रंजिश ही सही दिल दुखाने के लिए आ। आ फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए आ। फ़राज़ साहब की यह लाइन आज नीतीश कुमार पर बिलकुल सटीक बैठ रही है। नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से मिलकर नीतीश कुमार ने महागठबंधन के नेता का पद त्याग दिया और बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए में शामिल हो गए इन दस सालों में नितीश कुमार ने पांचवी बार पलटी मारी है। लेकिन वो मुख्य मंत्री पहली या दूसरी बार नहीं बल्कि नौंवी बार बने हैं। कभी NDA के साथ गठबंधन में रहकर CM, कभी UPA के साथ, कभी नए-नए बने इंडिया अलायन्स के साथ. नीतीश कुमार ने महागठबंधन सरकार से इस्तीफे के तुरंत बाद अपनी चुप्पी तोड़ी। उन्होंने बताया कि आखिर क्या परिस्थितियां थी जिसके चलते उन्हें इस्तीफे के लिए मजबूर होना पड़ा। इंडिया अलायन्स पर तंज कस्ते हुए कहा कि वहां भी लोगों को तकलीफ थी यहां भी लोगों को तकलीफ थी काम नहीं होने दिया जा रहा था, इसीलिए हमने पार्टी के लोगों की राये सुनी और इस्तीफे का फैसला किया।
नीतीश कुमार अगस्त 2022 में बीजेपी से गठबंधन तोड़कर राजद के साथ आए थे। राजनीती में नीतीश कुमार का ये पहला यू-टर्न नहीं था। यही वजह है कि तब ना उनके बीजेपी से गठबंधन तोड़ने को लेकर हैरानी हुई थी और ना ही राजद के साथ नई सरकार बनाने से।पिछले कुछ दिनों से बिहार की राजधानी पटना से आ रहे सभी संकेत एक तरफ़ इशारा कर रहे थे कि ‘इंडिया गठबंधन’ को एकजुट करने की कोशिशों में लगे नीतीश कुमार अब ख़ुद ही गठबंधन को छोड़कर दूसरे गठबंंधन में जा सकते हैं, जिसका राजनीतिक विकल्प देने की कोशिशें वो कर रहे थे।ये तो हुई नीतीश कुमार की बात अब आपको हम वो बयान भी सुनाने जा रहे हैं जो नितीश के इस्तीफे के बाद विपक्षी दल बोल रहा हैं। राजद और कांग्रेस के कई नेताओं के बयान सामने आ रहे हैं। कोई उन्हें गिरगिट कह रहा है तो कोई उन्हें पलटूराम बता रहा है। कई लोगों का मानना है कि नीतीश कुमार की राजनीति अब खत्म होने वाली है। बिहार में 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव में उनका पत्ता साफ हो जाएगा। कुछ नेताओं का कहना है कि जब नीतीश कुमार NDA को छोड़कर महागठबंधन में शामिल हुए थे तभी ये तय हो गया था कि एक दिन ये आदमी फिर से पलटी मारेगा।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “बिहार के उपमुख्यमंत्री (तेजस्वी यादव) और लालू प्रसाद यादव ने इस बारे में संकेत दिया था और आज यह सच हो गया। ‘ऐसे देश में बहुत सारे लोग हैं, आया राम गया राम’।” केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, “नीतीश कुमार को मैं धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया। उनकी जो भी मजबूरी रही लेकिन बिहार पेशोपेश में था, डेढ़ साल में बिहार में जंगलराज 2 की स्थिति आ गई थी। अगर तेजस्वी यादव की ताजपोशी हो जाती तो बड़ी कठिनाई होती। भाजपा जंगलराज नहीं आने देगी।”नीतीश को चचा कहने वाले बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार के पलटने पर कहा कि “सीएम नीतीश कुमार आदरणीय थे और हैं। कई चीजें नीतीश कुमार के नियंत्रण में नहीं हैं।
महागठबंधन’ में राजद के सहयोगी दलों ने हमेशा मुख्यमंत्री का सम्मान किया है।कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भी नीतीश कुमार पर तंज कसा और ट्वीट करते हुए लिखा- बार-बार राजनीतिक साझेदार बदलने वाले नीतीश कुमार रंग बदलने में गिरगिटों को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। लालू की बेटी रोहिणी आचार्य ने उनकी तुलना कूड़े से की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट करते हुए लिखा- कूड़ा गया फिर से कूड़ेदानी में, कूड़ा-मंडली को बदबूदार कूड़ा मुबारक। ओपी राजभर ने कहा, “विरोधियों ने ठाना है कि 2024 में मोदी जी को प्रधानमंत्री बनाना है और उसी का नतीजा बंगाल में दिखा जिसकी शुरुआत ममता बनर्जी ने की, फिर बिहार में दिखा। इसके दोषी अखिलेश यादव हैं, वे नहीं चाहते कि नीतीश कुमार INDIA गठबंधन में रहें। यह तय है कि सभी विपक्ष के लोग चाहते हैं कि PM मोदी फिर से प्रधानमंत्री बनें।”असदुद्दीन ओवैसी ने नीतीश कुमार के साथ नरेंद्र मोदी और तेजस्वी यादव पर निशाना साधा है। उन्हों ने कहा कि बिहार की जनता के साथ धोखा दिया है। उन्होंने मांग की है कि इन तीनों को बिहार की जनता से माफ़ी मांगनी चाहिए.कल तक नीतीश कुमार कहते थे कि ओवैसी बीजेपी की ‘बी’ टीम है,अब बताइए, नीतीश कुमार को इनकी (बीजेपी) ‘बी’ टीम बोलेंगे या नहीं।
बिहार की राजनीति में बहुत तेजी से घटनाक्रम बदल रही है। कई दिनों से चल रहा कयासों का आज अंत हो गया है। नीतीश कुमार ने आज मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा सौंप दिया है है और एनडीए में शामिल हो गए है।