विश्वासघात की पराकाष्ठा : यह क्या हो गया है हमारे समाज को !

चरण सिंह 

इसे पश्चिमी सभ्यता का प्रभाव कहें। इसे समाज का नैतिक पतन कहें। इसे बर्बाद होता समाज कहें या फिर किसी तरह के डर का समाप्त होना। समाज में ऐसी-ऐसी घटनाएं घट रही हैं कि लोग भौचक्के रह जा रहे हैं। वैसे तो पारिवारिक अपराध की एक से बढ़कर के खबर पढ़ने और देखने को मिलती है। कोई अपनी पत्नी को मार दे रहा है तो कोई पति को। कोई अपनी प्रेमिका को मार दे रहा है तो कोई प्रेमी को। कोई पिता को मार दे रहा है तो कोई बेटे को। कोई मां की हत्या कर दे रहा है तो कोई बेटे की। पर जिस तरह से मेरठ की मुस्कान अपने पति की हत्या कर अपने प्रेमी के साथ मौज मस्ती करने हिल स्टेशन पर चली गई और बिना किस डर के उसके ही साथ वापस भी आ गई। इस घटना को सुनकर लोगों के रोंगटे खड़े हो जा रहे हैं। इस घटना में किसी तरह का कोई डर इन प्रेमी युगल को नहीं दिखाई दे रहा है।

क्या समाज में रिश्तो की डोर इतनी कमजोर हो चुकी है कि पति कहीं दूसरे शहर में कमाने चला जाए तो पत्नी कुछ भी करती फिरे। मेरठ की इस आपराधिक कहानी में पति बेचारा बच्चो के लालन पालन किये लंदन में कमाने चला गया। पत्नी मेरठ में किराये पर अपनी बेटी के साथ रह रही थी। इस बेवफा पत्नी ने किसी सीए से अवैध संबंध बना लिए। इस सीए को भी देखिये कि इसके मां बाप को इससे कितनी उम्मीद होंगी। यह इस विवाहिता के चक्कर में अपना जीवन बर्बाद करने में लग गया। पति बेचारा देखो इस बेवफा पत्नी का जन्मदिन मनाने आया था। उसको क्या पता था कि जिस पत्नी का जन्मदिन मनाने वह लंदन से भारत जा रहा है। वहां उसकी पत्नी मौत से उसका स्वागत करेगी।
इस लड़की का दुस्साहस तो देखिये कि पति की हत्या कर शव को ड्रम में डाल दिया और ऊपर से सीमेंट से बंद कर दिया। प्रेमी के साथ मौज मस्ती करने चली गई। इस लड़के को भी तो देखो कि अच्छा खासा सीए है। इस विवाहिता के चक्कर में अपना जीवन बर्बाद कर बैठा। इस विवाहिता को इतना भी डर नहीं था कि उसने जो अपराध किया है उसका पता तो चलेगा ही। वह अपने प्रेमी को साथ लेकर फिर से अपने घर आ गई। वह तो इसके देवर को इसकी करतूत का अंदेशा हो गया था। वह ढूंढता ढूंढता भाई के घर तक पहुंच गया। यह बेचारा पता कर ही रहा था कि यह बेवफा पत्नी अपने प्रेमी के साथ मौज मस्ती करने घर वापस आ गई। जब इसके देवर ने भाई के बारे में पूछा तो वह इधर उधर की बात करने लगी। जब उसके प्रेमी के बारे में उसने पूछा कि यह लड़का कौन है तो वह सही इ जवाब न दे पाई। इसके देवर और मां ने इसकी पोल खोल दी।
मां तो मां ही होती है। इसकी मां ने भी यही कहा कि उनकी लड़की ही गलत थी। जिस लड़की की मां ही उसे गलत करार दे दे तो समझा जा सकता है कि वह कितनी गलत होगी। देखने की बात यह है कि समाज में जो अवैध संबंधों को लेकर लगातार अपराध बढ़ रहे हैं। पति पत्नी के संबंध में विश्वास में लगातार कमी आ रही है। ऐसे में आने वाला समाज किस तरह का होगा। क्योंकि कोई परिवार भी लड़की के आचरण पर टिका होता है। हमारे समाज में यह माना जाता है कि लड़की बिगड़े से बिगड़े लड़के और परिवार को सुधार देती है। समझने की जरुरत इस बात की है कि यदि लड़की ही गलत होगी तो फिर वह परिवार कैसे होगा ?
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