कहां गायब हो गया विकास !

डॉ कल्पना पाण्डेय  ‘नवग्रह’
ड़कें जो जोड़ती हैं रोज़मर्रा के जीवन को। सड़कें जो पहुंचाती हैं राहगीरों को  गंतव्य तक । सड़कें होती हैं कच्ची- पक्की, ऊबढ़- खाबड़ ,पथरीली, गांव की, शहर की। सड़कों की कहानी उन्हीं की ज़ुबानी।
अरे भैया ! देख कर चलो, गड्ढे में कुदवा दिया ।अरे बहन जी! आराम -आराम से तो चल रहा हूं ।सरकारी सड़कें ऐसी ही होती हैं। फिस्स —-  की आवाज़ और टायर पंचर । इतराती हुई पहिया और उस पर काली लाइनों वाली रबड़ की मोटी खाल वाली ट्यूब। सब की सुंदरता को गड्ढे वाली सड़क ने पैच की सिलाई से दागदार कर दिया । मुंह बिचकाती पहिया नट- बोल्ट पर कसती फ़िर से सवारियों की नाज़- नखरे ठोने को तैयार और रास्ते में पग -पग मिलने वाले दुश्मनों से लड़ने के लिए कमर भी कस लिया।
कई लाइनों वाली एक्सप्रेस-वे से लगती गांव की सड़कें। नौ मीटर की भारी भीड़ वाली , धक्का -मुक्की को तत्पर, गाड़ियों के हार्न से बहरी , धुएं के छप्पर के नीचे जाम से बेहाल, हर एक राहगीर दूसरे को घूरती निगाहों से देखता मानों अपनी सीमा के अतिक्रमण पर ख़ूनी ज़ंग की चेतावनी दे रहा हो।
दाएं -बाएं सड़कों पर नियमों की धज्जियां उड़ाता हर एक छोटे से छोटा और बड़े से बड़ा अपनी ही टूटी बोलता दिखाता । जाम के लिए सरकारों को, ट्रैफिक पुलिस पर इल्ज़ाम ऐसे लगाता जैसे उसका ठेका उसने टेंडर पास करवा के लिया हो ।चौराहे पर किसको किधर जाना है सब गफ़लक में । जिसकी ग्रीन लाइट है वह बाकियों के रुकने का इंतज़ार कर रहा है ।जिसे रुकना है वह सायरन बजाता ,सबको डराता, भ्रम पैदा कराता कि पुलिस या एंबुलेंस को इमरजेंसी है , फर्राटे से निकल जाता।  ऐसी जगहों पर स्थानीय जनता के आगे किसी सरकारी प्रशासन की नहीं चलती ,सब बेबस।
बेढंगी चाल और रफ़्तार। पर अगर कोई ब्रेक लगाता है तो वह है खड़ंजा बिछी सड़कें। सरपट दौड़ती गाड़ी अचानक ही हिचकोले खाती मानो किसी भंवर में उतर चुकी हो। सवारी समझ नहीं पाते उनका खुद पर कंट्रोल क्यों नहीं।  बस! अनायास ही एक दूसरे की सीमा में सेंध मारते दिखाई देते।  दो गाड़ियों के बीच से साइकिल सवार, स्कूटर, मोटरसाइकिल मानो हैरतअंगेज कारनामे दिखाने वाले कुशल कलाकार की तरह अपनी कलाबाजियां दिखाते, जान की परवाह न करते ।खरोचें दूसरी गाड़ियों पर लगाते, अपने लिए टेढ़े -मेढ़े रास्ते बनाते, यों निकलते हैं मानो जिगजैग खेल रहे हों। एक आध बेचारे नालियों में फंस जाने पर अपनी पारंगत विद्या पर दांत निपोरते दिखाई देते।
सड़कों के किनारे खड़े आड़े -तिरछे रेड़ीवाले अपने मालिकाना हक़ पर ऐसे इतराते मानो उनके बिना सड़कों की  कोई रंगत ही नहीं। हर जगह स्टॉपेज बने हैं । कोई कहीं भी उतर और चढ़ सकता है । जिसकी ज़रूरत जहां दिखी समझो वही उसकी मंज़िल और उतरने की प्रक्रिया शुरु न दाएं देखना न बांए । ठेलेवालों को अनाधिकृत शब्द का मतलब पता हो न हो उनके लिए तो उनकी चलती -फिरती दुकान उनकी जीवंतता का परिचायक है‌। असुविधा, जाम , अनुशासनहीनता , लोगों की परेशानी,  सरकारी कानून , उनके लिए बस कबाड़।
खुदी हुई सड़कों से धुएं का पाउडर मुंह पर लपेटे, आंखों की पलकें पर सुनहरी मिट्टी की परत लिए यात्री,  कंकड़- पत्थर ,साइड में लगे टीन शेडों से धींगामुश्ती करते मुख्य सड़क पर जाने की प्रतीक्षा में कई कोस तक हार नहीं मानते। ब्रेकर के नाम पर उठी हुई सड़कें मानो सिर फोड़ने के लिए बनी हों। उसका शुरू और आखरी सिरा पता ही नहीं चलता, ब्रेकर से पहले के गड्ढे ही संभलना सिखाते हैं।
गाय- बैल कभी भी कहीं से भी चारा खाती, जुगाली करती , हमसफ़र बन सकती है। सिर पर खोमचे लगाए, आस की धुरी पर ऐसे दौड़ पड़ते हैं मानो उनकी लॉटरी निकलने वाली है। किसी का इशारा उनके लिए मानो हर्डिल रेस की प्रतियोगिता में जीत के लिए एक सुनहरा मौका है। फिर तो भीड़ क्या , उनकी फूर्ति सड़कों पर खड़े लोगों को चुनौती देती इस पार से उस पार!
सड़कों पर बीच-बीच में चाय -समोसा खाने का लोकल मज़ कुछ और ही है।  जब तक देश -दुनिया का हाल -चाल स्वाद लेते न जान लें ज़िंदगी बेकार । मानो सब पर उधार। हर सड़क के मोड़ पर ऐसे लोगों की लपालप चलती जीप और चटखारों से भरे समाचार सड़कों की शोभा में चार चांद लगा देते हैं । सबकी ज़िंदगी में मानो विकास गया तेल लेने।

