जने नहीं क्यों बोस॥

0
7
Spread the love

 

●●●
कैसे भूले बोस को, ‘सौरभ’ हिन्दुस्तान।
कतरा-कतरा खून का, उनका है कुर्बान॥
●●●
बच्चा-बच्चा बोस का, ऐसा हुआ मुरीद।
शामिल होकर फ़ौज में, होने चला शहीद॥
●●●
भारत के उस बोस की, गाथा बड़ी महान।
अपनी मिट्टी के लिए, छोड़ा सकल जहान॥
●●●
कब दुश्मन से थे झुके, जीए बोस प्रचंड।
नहीं गुलामी को सहा, सहा न कोई दंड॥
●●●
भारत उनकी आन था, भारत पहला धर्म।
भारत ही था बोस का, सबसे पहला कर्म॥
●●●
एक सभी से बात ये, पूछे आज सुभाष।
‘सौरभ’ क्यों है दिख रही, भारत मात उदास॥
●●●
भारत माँ की कोख पर, होता अब अफ़सोस।
कायर, दगाबाज जने, जने नहीं क्यों बोस॥
●●●
तिथियाँ बदले और पल, बदलेंगे सब ढंग।
खो जायेगा एक दिन, ‘सौरभ’ तन का रंग॥

प्रियंका सौरभ

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here