द न्यूज 15
मथुरा। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के लिए समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल ने गठबंधन किया है। लेकिन सत्ता हासिल करने से पहले ही सपा-आरएलडी गठबंधन में पेच फंसता दिखाई दे रहा है। दरअसल, यह पेच मथुरा की मांट विधानसभा पर फंसा है, जहां दोनों दलों के प्रत्याशियों ने अपना-अपना नामांकन दाखिल कर दिया है और इस कारण टेंशन बढ़ गई है।
आरएलडी और समाजवादी पार्टी अभी तक गठबंधन में उम्मीदवार उतारते रहे हैं लेकिन मांट सीट पर नामांकन दाखिल करने वाले दोनों उम्मीदवार इसे अपनी वर्चस्व की लड़ाई बताने लगे हैं, जिसके बाद पार्टी नेतृत्व की मुश्किलें बढ़ गई हैं। रालोद के उम्मीदवार योगेश नौहवार 2017 में भी यहां से चुनाव लड़े थे और 432 वोटों के छोटे अंतर से वह बसपा उम्मीदवार श्याम सुंदर शर्मा से हार गए थे।
योगेश नौहवार का कहना है कि उन्होंने इस क्षेत्र में काफी मेहनत की है और यहीं से चुनाव लड़ेंगे। ‘न्यूज24’ से बात करते हुए योगेश नौहवार कहते हैं कि इतने मामूली अंतर से हारने के बाद भी सीट को बलिदान करना, ये पार्टी को नुकसान करने वाली चीजें हैं। उन्होंने कहा कि गठबंधन से कोई फायदा नहीं है।
आरएलडी और समाजवादी पार्टी अभी तक गठबंधन में उम्मीदवार उतारते रहे हैं लेकिन मांट सीट पर नामांकन दाखिल करने वाले दोनों उम्मीदवार इसे अपनी वर्चस्व की लड़ाई बताने लगे हैं, जिसके बाद पार्टी नेतृत्व की मुश्किलें बढ़ गई हैं। रालोद के उम्मीदवार योगेश नौहवार 2017 में भी यहां से चुनाव लड़े थे और 432 वोटों के छोटे अंतर से वह बसपा उम्मीदवार श्याम सुंदर शर्मा से हार गए थे।
योगेश नौहवार का कहना है कि उन्होंने इस क्षेत्र में काफी मेहनत की है और यहीं से चुनाव लड़ेंगे। ‘न्यूज24’ से बात करते हुए योगेश नौहवार कहते हैं कि इतने मामूली अंतर से हारने के बाद भी सीट को बलिदान करना, ये पार्टी को नुकसान करने वाली चीजें हैं। उन्होंने कहा कि गठबंधन से कोई फायदा नहीं है।
दूसरी तरफ, समाजवादी पार्टी की तरफ से एमएलसी डॉ. संजय लाठर मांट विधानसभा क्षेत्र से भाग्य आजमाने जा रहे हैं। इससे पहले वह 2012 में भी मांट से विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव के करीबी माने जाने वाले डॉ. संजय लाठर सपा युवजन सभा और सपा छात्र सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे हैं।
संजय लाठर ने कहा, ”पहले उनको (योगेश नौहवार) को टिकट मिला था लेकिन बाद में मुझे टिकट मिल गया। टिकट को लेकर कोई विवाद नहीं था, ये गठबंधन का मामला है। उनका राष्ट्रीय नेतृत्व उनको समझाने में लगा है।”
फिलहाल, संजय लाठर और योगेश नौहवार एक-दूसरे के खिलाफ ताल ठोकते नजर आ रहे हैं और दोनों में से कोई भी उम्मीदवार नामांकन वापस नहीं लेना चाहते हैं। देखना है कि आने वाले समय में इस सीट को लेकर सपा-आरएलडी गठबंधन अंतिम फैसला क्या करता है।