चरण सिंह
वक्फ संशोधन कानून बनने के बाद देशभर में विपक्ष और मुस्लिम संगठनों का विरोध प्रदर्शन हो रहा है। चाहे बिहार हो, महाराष्ट्र हो, प. बंगाल हो या फिर दिल्ली सभी राज्यों में तमाम संगठन मोर्चा खोले हुए हैं। आंदोलनकारी कहने लगे हैं कि जिस तरह से केंद्र सरकार को तीन नए कृषि कानून को वापस करने के लिए मजबूर कर दिया गया था। ऐसे ही वे लोग वक्फ संशोधन कानून को वापस लेने के लिए मजबूर कर दिया जाएगा। आंदोलनकारी कुछ भी बोलें। कानून वापस हो या न हो पर इस आंदोलन का फायदा कांग्रेस को होने जा रहा है।
दरअसल वक्फ संशोधन कानून बनने के बाद भले ही कई विपक्षी पार्टियां इसके खिलाफ बोल रही हैं पर इसे मुद्दा कांग्रेस ने बनाया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और प्रतिपक्ष नेता राहुल गांधी लगातार इस मुद्दे पर आक्रामक हैं। वैसे भी जिस तरह से राहुल गांधी व्यक्तिगत रूप से पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ बोल रहे हैं। उसे मुस्लिम पसंद कर रहे हैं। वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ बीजेपी और एनडीए के घटक दलों के खिलाफ जिस तरह से मुसलमान लामबंद हो रहे हैं। उसका फायदा कांग्रेस को होता दिखाई दे रहा है। यह लोकसभा चुनाव में देखा गया है। 45 सीटों से बढ़कर यदि कांग्रेस 99 पर पहुंची है तो उसका बहुत बड़ा श्रेय मुसलमानों को जाता है।
दरअसल जिस तरह से देश राजधानी दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम ‘तहफ्फुज-ए-औकाफ कारवां’ यानी वक्फ की हिफाजत नाम से कार्यक्रम किया गया। जिस तरह से ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की। जिस तरह से इस कार्यक्रम करीब 180 मुस्लिम संगठन नए वक्फ कानून का विरोध में इकट्ठे हुए। इससे मुस्लिमों की ओर से बड़ा संदेश गया है। इस बीच ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने कहा कि हम सरकार तक ये बात पहुंचाना चाहते हैं। उनका कहना था कि ये देश पार्टी के मेनिफेस्टो से नहीं चलेगा। देश को संविधान से चलाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा नया वक्फ कानून संविधान के आत्मा पर चोट पहुंचाता है। हम सरकार को यही संदेश देना चाहते हैं कि देश के संविधान के हिसाब से उन्हें देश चलाना चाहिए।
दरअसल ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस कार्यक्रम के लिए कई विपक्षी नेताओं और सांसदों को भी आमंत्रित किया है। इस सम्मेलन में AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी, आरजेडी सांसद मनोज झा, कांग्रेस सांसद इमरान मसूद, सपा सांसद मोहेबुल्ला नदवी को भी बुलाया गया था। इनके अलावा खालिद सैफुल्लाह रहमानी, जमात ए इस्लामी हिंद के अध्यक्ष सैयद सादातुल्लाह हुसैनी, जमात ए इस्लामी हिंद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मलिक मोहतशिम खान, अजमेर दरगाह के सज्जादा नशीन सरवर चिश्ती, शिया धर्मगुरु कल्बे ए जवाद भी इस सम्मेलन में शामिल हुए। इस संगठनों ने मुस्लिमों की ओर से मजबूती दिखाई।