चेन्नई| तमिलनाडु में पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश से करीब 55,000 हेक्टेयर भूमि जलमग्न हो गई है, जिसमें से 3,500 हेक्टेयर में फसल नष्ट हो गई है। राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री केकेएसएसआर रामचंद्रन ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “लगभग 3500 हेक्टेयर फसल को नुकसान पहुंचा है और इससे हम प्रभावित होंगे। हालांकि, हमें कुल नुकसान का पता लगाने के लिए विस्तार से अध्ययन करना होगा। बारिश और हवाएं थमने के बाद आने वाले दिनों में मुआवजा और अन्य कारकों पर फैसला किया जाएगा।”
भारी बारिश से भारी मात्रा में फसल नष्ट होने से केरल जैसे पड़ोसी राज्यों में सब्जियों की आपूर्ति भी खतरे में पड़ गई है।
तमिलनाडु किसान संघ के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया, “केरल को सब्जियों की आपूर्ति में गिरावट आई है और एक मोटे अनुमान के मुताबिक आपूर्ति 60 फीसदी से अधिक प्रभावित हुई है। इन नुकसानों की भरपाई कैसे की जा सकती है, यह एक मिलियन डॉलर का सवाल है।”
तमिलनाडु के किसान जो कोविड महामारी की दूसरी लहर के बाद घाटे की भरपाई करना चाह रहे थे, वे अब अनिश्चित भविष्य की ओर देख रहे हैं।
चेंगलपट्टू में सब्जी किसान संघ के सचिव, सेल्वा गणपति ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “तमिलनाडु के किसान धीरे-धीरे महामारी से उबर रहे थे, लेकिन अब अचानक हुई बारिश ने हमारी सभी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। पता नहीं कब हमें मुआवजा मिलेगा। राजस्व मंत्री पहले ही कह चुके हैं कि सरकार बारिश के बाद फसलों को हुए नुकसान का आकलन करेगी और हम उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार हमें बेहतर तरीके से मुआवजा देगी।”
मुख्यमंत्री, एम.के. स्टालिन ने घोषणा की है कि उनकी सरकार मूसलाधार बारिश से प्रभावित सभी लोगों का समर्थन करेगी और उनकी देखभाल करेगी।