
नई दिल्ली। अमेरिका के टेक्सास में यहूदी मंदिर में उस समय अफरा-तफरी मच गई , जब पाकिस्तान के आंतकवादियों ने मंदिर पर हमला किया। चेहरे पर काला पकड़ा, आंखों में खूनी मंजर और दिमाग में अपने अल-कायदा की एक सदस्य की रिहाई । यहीं मांग लिए पाकिस्तान के अल-कायदा आंतकियों ने यहूदी उपासनागृह पर हमला किया, जिसमें चार लोगों को जबरन बंधक बनाया गया। इस हमले का पता तब चला जब, फेसबुक पर उपासनागृह में शब्बत मॉर्निंग सर्विस का लाइव स्ट्रीम शुरू हुआ, जिसमें एक व्यक्ति के जोर से बात करने का ऑडियो कैप्चर हुआ था। उस ऑडियो में आंतकवादियों ने पाकिस्तानी वैज्ञानिक आफिया सिद्दीकी की रिहाई की मांग की। तो वहीं अमेरिकी सेना ने आंतकवादियों को मूंह तोड़ जवाब देते हुए सभी आतंकियों को ढेर कर दिया।
अब सवाल ये है कि आफिया सिद्दीकी कौन है, जिसकी रिहाई के लिए मंदिर जैसे पाक स्थान पर ये नापाक हरकत की गई। तो आपको बता दें कि आफिया सिद्दीकी को लेडी-अल-कायदा कहा जाता है। आफिया पाकिस्तान की नागरिक हैं और पेशे से विज्ञानिक बताई जाती हैं।
इस समय आफिया टेक्सस की जेल में कैंद हैं, लेकिन आफिया सिद्दीकी जेल में क्यों है। तो आपको बता दें कि साल 2010 में न्यूयॉर्क सिटी फेडरल कोर्ट ने आफिया को 86 साल की सजा हुई है। अब ये सजा क्यों सुनाई है, तो इसे भी समक्षिए… साल 2010 में आफिया ने अमेरिकी सेनाओं के कुछ सदस्यों को मारने का प्रयास किया था। जिसको लेकर कोर्ट में कार्रवाई हुई। और फेडरल कोर्ट ने उसे दोषी ठहराते हुए टेक्सास के फोर्ट वर्थ में फेडरल मेडिकल सेंटर भेज दिया था।
इतना ही नहीं, सिद्दी की पर अफगानिस्तान में अरेमिकी एंजेटों, सैनिकों को मारना का भी आरोप लगा है। साथ ही अमेरिका में रह रहे पूर्व पाकिस्तानी राजदूत हुसैन हक्कानी को मारने की साजिश रचने का भी आरोप है। अब आप इस तस्वीर को ध्यान से देंखे इसमें आफिया ने डिग्री पूरी होने पर पहने जाने वाली academical dress पहना है। जिसका मतलब साफ है कि आफिया पढ़ाई में अच्छी थी। लेकिन फिर आफिया का सफर लेड-अल-कायदा में कैसे बदल गया। ये तो किसी को भी नहीं पता है। लेकिन आफिया सिद्दीकी अल-कायदा के लिए कितनी खास हैं, उस बात का पता आपको आंतकवादियों की इस हरकत से पता चल ही गया होगा।
इसी के साथ आफिया का नाम ओसामा बिन लादेन से भी जोड़ा जा रहा है। कहा जाता है कि ओसामा बिन लादेन की जानकारी अमेरिकी सेना तक पहुंचाने वाले हर शख्स की खोज अल-कायदा कर रहा है। ऐसे में आफिया ने साल 2011 से 2018 तक सेना की मदद करने वालों की जानकारी अलकायदा को दी है।
अब जरा आप कल कायदा की इस हरकत पर नजर डालें, तो आपको एक ही पैटर्न नजर आएगा। साल 1999 में पाकिस्तानी आंतकवाद ने भारत की जेल में बंद मसूद अजहर को रिहा करवाने के लिए प्लेन हाईजैक किया था। वैसी ही इस बार अमेरिका में 4 लोगों को बंधक बनाकर किया जा रहा था। जिसमें अमेरिकी सेना ने सभी आतंकवादियों को ढेर कर दिया।