनना, हक छीनना, उन पर दमन और अत्याचार करना। अब भी वह धर्म की आड़ लेकर, साम्प्रदायिक जहर फैलाने के प्रयास में है। दोनों किसान नेताओं का कहना है कि चुनाव के माहौल में बहुत सारे वादे किसानों को भरमाने के लिए किये जा रहे हैं और कई योजनाएं चुनावी ‘रिश्वत’ के रूप में अमल की गयी हैं। हमें संयुक्त किसान मोर्चे के आह्नवान के अनुसार, अपने संघर्ष को आगे बढ़ाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि वादानुसार सभी किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य देने के उद्देश्य से, केन्द्रीय कमेटी का गठन तुरंत किया जाए। फसलों की लागत घटाई जाए, सभी फसलों का कुल लागत (सी-2) के डेढ़ गुना पर एमएसपी घोषित किया जाए, सभी किसानों से खरीद की गारंटी की जाए। प्रदेश में गन्ने के रेट का सही निर्धारण कर सालों से बाकी बकाया को ब्याज समेत भुगतान किया जाए। लखीमपुर खीरी नरसंहार के मुख्य आरोपी, केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री, अजय मिश्र ‘टेनी’ को बर्खास्त व गिरफ्तार किया जाए। इस घटना में मारे गये हमलावरों की ‘हत्या’ के नाम पर किसानों की गिरफ्तारी व उत्पीड़न बंद किया जाए। किसान आन्दोलन के दौरान किसानों पर दर्ज सभी केस वापस लिये जाएं। किसान आन्दोलन में शहीद हुए किसानों और लखीमपुर में घायल किसानों के मुआवजे का तुरंत भुगतान किया जाए। ग्रामीणों व किसानों से बिजली बिलों की वसूली पर तुरंत रोक लगाई जाए। सभी ग्रामीणों को 300 यूनिट घरेलू व सिंचाई के लिए बिजली मुफ्त दी जाए। खेती का संकट हल किया जाए। किसानों पर चढ़े कर्जे माफ किये जाएं। डीजल, पेट्रोल, रसोई गैस के दाम आधे किये जाएं। आवारा पशुओं की समस्या का स्थायी हल किया जाए। कारपोरेट पक्षधर नीतियों के कारण समाज में बढ़ती दरिद्रता के मद्देनजर, राशन में 15 किलो प्रति यूनिट, प्रति माह के हिसाब से, किसानों द्वारा पैदा किया गया अनाज, दाल, चीनी, तेल सभी को मुफ्त दिया जाए। सभी वृद्धों, विकलांगों, विधवाओं को जीने लायक पेंशन रु 10,000/ माह दो। प्रयागराज व कौशाम्बी में, पर्यावरण सुरक्षा नियमों के अनुसार जमुना नदी में नाव द्वारा रेत का खनन विधिवत रूप से बहाल किया जाए, मशीनों से खनन पर रोक लगाई जाए व मजदूरों की आजीविका का रक्षा की जाए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here