हर जुबां पे एक ही फ़साना होगा इंकलाब इंकलाब  का तराना होगा ..

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मुल्क को बचाने के लिए
क्रांति का बिगुल फिर से बजाना होगा ..
अपनी आज़ादी के लिए
मिलकर आवाज़ उठाना होगा ..
सरकारी तानाशाही के खिलाफ
इंक़लाब का नारा लगाना होगा ..
खुली हवा खुले आसमां की ख़ातिर
हर दिल में क्रांति की लौ जलाना होगा ..
आज़ाद सपनों के लिए
हर घर में एक भगत सिंह बनाना होगा ..
हर ज़ुबान पे एक ही फ़साना होगा
हर घर में एक भगत सिंह बनाना होगा ..
शहीद ए आजम भगत सिंह की जयंती पर भेंट स्वरूप अर्पित ।
इंकलाब जिंदाबाद  इंकलाब जिंदाबाद  …
के एम भाई

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