300 year old temple : 22 अप्रैल को twitter पर राजस्थान के मंदिर की चर्चा बनी रही। BJP IT सेल के मुखिया अमित मालवीय (amit malviya) ने राजस्थान के 300 साल पुराने मंदिर (300 year old temple) की फोटो शेयर करते हुए कहा कि कांग्रेस ने राजस्थान (rajasthan) में 300 साल पुराना मंदिर (300 year old temple) गिरा दिया हैं। अमित मालवीय (amit malviya) ने दिल्ली के जहांगीरपुरी पर कांग्रेस के आवाज उठाने के मामले को भी इसी पर नथ्थी कर दिया और कांग्रेस को तुष्टिकरण की राजनीति करने वाला बताया।
भारत में इन दिनों बुलडोजर (bulldozer) एक्शन सुर्खियों में है। उत्तर प्रदेश में माफियाओं पर बुलडोजर चला तो दिल्ली, पंजाब, मध्य प्रदेश में भी बुलडोजर का असर नजर आया। मामला इतना गंभीर हो गया है कि दिल्ली के जहांगीरपुरी में बुलडोजर (bulldozer) कार्रवाई का मामला सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा है। इस बीच राजस्थान के अलवर में 300 साल पुराने मंदिरों (300 year old temple) पर राजस्थान(rajasthan) सरकार के बुलडोजर (bulldozer) चलाने का मामला सामने आने पर अब कांग्रेस घिरती नजर आई लेकिन कहानी अभी तक एक तरफा ही थी। अब कांग्रेस ने क्या आरोप लगाए जानते है लेकिन उसके पहले अब तक का पूरा घटनाक्रम जानते हैं।
पहले हम मामले को समझते है –
दरसल, अलवर के राजगढ़ में तीन हिंदू मंदिरों को गिराने की बात सामने आ गई। मास्टर प्लान में अतिक्रमण के वजह से राजगढ़ प्रशासन ने 300 साल पुराने तीन मंदिरों (300 year old temple) को गिरा दिया। इन मंदिरों में लगी भगवान शिव, हनुमान जी समेत अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियों को खंडित कर दिया गया है। ये शिवालय पर जूते पहनकर चढ़ने और मूर्तियों पर कटर मशीन चलाने से हिंदूवादी संगठन भड़क गए हैं, वहीं स्थानीय लोगों ने जब इसका विरोध किया तो पुलिस ने बलपूर्वक उनको हटाया।
किस किस के खिलाफ मामला दर्ज –
यह पूरी घटना क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है। 17 अप्रैल से लगातार इस तरह के मामले राजगढ़ में सामने आ रहे हैं।। इसके विरोध में क्षेत्र के कांग्रेस विधायक जौहरी लाल मीणा, SDM केशव प्रसाद वीणा, नगर पालिका के चेयरमैन सतीश दुहारिया के खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज करवाने के लिए तहरीर दी गई है।।अब इस पूरे मामले पर राजनीति गरमा गई है।राजस्थान (rajasthan) में कांग्रेस की सरकार है ऐसे में बीजेपी ने इस मामले में कांग्रेस पर निशाना साध दिया है। आरोप- प्रत्यारोप का दौर शुरु हो चुका है।
मंदिर पर BJP का पक्ष (300 year old temple)-
इस मामले पर BJP नेशनल आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय (amit malviya) ने कहा है कि हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचाना ही कांग्रेस का सेक्युलरिज्म है। मालवीय ने अपने ट्वीट में लिखा, ”राजस्थान (rajasthan) के अलवर में विकास के नाम पर तोड़ा गया 300 साल पुराना शिव मंदिर (300 year old temple) करौली और जहांगीरपुरी पर आंसू बहाना और हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचाना- पहुंचाना- यही है कांग्रेस का सेक्युलरिज्म।”
इसके बाद एक और ट्वीट में मालवीय ने कहा, ”18 अप्रैल को राजस्थान (rajasthan) के राजगढ़ कस्बे में बिना नोटिस प्रशासन ने 85 हिंदुओं के पक्के मकानों और दुकानों पर बुलडोजर (bulldozer) चला दिया।”
मंदिर पर कांग्रेस का पक्ष (300 year old temple)-
कांग्रेस सरकार में मंत्री सरकार में मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने बताया कि नगरीय निकाय बोर्ड का चेयरमैन BJP का है सड़क के चौड़ीकरण का प्रस्ताव लाकर मंदिर को गिराने की कार्यवाही की जबकि कांग्रेस से सदा इसका विरोध भी किया हैं।
वही कांग्रेस विधायक जौहरी लाल वीणा ने बताया कि मंदिर तोड़ने पर अतिक्रमण हटाने में कांग्रेस पार्टी का कोई रोल नहीं है, भाजपा की अगुवाई में ही बोर्ड की मीटिंग में सारे निर्णय लिए, जिसमें मंदिर हटाने की बात का जिक्र भी था, BJP पर आरोप लगाया कि ये भगवान को नही मानते और राम के नाम पर राजनीति करते हैं और मंत्री जी ने खुद को भगवान को मानने वाला बताया।
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अब जानते है कि सच्चाई क्या है आखिर किसका है राजगढ़ – राजगढ़ नगर पालिका बोर्ड BJP का है, BJP के सतीश दुहारिया बोर्ड के चेयरमैन है। राजगढ़ में 38 मे से एक पार्षद कांग्रेस का है, बोर्ड ने ही 17 अप्रैल को सर्वसम्मति से सड़क चौड़ी करने का आदेश दिया गया हैं कार्यवाही के लिए SDM केशव मीणा से 150 पुलिसकर्मी और अन्य संसाधन मांगे थे। इसके बाद कार्यवाही की गई।
लिखत आदेश में ये सामने आया कि मंदिर का गर्भगृह सुरक्षित हैं मंदिर से मूर्तियां पहले ही हटा ली गई थी। मंदिर तोड़ने से पहले ही सारी मूर्तियों को ससम्मान हटा लिया गया। मंदिर से हटाई मूर्तियों को पुनर्स्थापित करने का काम नगर पालिका राजगढ़ करेगी।
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अब ये आप तय करें कि मंदिर तोड़ने का आदेश किसने किसके कहने पर दिया था कौन इस मामले पर भड़काने का प्रयास कर रहे थे और 300 साल पुराने मंदिर (300 year old temple) तोड़ने की घटना को बुलडोजर (bulldozer) की कार्यवाही पर सवाल उठाने से ले जा कर जोड़ दिया।
बात करें राजस्थान (rajasthan) की तो हाल ही में करौली में नव संवत्सर पर शोभायात्रा के दौरान पथराव के हिंसा हो गई थी और जब अभी करोली का हिंसा के घाव भरे नहीं हैं ऐसे में अलवर के 300 साल पुराने मंदिर (300 year old temple) को बुलडोजर (bulldozer) के हवाले कर देना, राजस्थान सरकार (rajasthan government) पर सवालिया निशान खड़ा करता है, और इस कार्रवाई के बाद अगर वहां का माहौल खराब होता है तो जिम्मेदार कौन होगा ?