Related Posts

मेयर पद इस तरह से बीजेपी की झोली में डाल देना तो कायरता है केजरीवाल जी ?

चरण सिंह  दिल्ली विधानसभा चुनाव हारकर क्या आप इतनी कमजोर हो गई है कि वह मेयर चुनाव में बीजेपी का सामना भी नहीं कर सकती है। मेयर चुनाव को लेकर…

यह निन्दनीय है!

राजकुमार जैन  जब से समाजवादी पार्टी के संसद सदस्य, रामजीलाल सुमन ने पार्लियामेंट में राणा सांगा बनाम बाबर पर ब्यान दिया है सोशल मीडिया में दो जातियोंç राजपूतों और यादवों…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You Missed

मेयर पद इस तरह से बीजेपी की झोली में डाल देना तो कायरता है केजरीवाल जी ?

  • By TN15
  • April 21, 2025
  • 7 views
मेयर पद इस तरह से बीजेपी की झोली में डाल देना तो कायरता है केजरीवाल जी ?

ताबूत की कीलें

  • By TN15
  • April 21, 2025
  • 9 views
ताबूत की कीलें

सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने प्रदेश अध्यक्ष की पुत्री के विवाह समारोह में शिरकत कर वर-वधु को दिया आशीर्वाद

  • By TN15
  • April 21, 2025
  • 7 views
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने प्रदेश अध्यक्ष की पुत्री के विवाह समारोह में शिरकत कर वर-वधु को दिया आशीर्वाद

जीविका दीदी संवाद कार्यक्रम का आयोजन

  • By TN15
  • April 21, 2025
  • 9 views
जीविका दीदी संवाद कार्यक्रम का आयोजन

मैट्रिक में बेहतर अंक लाने वाले छात्रा को किया सम्मानित

  • By TN15
  • April 21, 2025
  • 7 views
मैट्रिक में बेहतर अंक लाने वाले छात्रा को किया सम्मानित

महिला संवाद कार्यक्रम से मिली नई उड़ान

  • By TN15
  • April 21, 2025
  • 8 views
महिला संवाद कार्यक्रम से मिली नई उड़ान