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पुतिन के खिलाफ छिड़ा विद्रोह अब शांत होता दिख रहा हैं, वैगनर ग्रुप के चीफ येवगेनी प्रिगोजिन का कहना हैं की उन्होंने रूस या पुतिन के खिलाफ कोई भी विद्रोह नहीं छेड़ा था, रूसी मीडिया के अनुसार इस विद्रोह के पीछे अमेरिकन एजेंसी CIA का हाथ बताया जा रहा हैं ! साथ ही इस घटना के बाद NATO देश भी युद्ध से दूरी बनाते दिख रहे हैं !
CIA का हाथ पुतिन के खिलाफ !
बीते दिनों में रूस में तख्तापलट की खबरों के बिच अब तस्वीर साफ होती दिख रही हैं, रूसी मीडिया की रिपोर्ट्स की माने तो रूस के तख्तापलट के पीछे अमेरिका की खुफ़िआ एजेंसी CIA का हाथ बताया जा रहा है,मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वैगनर ने अचानक ही पुतिन के खिलाफ मोर्चा नहीं खोला था बल्कि बताया ये जा रहा है की CIA और वैगनर ग्रुप के बिच एक गुप्त मीटिंग हुई जिसमे इस तख्तापलट की प्लानिंग की गयी , साथ ही NATO देशो की भी इसके अंदर मिलीभगत थी ,लेकिन अब लगता है की उनका पासा यूक्रेन के हक्क में न गिरते हुए रूस के हक्क में गिर गया हैं, पुरे यूरोप मे अब यूक्रेन को मदद न करने की मांग उठ रही हैं ,इस विद्रोह की वजह से वैगनर पर अमेरिका मेहरबान नज़र आ रहा हैं उसने वैगनर को कई तरह की रिआयत भी प्रदान करी !
यूरोप और अमेरिका के हटते कदम !
रूस और यूक्रेन के युद्ध को शुरू हुए 16 महीने से ज़्यादा हो चुके है इसी बीच पुतिन के खिलाफ बग़ावत होने के बाद यूक्रेन युद्ध में आया है बड़ा मोड़ कई नाटो देश अब युद्ध से पीछे हटते दिख रहे हैं, वही कई देश जो युद्ध में यूक्रेन को मदद कर रहे थे अब उन्होंने मदद करने से पीछे हटता देखा जा रहा हैं , वही यूरोप के देश नीदरलैण्ड में भारी विद्रोह देखा जा रहा हैं वहा की जनता मांग कर रही हैं की यूक्रेन को युद्ध में मदद न की जाये, वही जर्मनी ने यूक्रेन को तय वादे के अनुसार F-16 जेट फाइटर प्लान देने से इंकार कर दिया हैं! वही अमेरिकन संसद में भी यूक्रेन की मदद करने के खिलाफ आवाज उठी हैं, अमेरिका ने अपने सबसे मजबूत ड्रोन में से एक ‘ग्लोबल हॉक’ को यूक्रेन की निगरानी के काम पर लगया हैं,खबरों की माने तो अमेरिका ने Black Sea में 4, RE-4 ‘ग्लोबल हॉक’ को तेहनात किया हैं,ये जानकारी सार्वजनिक नहीं हैं की वो जानकारी यूक्रेन को दे रहा हैं या वह खुद ही रूस के सैना पर नज़र रखे हुए हैं !
कितना है पुतिन की कुर्सी को खतरा ?
यूरोप की मीडिया के द्वारा दवा किया जा रहा हैं, की पुतिन की ताकत कम होती जा रही हैं, क्योकि ऐसा पहली बार हुआ हैं की पुतिन के खिलाफ किसी ने तख्तापलट की कोशिश की हैं, ये भी कहा जा रहा हैं की यदि पुतिन अगर कमजोर होते तो वो सिर्फ 18 घंटो में विद्रोह को कैसे शांत करा देते, दूसरी और ये भी कयास लगाए जा रहे हैं की दूसरी बार भी विद्रोह हो सकता हैं क्योकि वैगनर के चीफ येवगेनी प्रिगोजिन रूस को छोड़ कर उसी के पड़ोसी देश बेलारूस चले गए हैं और अनुमान ये लगाया जा रहा हैं की वो वह से ही पुतिन के खिलाफ मोर्चा खोल सकते हैं,साथ ही जो सैनिक विद्रोह में शामिल थे उन्मे से किसी भी सैनिक पर मुकदमा नहीं चले गा ! रूस के रक्षामंत्री Sergei Shoigu जिनको लेकर माना जा रहा हैं जिनकी वजह से इस विद्रोह की शुरूआत हुई थी,उन पर बार-बार ये आरोप लगता रहा हैं की वो सेना को ठीक से मैनेज नहीं कर पा रहे हैं,पुतिन ने उन्हें हटाया नहीं हैं !