चाटुकारिता और स्वार्थ में फंसा समाज, पाखंड का हो रहा बोलबाला!

चरण सिंह

लोगों में बढ़ रही समझौतावादी प्रवृत्ति देश और समाज को कमजोरी की ओर ले जा रही है। हमें यह समझना होगा कि नेता समाज के हिसाब से अपना आचरण बनाते हैं। जैसा समाज होगा वैसा ही नेता को ढाल लेंगे। यदि उनको लगेगा कि लोग उनसे हिसाब किताब करेंगे तो हमसे जवाब मांगेंगे तो उन्हें काम करना ही होगा। यदि जनप्रतिनिधियों को लगेगा कि उन्हें अपने क्षेत्र में लोगों को हिसाब और किताब देना होगा, तो उन्हें क्षेत्र पर फोकस करना ही पड़ेगा। यदि राजनीतिक दलों के नेतृत्व को आभास होगा कि उनसे कार्यकर्ता हिसाब मांगेंगे अपना हक मांगेंगे तो हर राजनीतिक दल में कार्यकर्ताओं की पूछ होगी। टिकट योग्य कार्यकर्ताओं को मिलेंगे और योग्य लोग विधानसभाओं और संसद में पहुंचेंगे। क्या समाज का नैतिक पतन नहीं होता जा रहा है ?
जवाब में हां ही आएगा। लोगों को यह समझना होगा कि जिस दिन लोग अपने मान सम्मान और अधिकार के लिए जागरूक हो गये, उस दिन नेता भी सुधर जाएंगे, ब्यूरोक्रेट्स भी और पूंजीपति भी। जब समाज में ही नीरसता है। लोग स्वार्थवश मतदान करते हैं। जाति धर्म में बंटे हुए हैं। आसपास अन्याय होता देख रहे हैं और सह रहे हैं।  सच और झूठ की लड़ाई में झूठ का साथ दे रहे हैं। तो बताने की जरूरत नहीं है कि हम किस तरह का समाज तैयार कर रहे हैं। हाथरस में बाबा के सत्संग में मची भगदड़ में १२३ लोग मर गये। इनमें अधिकतर महिलाएं थीं और कुछ बच्चे थे। न तो सत्ता पक्ष ने बाबा पर हाथ डाला न ही विपक्ष ने। सबसे बड़ी चिंता का विषय तो यह है कि मरने वालों के परिजनों ने भी बाबा पर कार्रवाई करने की कोई मांग नहीं उठाई। कुछ के परिजन तो मरने वालों को मोक्ष मिलने की बात भी करते देखे गये। जो अखिलेश यादव २०२७ में सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं और लोगों ने उन्हें लोकसभा चुनाव में ३७ सीटें दी हैं उनकी पार्टी तो बाबा का बचाव कर रही है। क्या बाबा पर कार्रवाई न होने से पाखंड और नहीं बढ़ेगा ? बाबाओं की संख्या और न ही बढ़ेगी।
क्या विपक्ष में बैठे दल विपक्ष की भूमिका में खरे उतर रहे हैं ? क्या समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में कहीं से विपक्ष की भूमिका में दिखाई दे रही है। क्या समाजवादी पार्टी के दिग्गज आजम खान की बर्बादी के लिए अखिलेश यादव भी जिम्मेदार नहीं हैं ? निश्चित रूप से मोदी सरकार में १० साल से हिन्दू मुस्लिम के अलावा कुछ हुआ नहीं। यह जमीनी हकीकत है कि देश की राजनीति कुछ परिवार ने नहीं कब्जा ली है ? क्या लोग मजबूरी में विपक्षी दलों को वोट नहीं देते ? क्या राजनीति में जमीनी संघर्ष का घोर अभाव नहीं है ? क्या देश में पुराने समाजवादियों की तर्ज पर संघर्ष नहीं होना चाहिए। क्या देश में सब कुछ सही चल रहा है ?

क्या विधानसभाओं और लोकसभा में जो बहस होती है। जो कार्यवाही होती है उससे कहीं देश और समाज का कोई भला हो रहा है ? क्या राजनीतिक दल वोटबैंक के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार नहीं हैं ? तो फिर इन नेताओं देश के भले की क्या उम्मीद कर सकते हैं ? क्या सभी नेताओं की आय और खर्च की जांच नहीं होनी चाहिए ? क्या नेताओं की संपत्ति की जांच होती है ? क्या चाटुकार मौज नहीं मार रहे हैं ? क्या स्वाभिमान व्यक्ति को परेशान नही किया जा रहा है ? ऐसे में लोग स्वत समीक्षा करें कि वे लोग स्वार्थवश अपना स्वाभिमान नहीं बेच रहे हैं ? क्या ईमानदार और स्वाभिमान व्यक्ति परेशान नहीं किया जा रहा है ? बताने की जरूरत नहीं कि चाटुकार लोग कमजोर समाज और कमजोर देश का ही निर्माण करेंगे। क्या परिवार और वंशवाद पर टिका नेतृत्व लोकतंत्र में राजतंत्र स्थापित नहीं कर रहा है ?

  • Related Posts

    कांग्रेस भुनाएगी वक्फ संशोधन कानून के विरोध में हो रहे आंदोलन को ?

    चरण सिंह  वक्फ संशोधन कानून बनने के बाद देशभर में विपक्ष और मुस्लिम संगठनों का विरोध प्रदर्शन हो रहा है। चाहे बिहार हो, महाराष्ट्र हो, प. बंगाल हो या फिर दिल्ली…

    “अजमेर से इंस्टाग्राम तक: बेटियों की सुरक्षा पर सवाल”

    शिक्षा या शिकारी जाल? पढ़ी-लिखी लड़कियों को क्यों नहीं सिखा पाए हम सुरक्षित होना? अजमेर की छात्राएं पढ़ी-लिखी थीं, लेकिन वे सामाजिक चुप्पियों और डिजिटल खतरों से अनजान थीं। हमें…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You Missed

     हरियाणा के पत्रकारों की समस्याओं का कराया जाएगा समाधान : राज्यपाल

    • By TN15
    • April 22, 2025
    • 0 views
     हरियाणा के पत्रकारों की समस्याओं का कराया जाएगा समाधान : राज्यपाल

    पुलिस की ड्रेस में आए थे आतंकी 

    • By TN15
    • April 22, 2025
    • 0 views
    पुलिस की ड्रेस में आए थे आतंकी 

    कांग्रेस भुनाएगी वक्फ संशोधन कानून के विरोध में हो रहे आंदोलन को ?

    • By TN15
    • April 22, 2025
    • 1 views
    कांग्रेस भुनाएगी वक्फ संशोधन कानून के विरोध में हो रहे आंदोलन को ?

    “अजमेर से इंस्टाग्राम तक: बेटियों की सुरक्षा पर सवाल”

    • By TN15
    • April 22, 2025
    • 1 views
    “अजमेर से इंस्टाग्राम तक: बेटियों की सुरक्षा पर सवाल”

    शब्दों से पहले चुप्पियाँ थीं

    • By TN15
    • April 22, 2025
    • 1 views
    शब्दों से पहले चुप्पियाँ थीं

    नई दिल्ली स्थित गांधी शांति प्रतिष्ठान के ऐतिहासिक सभागार में सिटीजंस फॉर डेमोक्रेसी स्वर्ण जयंती कांफ्रेंस

    • By TN15
    • April 22, 2025
    • 1 views
    नई दिल्ली स्थित गांधी शांति प्रतिष्ठान के ऐतिहासिक सभागार में सिटीजंस फॉर डेमोक्रेसी स्वर्ण जयंती कांफ्रेंस