‘जितना जल्दी हो सके देश को छोड़ दे’ ऐसा कहा हैं मोदी सरकार वाले विदेश मंत्रालय का,वो भी उन भारतीय लोगों के लिए जो फंसे हैं नाइजर में, अफ्रीकी मुल्क नाइजर में तख्तापलट के बीच ये भारत सरकार ने एडवाइजरी जारी की है,नाइजर की सेना ने वंहा के राष्ट्रपति को हटा कर खुद का राज घोषित कर दिया हैं, जिस कारण से वंहा के हालत खराब हो गए हैं,,,,
‘जितना जल्दी हो, देश छोड़ दें’ …
अफ़्रीकी देश नाइजर में 2 हफ्ते पहले वहां की फ़ौज ने कब्ज़ा कर लिया,इसी के बाद केंद्र सरकार ने वहां रह रहे भारतीयों के लिए एक एडवाइजरी जारी की,बीते शुक्रवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने प्रेसवार्ता कर कहा कि ‘नाइजर में चल रहे घटनाक्रम पर हम बारीकी से नजर बनाए हुए हैं,मौजूदा स्थित के मद्देनजर,जिन भारतीय नागरिकों को नाइजर में रहना जरूरी नहीं है,उन्हें जल्द से जल्द देश (नाइजर) छोड़ने की सलाह दी जा रही हैं ,
आगे उन्होंने कहा की नाइजर में हवाई सेवा बंद हैं अगर आप सड़कों से आ रहे हैं,तो ज़रा ध्यान से आये,क्योंकि जगह-जगह सेना के चेकपोस्ट होंगे,और जो लोग नाइजर जाने का प्लान बना रहे हैं वो एक बार इस पर दोबारा विचार कर ले और या स्थिति सामान्य होने का इंतज़ार करे ,साथ ही नाइजर की राजधानी नियामी में स्थित भारतीय दूतावास में जिन लोगों ने अभी तक खुद को रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया है, उन्हें यह सलाह दी जाती है कि जितना जल्दी हो सके वो खुद को भारतीय दूतावास से खुद को रजिस्ट्रर्ड करवाएं !
नाइजर में क्यों हुआ तख्ता पलट …
जैसा की आप को पहले हमने बताया की नाइजर में 2 हफ्ते पहले सेना ने वहां की सरकार को हटा कर के खुद का राज घोषित कर दिया,दरअसल मामले के अनुसार जो नाइजर के राष्ट्रपति थे ‘मोहम्मद बजौम’ हैं उन पर चुनाव के समय से ही आरोप लग रहे हैं,की वो देश के मूल निवासी नहीं हैं वो बाहर के आये हुए हैं,असल में उनका तालुक अरब माइनोरिटी समुदाय से हैं, जिसका संबंध Middle-East से रहा है,हालांकि यह समुदाय बहुत समय पहले ही अफ्रीका में आ कर के बस गया था, लेकिन नाइजर के मूल लोगों ने आज तक इन्हे स्वीकार नहीं किया हैं,सैनिक शासन को नाइजर की जनता खुलकर के सपोर्ट कर रही हैं,क्युकी वहां की जनता का कहना हैं की देश की स्थिति पश्चिमी देशों की वजह से ख़राब हुई हैं और बजौम सरकार को पश्चिमी देशों का समर्थन प्राप्त हैं जिसने दश के लिए कुछ नहीं किया हैं,
इसी के चलते सेना ने तख्तापलट कर मोहम्मद बजौम को हाउस अरेस्ट कर लिया हैं,लेकिन उन्होंने बाहर की दुनिया से बातचीत करने की इज्जाजत हैं,इस का फायदा उठाते हुए बजौम ने ECOWAS (Economic community of west africa) से मदद मांगी हैं,इस मदद पर विचार के लिए ECOWAS ने बीते गुरूवार को नाइजीरिया में एक आपातकालीन बैठक हुए,जंहा इस पर विचार किया गया की किस तरह नाइजर में वापस लोकतंत्र बहाल किया जाये,इस के बाद नाइजर के सैन्य शासक ‘अब्दुल रहमान नियाती’ ने कहा हैं की अगर कोई बाहरी ताकत हमसे युद्ध छेड़ती हैं तो हम बजौम की हत्या कर देंगे,वही दूसरी तरफ रूस भी नाइजर के सपोर्ट में उतरआया हैं और उसने ECOWAS को चेतावनी देते हुए कहा के “नाइजर के खिलाफ कोई भी सैन्य कारवाही न की जाए नहीं तो ठीक नहीं होगा ,
ECOWAS की बात करे तो ये 15 अफ़्रीकी देशों का समूह हैं,इसमे केवल नाइजीरिया के पास ही सबसे बड़ी सेना हैं,वही अगर बात करे नाइजर की सेना की तो उनके पास 33,000 जवान हैं और साथ ही नाइजर को पडोसी देश माली और बुर्किना फासी के सैन्य शासकों का साथ प्राप्त हैं,
आपातकाल के लिए जारी हुआ हेल्पलाइन नंबर …
नाइजर में फंसे लोगों के लिए सरकार ने आपातकालीन नंबर जारी किया है.मुश्किल स्थिति में फंसे भारतीय नागरिको के लिए,’नियामी’ स्थित भारतीय दूतावास ने एक नंबर जारी किया है जो स्क्रिन पर दिया गया है, (+ 227 9975 9975) जिस पर भारतीय नागरिक संपर्क कर मदद ले सकते हैं,विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची से जब यह पूछा गया कि अभी नाइजर में कितने भारतीय नागरिक हैं? जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि वहां लगभग 250 भारतीय नागरिक हैं,
ये कोई पहली बार नहीं हैं की कोई भारतीय इस तरह की स्थिति में फंसा हो अभी बीते साल ही यूक्रेन और रूस की लड़ाई के वक़्त भी बहुत से भारतीय वहां फंस गए थे ख़ास कर के MBBS के स्टूडेंट्स ,मगर भारत की मजबूत नीति के कारण ‘OPRATION GANGA’ चला कर कर सभी भारतीयों को सुरक्षित निकाल लिया गया था,इससे पहले भी कई बार ऐसा हो चूका हैं, और हर बार भारत अपने मजबूत कूट निति के कारण अपने नागरिकों को ऐसी स्थिति से निकाल लेता हैं,और इस बार भी कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा हैं जंहा मोदी सरकार नाइजर में फंसे भारतीयों को निकलने के लिए पुरजोर लगा रही हैं !