सुशील मोदी के बेटे ने पिता को भावुक शब्दों के साथ दी श्रद्धांजलि

जब मैं लड़खड़ाता, तो वो बन जाते थे छड़ी : अमृतांशु

अभिजीत पाण्डेय

पटना। जब बहुत अधिक गर्मी और दबाव था, तो वे आवरण थे, जब कोई भावनात्मक विस्फोट था, तो वो रक्षक थे, जब मैं लड़खड़ाता था, तो वो छड़ी के रूप में सहारा देते थे।

बिहार के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी के निधन पर जहां विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता-कार्यकर्ताओं की ओर से प्रार्थना सभा का आयोजन कर उन्हें नमन किया जा रहा है, वहीं उनके पुत्र अक्षय अमृतांशु ने भी अपने शब्दों में पिता को नमन किया। अक्षय अमृतांशु ने कई पुरानी यादों का जिक्र किया है।

 

अपने भावुक पत्र मे अक्षय अमृतांशु लिखते हैं कि हम एक परिवार के रूप में अपनी भावनाओं से निपट रहे हैं, यह याद दिलाना अभिभूत करने वाला है कि वह कितने महान व्यक्ति थे। माई लाइफ़्स अम्ब्रेला यानी ‘मेरे जीवन का छाता’ उनका वर्णन करने के लिए सबसे अच्छा वाक्यांश है – जब बहुत अधिक गर्मी और दबाव था, तब वे आवरण थे, जब कोई भावनात्मक क्षण होता, तब वह रक्षक थे, जब मैं लड़खड़ाता था, तब वह मेरी छड़ी थे।

अपनी जातीय पहचान पर अक्षय अमृतांशु कहते हैं, वह “मोदी” उपनाम वाले थे, लेकिन उन्होंने हमें तथागत और अमृतांशु उपनाम दिया ताकि हम जीवन में अपनी स्वतंत्र पहचान पा सकें। हमारी हर उपलब्धि का जश्न मनाना, हमें भगवद गीता के श्लोकों की याद दिलाना, उनका हमें यह बताने का तरीका था कि हम दुनिया से मतलब रखते हैं।

पिता की आदतों पर वे लिखते हैं कि वह नरम दिल लेकिन नियमबद्ध थे, तीखे थे लेकिन आवेगी नहीं थे। उन्हें कभी संदेह नहीं हुआ। वह एक कर्ताधर्ता थे, अपने कार्यों पर गर्व करते थे, असफल होने से कभी नहीं डरते थे, लेकिन शांत, चौकस, विचारशील, धैर्यपूर्वक आलोचना सुनते थे, खुद को सुधारते थे और बिहार की मदद करने के तरीके खोजते थे।

एक राजनेता के रूप में, वह अक्सर अपने सीधे-सपाट दृष्टिकोण से लोगों को अचंभित करते थे। उन्होंने उन चीजों के लिए “नहीं” कहा, जिन्हें वह पूरा नहीं कर सके और उन्होंने कभी झूठा आश्वासन नहीं दिया, भले ही इसके लिए उन्हें लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा।

अक्षय कहते हैं कि सरकार में सेवा के दौरान, वह अक्सर उत्साहित मुस्कान के साथ घर लौटते थे और हमें लोगों के लिए किसी नई योजना या परियोजना के बारे में बताते थे, चाहे वह लड़कियों के लिए स्कूल-ड्रेस हो, स्कूली बच्चों के लिए साइकिल हो, बनाई जा रही सड़कें हों। हमारे साथ उनकी बातचीत से बिहार, इसकी संस्कृति और यहां के लोगों के प्रति उनका प्रेम झलकता और कैसे सरकार में रहकर समाज को वापस लौटाना एक जरूरी तरीका है, जिसने उन्हें सब कुछ दिया है।

मैंने एक बार उनसे पूछा था कि वह क्या चाहते हैं और उन्होंने कहा था कि उन्हें जीवन में सब कुछ मिल गया है; प्यार, स्नेह और सबसे बढ़कर, सम्मान। उनका जीवन पूर्ण था, बिना किसी पछतावे के। अक्षय ने बताया कि निधन से पहले, सुशील मोदी ने हमसे चॉकलेट और आइसक्रीम मांगी, जो अनुशासित जीवन में उनकी पसंदीदा थीं।

12 मई की शाम सुशील मोदी अचानक उठे और अपनी कर्मभूमि पटना में पीएम की रैली देखने के लिए न्यूज ऑन करने को कहा। वह आखिरी बार था जो उन्होंने टीवी देखा था, शायद वह सब कुछ से संतुष्ट हो चुके थे जो उन्होंने किया था और हासिल किया था। अक्षय लिखते हैं कि पटना के पीएम मोदी के रोड शो को देखने के बाद वे सो गये और चुपचाप हमेशा के लिए सो गए।

  • Related Posts

    आरसीबी की जीत के जश्न में मची भगदड़ से पल्ला झाड़ने पर एक्शन में हाईकोर्ट !

    बेंगलुरु। कर्नाटक हाई कोर्ट ने बेंगलुरु के चिन्नास्वामी…

    Continue reading
    शिक्षक संघ ने समाहरणालय गेट पर दिया धरना, सौपा ज्ञापन

    पश्चिम चम्पारण/बेतिया। समाहरणालय के समक्ष शिक्षक संघ ने…

    Continue reading

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You Missed

    आईएमएस में मनाया गया पर्यावरण दिवस

    • By TN15
    • June 5, 2025
    आईएमएस में मनाया गया पर्यावरण दिवस

    एक पेड़ मां के नाम जन अभियान की बिजनौर नगर पालिका ने की शुरुआत , चेयरमैन व ईओ ने सभासदों के साथ मिलकर किया वृक्षारोपण

    • By TN15
    • June 5, 2025
    एक पेड़ मां के नाम जन अभियान की बिजनौर नगर पालिका ने की शुरुआत , चेयरमैन व ईओ ने सभासदों के साथ मिलकर किया वृक्षारोपण

    हिमालय बचाओ, जीवन बचाओ: किशोर उपाध्याय ने विश्व पर्यावरण दिवस पर जलवायु संकट को लेकर दी वैश्विक चेतावनी

    • By TN15
    • June 5, 2025
    हिमालय बचाओ, जीवन बचाओ: किशोर उपाध्याय ने विश्व पर्यावरण दिवस पर जलवायु संकट को लेकर दी वैश्विक चेतावनी

    विश्व पर्यावरण दिवस : धरती को बचाने का संकट

    • By TN15
    • June 5, 2025
    विश्व पर्यावरण दिवस : धरती को बचाने का संकट

    विश्व पर्यावरण दिवस पर एक पेड़ मां के नाम की मुहिम की भाजपा ने चमन गार्डन से की शुरुआत

    • By TN15
    • June 5, 2025
    विश्व पर्यावरण दिवस पर एक पेड़ मां के नाम की मुहिम की भाजपा ने चमन गार्डन से की शुरुआत

    बेंगलुरु भगदड़ मामले में सरकारी वकील ने लगाया बड़ा आरोप!

    • By TN15
    • June 5, 2025
    बेंगलुरु भगदड़ मामले में सरकारी वकील ने लगाया बड़ा आरोप!