Uttar Pradesh Politics : भाजपा की रणनीति के सामने बौने साबित हो रहे अखिलेश यादव, संकट में सपा का वजूद!

Uttar Pradesh Politics : गठबंधन में सहयोगी दल ही नहीं, समाजवादी पार्टी के दिग्गजों और कार्यकर्ताओं का भी हो रहा पार्टी से मोहभंग, हरमोहन यादव की पुण्यतिथि पर पीएम के वर्चुअल संबोधन ने दिया बड़ा संदेश

चरण सिंह राजपूत

Uttar Pradesh Politics : इसे समाजवादी पार्टी का खत्म होता वजूद कहें या फिर पार्टी के मुखिया Akhilesh Yadav की वातानुकूलित राजनीति कि अब हर कोई अखिलेश यादव की राजनीति पर उंगली उठा दे रहा है। एमएलसी चुनाव के बाद लोकसभा उप चुनाव में आजमगढ़ और रामपुर सीट हारने के बाद जैसे अखिलेश यादव के लिए दिक्कतें पर दिक्कतें पैदा होती जा रही है। यह Uttar Pradesh Politics ही है कि चाचा शिव यादव तो साथ छोड़ ही गये हैं, ओमप्रकाश राजभर भी भाजपा की ओर जा रहे हैं। आजम खां अखिलेश यादव की आरामतलब राजनीति पर कटाक्ष कर चुके हैं, अब महान दल के अध्यक्ष केशव देव मौर्य ने अखिलेश यादव पर तंज कसा है। उन्होंने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन से अलग होने के बारे में उन्होंने कहा कि यदि यही रवैया रहा तो लोकसभा चुनाव में उनकी 2-4 सीटें ही मिलेंगी। मतलब उन्होंने भी अखिलेश यादव के राजनीति करने के तरीके पर उंगली उठाई है।

Also Read : खुद की कार्यशैली पर भी मंथन करना होगा अखिलेश यादव को!

Uttar Pradesh Politics, MLC Election, 2024 Lok Sabha Elections, Prime Minister Narendra Modi, Akhilesh Yadav

 यहां क्लिक कर आप हमारे YouTube Channel पर जा सकते है

उन्होंने अपने संगठन महान दल की वजह से सपा के वोट प्रतिशत को बढ़ा बताते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी का वोट प्रतिशत 29 फीसदी से बढ़कर 37 फीसद तक जा पहुचा है। दरअसल उत्तर प्रदेश में हुए MLC Election में सीट नही मिलने से नाराज महान दल के मुखिया केशव देव मौर्य सपा गठबंधन से अलग हो गये थे। अलग होते ही सपा ने उन्हें दी हुई फाच्र्यूनर गाड़ी को वापस ले लिया था। बाद में पता चला कि सपा ने यह गाड़ी उन्हें विधानसभा चुना में दी थी।
केशव देव मौर्य ने अखिलेश यादव पर ऐसे ही निशाना नहीं साधा है। वह भी ओमप्रकाश राजभर की तरह भाजपा की ओर जाते दिखाई दे रहे हैं।

दरअसल भाजपा छोटे दलों को लेकर 2024 Lok Sabha Elections के लिए रणनीति तैयार कर रही है। वर्ष 2014 में भाजपा ने यूपी में छोटे दलों की अहमियत को समझते हुए सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और अपना दल (एस) जैसे दलों गठबंधन किया था। नतीजा पूरे देश ने देखा था। भाजपा को उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से 74 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। यूपी के पूर्वांचल में इन छोटे दलें का विशेष प्रभाव है। यह गठबंधन वर्ष 2017 के विधानसभा चुनावम में भी भाजपा के साथ बरकरार रहा, जिससे बीजेपी गठबंधन ने 403 में से रिकार्ड 325 सीटें जीती थी।

दरअसल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पूरी तरह से 2024 के Lok Sabha Elections की तैयारी में जुट गये हैं। राष्ट्रपति चुनाव में उन्होंने शिवपाल यादव, ओमप्रकाश राजभर और राजा भैया से ऐसे ही तत्कालीन राष्ट्रपति की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन नहीं दिलवाया था। ये संगठन 2024 के आम चुनाव में एनडीए का हिस्सा हो सकते हैं। अब महान दल के केशव देव मार्य भी मौके का फायदा उठाना चाहते हैं। उनकी भी समझ में आ रहा है कि अब अखिलेश यादव के साथ गठबंधन करने से कुछ नहीं मिलने वाला है। दरअसल पूर्वांचल में अपना दल की बढ़ती ताकत से छोटे-छोटे दल भाजपा से मिलना चाहते हैं।Uttar Pradesh Politics, MLC Election, 2024 Lok Sabha Elections, Prime Minister Narendra Modi, Akhilesh Yadav

