द न्यूज 15
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश कमेटी ने बयान जारी कर कहा है कि 31 जनवरी को विश्वास दिवस के तहत सभी सरकारी मुख्यालयों धरना-प्रदर्शन किया जायेगा। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष धर्मपाल चौहान और महासचिव हीरालाल ने कार्यकर्ताओं से अपील की है कि कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए हर स्तर से जुटना है। उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक किसान आन्दोलन के दबाव में मोदी सरकार को देशी व विदेशी कारपोरेटों के पक्ष में लाए गए 3 खेती के कानूनों को वापस लेना पड़ा। इसके साथ उसने कई अन्य घोषणाएं लिखित रूप में की थीं, जिन पर अमल नहीं किया गया। आरएसएस-भाजपा की मोदी सरकार की किसानों के साथ धोखाधड़ी का यह जारी रूप है। पहले भी किसानों ने संघर्ष बढ़ाकर इस फासीवादी सरकार को मजबूर किया था। आज भी हम संघर्ष बढ़ाकर ही सफल होंगे। दोनों किसान नेताओं ने कहा है कि 5 साल के योगी शासन में ग्रामीण जनता की समस्याएं तेजी से बढ़ी हैं। रोजगार घटते जा रहे हैं, शहरों से विस्थापन और पलायन जारी है। सरकार आवश्यक वस्तुओं की मंहगाई बढ़ाती जा रही है। खेती की लागत मंहगी है, फसल का रेट न मिलने से खेती का संकट गहरा है। टैक्स बढे हैं। जनता से नाजायज़वसूली बढी है। भ्रष्टाचार तेजी से बढ़ा है। सरकारी इलाज व शिक्षा से लोग पहले से ज्यादा वंचित हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौर में भाजपा का असली चरित्र खुलकर सामने आ गया है। कारपोरेट, विदेशी कम्पनी, बड़े भूस्वामियों और माफिया की सेवा करना; मेहनतकशों की जीविका छीनना, हक छीनना, उन पर दमन और अत्याचार करना। अब भी वह धर्म की आड़ लेकर, साम्प्रदायिक जहर फैलाने के प्रयास में है। दोनों किसान नेताओं का कहना है कि चुनाव के माहौल में बहुत सारे वादे किसानों को भरमाने के लिए किये जा रहे हैं और कई योजनाएं चुनावी ‘रिश्वत’ के रूप में अमल की गयी हैं। हमें संयुक्त किसान मोर्चे के आह्नवान के अनुसार, अपने संघर्ष को आगे बढ़ाना चाहिए।