राजस्थान के नीमराना स्थित डाइकिन प्लांट के 45 निलंबित मजदूरों पर एकतरफा कार्रवाई करते हुए मैनेजमेंट ने बर्खास्त कर दिया है। यूनियन को मान्यता देने को लेकर 2019 में मजदूरों की रैली पर चार्ज और पथराव के बाद इन्हें निलंबित कर दिया गया था। यूनियन का आरोप है कि बीते महीने डाइकिन एयर कंडीशनिंग मैनेजमेंट ने 45 लोगों को बिना किसी ठोस इंक्वायरी के एकतरफा कार्रवाई करते हुए निष्कासित कर दिया गया।
चार साल से निलंबित 45 मजदूरों ने अपनी कार्य बहाली के मसले पर हजारों बार प्रबंधन से बात करने का प्रयास किया है लेकिन हर बार मजदूरों के हाथ निराशा ही लगती है। डाइकिन मजदूर यूनियन के सदस्यों ने अपनी मांगों का ज्ञापन व मांग पत्र कई बार जिला कलेक्ट्रेट और श्रम विभाग को सौंपा है लेकिन अभी तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है। डाइकिन मजदूर कामगार यूनियन के महासचिव और अलवर संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष मनमोहन ने बताया कि 7 जुलाई को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत डाइकिन के नीमराना प्लांट में उद्योगपतियों से मीटिंग करने आये थे। इसी दौरान डाइकिन मजदूर यूनियन ने भी पत्र के माध्यम से एक बैठक करने की मांग की थी, जिसका जवाब अभी तक नहीं आाय है।
उन्होंने बताया कि डाइकिन प्लांट में अभी भी मजदूरों की छंटनी लगातार जारी है। मजदूरों के साथ शोषण की घटनाएं भी लगातार बढ़ती जा रही हैं। कोई मजदूर संगठन इन मुद्दों पर मीटिंग या प्रदर्शन करने की योजना बनाता है तो उसको सस्पेंड करने की धमकी दी जाती है। साथ ही प्रबंधन मजदूरों की छोटी-छोटी गलतियों को तलाश कर उनको नोटिस थमा रहा है। मनमोहन ने वर्कर्स यूनियन के साथ एक पत्र साझा किया है, जिसमें नीमराना के सभी प्लांट के मजदूरों ने अपनी मांगों का एक सामूहिक ज्ञापन दिया है। इसमें बताया गया है कि रुचि बीयर के 40 मजदूर एक साल से अधिक समय से अवैध छंटनी से जूझ रहे हैं।
उनके लगातार प्रदर्शन के बाद भी मजदूरोा को कार्य बहाल नहीं किया गया है। नीमराणा औद्योगिक क्षेत्र स्थित डीआईडी कंपनी में मजदूर यूनियन बनाने के आरोप में ८ परामेंट मजदूरों को तुरंत निलंबित कर दिया गया था और इनकी जगह पर 100 से अधिक कांट्रैक्ट मजदूरों को तुरंत काम पर रख लिया गया था। अभी तक इन 8 स्थाई मजदूरों का कार्यबहाल नहीं किया गया है। दरअसल एयर कंडीशनिंग में 45 लोगों को बिना किसी ठोस इंक्वायरी के एक तरफा कार्रवाइॅ करते हुए निष्कासित कर दिया गया। 2019 में हुए मजदूर और अधिकारियों की झड़प के दौरान लाठीचार्ज हुआ था, जिसके बाद ४५ मजदूरों को जूठा केस बनाकर निलंबित कर दिया गया था।