यह अपने हाल में दिलचस्प है कि उत्तर प्रदेश पर लंबे समय तक राज करने वाली बसपा और सपा को Yogi Adityanath ने राजनीतिक रूप से निष्क्रिय कर दिया है। मायावती तो सीन से ही गायब होती जा रही हैं और अखिलेश यादव ट्वीटर वीर बने हुए हैं। ऐसे में छोटे-छोटे दलों का भाजपा की ओर झुकाव होना स्वभाविक भी है। अखिलेश यादव के लिए यह और भी दिक्कतभरा है कि अब भाजपा ने सपा को तोड़ने की भी रणनीति बनाई है। यह सपा को झटका देना ही रहा कि सोमवार को मुलायम सिंह यादव के लंबे समय तक सियासी हमसफर रहने वाले 10th death anniversary of Harmohan Singh Yadav के मौके पर 10 प्रदेशों के यादवों को Prime Minister Narendra Modi ने वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया।

Uttar Pradesh Politics, MLC Election, 2024 Lok Sabha Elections, Prime Minister Narendra Modi, Akhilesh Yadav

यह अपने आप में दिलचस्प था कि समाजवादी पार्टी के नेता के कार्यक्रम में भाजपा के दिग्गज जुटे थे। Prime Minister Narendra Modi ने हर मोहन सिंह यादव को लोकतंत्र के लिए लड़ने वाला योद्दा करार दिया। उन्होंने कहा कि वह आपातकाल में लोकतंत्र को बचाने के की जंग में लड़ने वाले योद्दा थे। हरमोहन सिंह यादव को यद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काह कि समाज के लिए काम करने वाले लोग हमेशा अमर रहते हैं। अपने भाषण में Prime Minister Narendra Modi महात्मा गांधी और पंडित दीनदयाल के साथ ही समाजवाद के प्रणेता डॉ. राम मनोहर लोहिया और लोकनायक जयप्रकाश का नाम ऐसे ही नहीं लिया। उन्होंने कहा कि हर मोहन सिंह यादव को लोहिया के विचारों को आगे बढ़ाने वाला समाजवादी पुरौधा बताया।

दरअसल लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव में भी भाजपा को दलित वोटबैंक का भरपूर समर्थन मिला है। ऐसे ही भाजपा की निगाह अब यादव वोटबैंक पर है। हर मोहन यादव की पुण्यतिथि कार्यक्रम में 10 प्रदेशों के यादवों को बुलाकर भाजपा ने यह संकेत दे भी दिये हैं। वैसे भी समाजवादी पार्टी के कार्यक्रम से अलग यदि किसी कार्यक्रम में 10 प्रदेशों के यादव जुटे हों तो इसे भाजपा के लिए बड़ी उपलब्धि ही माना जाएगा। वैसे राजनीति में जिस तरह से भाजपा ने समाजवादी पार्टी के नेतृत्व को बांध रखा है ऐसे में अखिलेश यादव पार्टी के लिए कमजोर नेतृत्व साबित हो रहे हैं। इसे Akhilesh Yadav की विफलता ही माना जाएगा कि विधानसभा चुनाव के बाद Mlc Election और लोकसभा उप चुनाव में  Azamgarh and Rampur seat हारने के बाद जिस तरह से अखिलेश यादव ने पार्टी के सभी प्रकोष्ठों की कार्यकारिणी को भंग कर दिया पर खुद और प्रदेश अध्यक्ष जमे रहे।

Uttar Pradesh Politics, MLC Election, 2024 Lok Sabha Elections, Prime Minister Narendra Modi, Akhilesh Yadav

