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यूक्रेन और रूस के युद्ध को 502 दिन हो चुके हैं फिर भी ये युद्ध दिन-प्रतिदिन और भी घातक होता जा रहा हैं,पुतिन की ज़िद के सामने यूक्रेन झुकता दिख रहा हैं,इस बीच एक ऐसी खबर सामने आ रही हैं,खबर के अनुसार अमेरिकन राष्ट्रपति जो बिडेन ने कहा की ‘अभी यूक्रेन को NATO में शामिल करना जल्दबाज़ी होगी’,जिसको सुन यूक्रेनी सरकार पर गाज गिर गयी हैं !
अमेरिका ने तोड़ा यूक्रेन का NATO में शामिल होने का सपना …..
पिछले 502 दिनों से चल रहे यूक्रेन और रूस के युद्ध,में जंहा यूक्रेन अपने आप को रूस की ज़िद्द के सामने खड़ा करे हुए था अब लगता हैं की उसका मनोबल टूट सकता हैं?क्युकी यूक्रेन का NATO में शामिल होने का सपना टूटता देख रहा हैं आप को बतादे की CNN के साथ एक इंटरव्यू में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि ‘यूक्रेन, नाटो में शामिल होने के लिए अभी तैयार नहीं है’। आगे बाइडेन ने कहा कि यूक्रेन को रूस के साथ जारी यूक्रेन युद्ध को खत्म करने की आवश्यकता हैं, तभी नाटो इस बारे में कुछ सोच सकता हैं।
बाइडन इंटरव्यू में कहते हैं, ‘मुझे नहीं लगता युद्ध के बीच में नाटो में इस बात पर आम सहमति नहीं हैं कि यूक्रेन को नाटो में लाया जाए या नहीं। हम नाटो क्षेत्र के हर इंच को अपने कब्जे में लेने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह एक प्रतिबद्धता है जिसे हम सभी ने निभाया है, चाहे कुछ भी हो। अगर युद्ध चलता रहेगा तो हम सभी युद्ध में हैं।’ जो बिडेन ने कहा की मैंने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से बात करली हैं और ये भी बता दिया हैं की जब तक यूक्रेन NATO में शामिल होने के काबिल नहीं हो जाता वह उसे हथियार और असला देता रहेगा, इंटरव्यू में आगे बढ़ते हुए कहा की “मुझे लगता हैं कि हमें यूक्रेन को नाटो में शामिल होने के योग्य बनाने के लिए एक तर्कसंगत रास्ता तैयार करना होगा। नाटो हमेशा से खुले दरवाजे वाली नीति का पालन करता आया है।”
CNN के साथ एक इंटरव्यू में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन
क्या हैं वोलोदिमीर जेलेंस्की कि माँग ….
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की की ये मांग लंबे समय से रही हैं कि यूक्रेन को नाटो में शामिल किया जाये,,इसी मांग के चलते जेलेंस्की चाहते हैं की अगले सप्ताह लिथुआनिया में होने वाली NATO सदस्य देशों की समिट में यूक्रेन को स्पष्ट नाटो सदस्य घोषित किया जाये आप को बतादे की इस समिट में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन भी शामिल होंगे।
वही बीते 7 जुलाई को वोलोदिमीर जेलेंस्की टर्की गए थे वंहा वो टर्की के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन से मिले उन्होंने यूक्रेन के नाटो की सदस्यता के दावे का समर्थन करने के साथ ही रूस-यूक्रेन खाद्यान्न निर्यात समझौते को जारी रखने के लिए प्रयास करने की बात कही थी।
आप को बता दे की रूस-यूक्रेन खाद्यान्न निर्यात समझौता प्रमुख खाद्य सामग्रियों और वस्तुओं के अग्रणी आपूर्तिकर्ता देश हैं जिनमें गेहूँ, मक्का और सूरजमुखी के तेल जैसा सामान शामिल है,वही साथ ही रूस, उर्वरकों का शीर्ष वैश्विक निर्यातक देश भी हैं,यदि ये खाद्यान्न निर्यात समझौता टूटता हैं तो दुनिया में भारी अनाज की किलत पैदा हो सकती हैं,इसी को लेकर टर्की के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन एक प्रेसवार्ता में कहा के “17 जुलाई को खत्म हो रहे खाद्यान्न निर्यात समझौता दुनिया पर संकट ला सकता हैं,यह समझौता विश्व में खाद्यान्न की उपलब्धता और उसके मूल्यों में स्थिरता बनाए रखने के लिए जरूरी है।
वही साथ ही आपको बता दे की यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की की मौजूदगी में टर्की ने मारीपोल की लड़ाई में आत्मसमर्पण करने वाले पांच कमांडरों को रिहा किया और उन्हें यूक्रेन जाने की अनुमति भी दे दी। सभी पांच कमांडरों को लेकर जेलेंस्की विमान से कीव लौट आए हैं साथ जेलेंस्की ने पांचो कमांडरों के साथ तस्वीर भी साझा की। वही इस बात को लेकर रुस ने कड़ा विरोध जताया और इसे कैदियों की रिहाई के लिए टर्की की मध्यस्थता वाले त्रिपक्षीय समझौते को तोडना बताया ! समझौतें के अनुसार, इन कमांडरों को टर्की में ही रखना था और युद्ध के दौरान इनकी यूक्रेन वापसी नहीं भेजना था।रूस का कहना हैं की ये काम टर्की ने बिना किसी जानकारी के किया,
क्या अमेरिका ने दिया यूक्रेन को धोखा ?
आपको बता दें कि यह कोई नया नहीं है की बाइडेन ने यूक्रेन को लेकर ऐसी बातें कही हैं। बीते महीने जून में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा था कि यूक्रेन को नाटो की सदस्यता दिलाने के लिए हम कोई स्पेशल इंतजाम नहीं करेंगे। यूक्रेन को इस बात के लिए हम पर निर्भर नहीं रहना चाहिए।वही आप को बताते चले कि यूक्रेन की नाटो सदस्यता को लेकर अमेरिका का रुख हाल में ही बदला है।
आप को याद करा दे की पहले अमेरिका ने कहा था की वह यूक्रेन के नाटो सदस्य बनने में आने वाली सारी बड़ी चुनौतियों को हटा देगें।वही यूक्रेन में नाटो को शामिल करने की मांग कोई नयी नहीं हैं। खारेस्ट में वर्ष 2008 में हुए नाटो के शिखर सम्मेलन में पहली बार यूक्रेन को नाटो का हिस्सा बनाने पर सहमति जताई गई थी।इस दौरान नाटो के हर मेंबर ने यूक्रन को गठबंधन में शामिल करने पर सहमति जताई थी। हालांकि 15 साल बाद भी यूक्रेन का नाटो मेंबर बनने का सपना अधूरा ही हैं।