गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से पटना में बंद किए गए 76 सरकारी स्कूल

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पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी बाढ़ का खतरा

पटना। बिहार की राजधानी पटना में कई जगहों पर गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर जाने के कारण जिला प्रशासन ने ग्रामीण इलाकों में 76 सरकारी विद्यालयों को 21 सितंबर तक बंद करने का आदेश दिया गया है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, “गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने के मद्देनजर पटना जिले के आठ प्रखंडो में कुल 76 सरकारी स्कूल 21 सितंबर तक बंद रहेंगे। गंगा नदी का जलस्तर कुछ जगहों पर खतरे के निशान को पार कर गया है। जिले के ग्रामीण इलाकों में विद्यार्थियों और शिक्षकों की सुरक्षा के लिए यह फैसला लिया गया है।”
बिहार सरकार ने हाल ही में जिलाधिकारियों को अपने अधिकार क्षेत्र में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न होने पर विद्यालयों को बंद करने के बारे में निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया है। जिला प्रशासन द्वारा बुधवार को जारी एक बयान के अनुसार, “गंगा नदी पटना के गांधी घाट पर खतरे के निशान 48.60 मीटर (बुधवार सुबह 6 बजे तक) से ऊपर बह रही थी। इसी तरह हाथीदह और दीघा घाट पर गंगा नदी क्रमशः 41.76 मीटर और 50.45 मीटर खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी।”बता दें कि बिहार में गंगा नदी उफान पर है और नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इस कारण गंगा नदी के आसपास बसे कई गांव बाढ़ की चपेट में आने वाले हैं।
लगातार बढ़ रहे जलस्तर के कारण समस्तीपुर और वैशाली जिले के कई इलाकों, घरों और स्कूलों में गंगा नदी का पानी घुस गया है। ऐसे में लोगों को तमाम परेशानियों सो जूझना पड़ रहा है। बता दें कि पिछले तीन दिनों से गंगा नदी के जलस्तर में तेजी से बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है। बाढ़ के प्रभाव से बचने के लिए लोग ऊंचे स्थानों पर ठिकाना ले रहे हैं। बता दें कि इससे पहले अगस्त महीने में भी बिहार के कई गांव जलमग्न हो गए थे।इस बीच उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल का भी ऐसा ही हाल है। गाजीपुर, बलिया, वाराणसी इत्यादि जिलों में गंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, इस कारण कई गांवों पर बाढ़ की चपेट में आने का खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में सरकार द्वारा इसे लेकर तैयारियां भी शुरू कर दी गई है।

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