ऐसे में प्रश्न उठता है कि केंद्रीय और प्रदेश के नेतृत्व की संगठन और चुनाव के प्रति कोई जिम्मेदारी और जवाबदेही नहीं है। वैसे भी चुनाव प्रचार में तो एकमात्र अखिलेश यादव की स्टार प्रचारक रहते हैं, कहना गलत न होगा कि यदि Akhilesh Yadav का यही रवैया रहा तो वह दिन दूर नहीं कि समाजवादी पार्टी भी प्रदेश का दूसरा लोकदल बनकर रह जाए। चौधरी चरण सिंह ने भी अजित सिंह मजबूत स्थिति में रालोद दिया था पर अजित सिंह की नि्क्रिरयता संगठन को ले डूबी। ऐसे ही मुलायम सिंह यादव ने तो अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाकर पार्टी की बागडोर सौंपी थी पर वह पार्टी को नहीं संभाल पा रहे हैं। दरअसल चाहे विधानसभा चुनाव हों, LMC Elections हों या फिर लोकसभा के उप चुनाव, सभी चुनाव में अखिलेश यादव विफल ही साबित हुए हैं। विधानसभा चुनाव में किसान आंदोलन की वजह से माहौल अखिलेश यादव के पक्ष में था पर वह उसे भुना नहीं पाए।

ऐसे ही एलएलसी चुनाव में उनकी कमजोर रणनीति के चलते उनके प्रत्याशी उदयवीर सिंह और राकेश यादव को खुलेआम पीटा गया पर वह चुप रहे । Uttar Pradesh Politics में अब प्रतापगढ़ में राजा भैया के सामने चुनाव लड़े गुलशन यादव की संपत्ति कुर्क हो रही है और अखिलेश यादव चुप्पी साधे बैठे हैं। ऐसे ही मोहम्मद आजम खां के मामले में अखिलेश यादव अच्छा संदेश नहीं दे पाए। सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के कहने के बावजूद आजम खां के पक्ष में कोई आंदोलन सपा ने नहीं किया। यहां तक कि यदि सपा में कोई नेता आजम खां के पक्ष में कोई आंदोलन कर दे दो संगठन की ओर से उस पर ऐसा न करने का दबाव बनाया जाता था। ऐसे में सपा नेताओं का पार्टी से मोहभंग होना स्वभाविक है ।

  • Related Posts

    जीतन राम मांझी ने किया चंद्रशेखर पर पलटवार, भारत आर्थिक रूप से आ गया है सातवें स्थान पर 

    द न्यूज 15 ब्यूरो  पटना। विधानसभा चुनाव की घोषणा भले ही न हुई हो पर आरजेडी नेता और पूर्व शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी को पाखंडियों…

    कांग्रेस सांसद अखिलेश सिंह ने तेजस्वी को बताया महागठबंधन का सीएम चेहरा

    -बिहार की सियासत में हलचल -नीतीश पर साधा निशाना -ईवीएम पर उठाए सवाल -चिराग और निशिकांत दुबे पर भी किया प्रहार पटना।दीपक कुमार तिवारी। बिहार की राजनीति में आगामी विधानसभा…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You Missed

     हरियाणा के पत्रकारों की समस्याओं का कराया जाएगा समाधान : राज्यपाल

    • By TN15
    • April 22, 2025
    • 5 views
     हरियाणा के पत्रकारों की समस्याओं का कराया जाएगा समाधान : राज्यपाल

    पुलिस की ड्रेस में आए थे आतंकी 

    • By TN15
    • April 22, 2025
    • 4 views
    पुलिस की ड्रेस में आए थे आतंकी 

    कांग्रेस भुनाएगी वक्फ संशोधन कानून के विरोध में हो रहे आंदोलन को ?

    • By TN15
    • April 22, 2025
    • 5 views
    कांग्रेस भुनाएगी वक्फ संशोधन कानून के विरोध में हो रहे आंदोलन को ?

    “अजमेर से इंस्टाग्राम तक: बेटियों की सुरक्षा पर सवाल”

    • By TN15
    • April 22, 2025
    • 6 views
    “अजमेर से इंस्टाग्राम तक: बेटियों की सुरक्षा पर सवाल”

    शब्दों से पहले चुप्पियाँ थीं

    • By TN15
    • April 22, 2025
    • 4 views
    शब्दों से पहले चुप्पियाँ थीं

    नई दिल्ली स्थित गांधी शांति प्रतिष्ठान के ऐतिहासिक सभागार में सिटीजंस फॉर डेमोक्रेसी स्वर्ण जयंती कांफ्रेंस

    • By TN15
    • April 22, 2025
    • 7 views
    नई दिल्ली स्थित गांधी शांति प्रतिष्ठान के ऐतिहासिक सभागार में सिटीजंस फॉर डेमोक्रेसी स्वर्ण जयंती कांफ्रेंस