नई दिल्ली| केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने रविवार को महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ रिश्वतखोरी के एक मामले में रविवार को एक ‘व्हीलर डीलर’ को गिरफ्तार किया। एजेंसी ने संतोष जगताप को ठाणे से भ्रष्टाचार निरोधक कानून की संबंधित धाराओं के तहत रविवार सुबह गिरफ्तार किया। उसे बाद में दिन में अदालत में पेश किया गया और पूछताछ के लिए उसे चार नवंबर तक के लिए एजेंसी की हिरासत में भेज दिया गया।
आरोप है कि जगताप सरकारी अधिकारियों के तबादलों और पोस्टिंग में लगा हुआ था। एजेंसी ने जगताप को जांच में शामिल होने के लिए समन जारी किया था, लेकिन उसने बार-बार अनदेखी की। इसके बाद सीबीआई ने अदालत का दरवाजा खटखटाया, उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट हासिल किया और उसे गिरफ्तार कर लिया।
यह भी आरोप है कि वह देशमुख के सीधे संपर्क में था।
एजेंसी ने अगस्त में उसके घर पर भी छापेमारी की थी और उसके घर से फोन, लैपटॉप और दस्तावेजों के अलावा 9 लाख रुपये नकद जब्त किए गए थे।
एजेंसी ने 21 अप्रैल को देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार और आधिकारिक पद के दुरुपयोग के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की थी। बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्देश पर एजेंसी ने उनके खिलाफ प्रारंभिक जांच की, जिसके बाद प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
उच्च न्यायालय द्वारा सीबीआई को प्रारंभिक जांच करने का आदेश देने के बाद देशमुख ने पद से इस्तीफा दे दिया था।
प्राथमिकी में कहा गया है, “प्रारंभिक जांच में प्रथम दृष्टया पता चला है कि इस मामले में एक सं™ोय अपराध बनाया गया है, जिसमें महाराष्ट्र के तत्कालीन गृहमंत्री अनिल देशमुख और अज्ञात अन्य लोगों ने जनता के प्रति कर्तव्य और बेईमानी कर अनुचित लाभ प्राप्त करने का प्रयास किया है।”
आरोप लगाया गया था कि देशमुख ने कथित तौर पर कुछ पुलिस अधिकारियों को मुंबई में बार और रेस्तरां से हर महीने 100 करोड़ रुपये इकट्ठा करने के लिए कहा था। इससे पहले एजेंसी ने मुंबई और नागपुर में देशमुख के ठिकानों पर भी छापेमारी की थी।