अब हवा से होगी रखवाली, ‘पीला सोना’ चमकाएगा सरकार का खजाना
दीपक कुमार तिवारी।पटना।
बिहार में इस साल 400 नए बालू घाटों से कारोबार शुरू होगा। अभी तक 370 से ज्यादा घाटों की नीलामी हो चुकी है और 600 से ज्यादा घाटों की नीलामी की प्रक्रिया जारी है। पहले से ही 580 घाट हैं, लेकिन उनमें से 250 घाट ऐसे हैं जो बहुत बड़े हैं इसलिए उनकी नीलामी नहीं हो पाई थी। 15 अक्टूबर से राज्य में फिर से बालू खनन शुरू होगा, जिसके बाद बालू घाटों की नीलामी में तेज़ी आएगी।
15 अक्टूबर से राज्य में शुरू होने वाले बालू खनन पर अब ड्रोन से नज़र रखी जाएगी। खनन कार्यों में पारदर्शिता के लिए सभी घाटों और सभी जिला कार्यालयों में बैनर लगाए जाएंगे। खनन शुरू होने से पहले ही बंदोबस्त घाट की सीमा तय कर दी जाएगी। जिन घाटों की बंदोबस्ती नहीं की गई है वहां सरकारी बैनर लगा दिए जाएंगे ताकि अवैध खनन होने पर तुरंत कार्रवाई की जा सके। अवैध खनन की सूचना देने वालों का नाम गुप्त रखा जाएगा और उन्हें सम्मानित भी किया जाएगा।
उपमुख्यमंत्री सह खान एवं भूतत्व विभाग के मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने पिछले दिनों इसे लेकर विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी की। उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि कुछ लोग सेकेंडरी लोडिंग का हिसाब-किताब नहीं रख रहे हैं। इसलिए नियम में आवश्यक बदलाव किया जाए। उन्होंने कहा कि अगर कहीं अवैध खनन होता है तो उसके बगल वाले बंदोबस्तधारी को नोटिस भेजा जाएगा और उनसे पूछा जाएगा कि आपने अवैध खनन की सूचना क्यों नहीं दी।
इसके साथ ही संबंधित थाना के पुलिस निरीक्षक भी ज़िम्मेदार होंगे। उन्होंने कहा कि खनन को अभिशाप नहीं बल्कि वरदान बनाना है। उन्होंने कहा कि 15 अक्टूबर से ड्रोन के ज़रिए बालू घाटों की सीमा पर नज़र रखी जाएगी, जिससे अवैध खनन की सही स्थिति का पता चल सकेगा।
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि राजस्व बढ़ाने के लिए कई कोशिशें की जा रही हैं। पिछले साल सितंबर महीने तक 575 करोड़ रुपये का राजस्व मिला था, जो इस साल सितंबर महीने में बढ़कर 1034 करोड़ रुपये हो गया। इस तरह लगभग 80 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। यह बिहार सरकार की पारदर्शिता, शासन-प्रशासन में बैठे अधिकारियों और कर्मचारियों की कड़ी मेहनत और अवैध खनन पर रोक का नतीजा है।