चीन एक ऐसा देश जो अपने आपको दुनिया का सबसे बेहतरीन देश दिखानें में पीछे नहीं हटता और हमेशा इसी कोशिश में नजर आता है कि सबको पीछे छोड़ आगे निकल जाए लेकिन चीन ये सब मेहनत करके नहीं बल्कि चोरी से आगे बढ़़ता है और ये हम नहीं बल्कि चीन से आई एक खबर के बाद पता चला है कि चीन खुद को आगे बढ़ने के लिए धोखाधड़ी का रास्ता अपनाता है।
पकड़ी गई चीन की चोरी
दरअसल चीन और चोरी साथ-साथ चलते हैं। कभी चीन पर डेटा चोरी, तो कभी जासूसी करने का आरोप लगता रहता है। दरअसल चीन चोरी के माल को अपना बनाकर बेचता है। और ये हम नहीं, बल्कि एक रिपोर्ट के जरिए पता चला है जहां इसका एक नया सबूत देखने को मिला है। दरअसल चीन गूगल के AI ब्लूप्रिंट को चुराने की फिराक में था, जिसके लिए उसने गूगल के सॉफ्टवेयर इंजीनियर को संपर्क साधा। हालांकि चीन को चोरी पकड़ ली गई है।
दुनिया के सामने कैसे आयी चीन की चोरी?
चीन के 38 वर्षीय नागरिक लिनवेई डिंग को गूगल सीक्रेड चोरी के करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है। बता दें कि चीन लंबे वक्त से अमेरिकी टेक कंपनियों की जासूसी कर रहा है, जिसे रोकने के लिए अमेरिकी बिडेन सरकार ने एक टास्क फोर्स बनाई है, जो टेक्नोलॉजी चोरी करने वालों की पहचान करती है। डिंग ने हार्डवेयर के साथ ही सॉफ्टवेयर चोरी के काम को अंजाम दिया है। Google AI मॉडल पर काम कर रहा है, जिसकी जासूसी चीन कर रहा था। इसके अलावा चिपसेट और मशीन लर्निंग की ब्लूप्रिंट को चोरी किया गया है।
इन आरोपों में फंसा चीन
आपको बतादें कि चीनी नागरिक साल 2019 से Google में काम कर रहा है। ऐसा मान जा रहा है कि उसने मई 2023 तक करीब 500 से ज्यादा सीक्रेट फाइल चोरी की है। गूगल ने डेटा चोरी के संदेह में 4 जनवरी 2024 को डिंग से उसका लैपटॉप कब्जे में लिया। डिंग को सीक्रेट फाइल चोरी के मामले में 10 साल तक की जेल काटनी पड़ सकती है। साथ ही जुर्माने के तौर पर 250,000 डॉलर देने पड़ सकते हैं।