अभी भी झोल है चाचा-भतीजे के मिलने में!

सी.एस. राजपूत 
ले ही सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने चाचा शिवपाल यादव की पार्टी प्रसपा से गठबंधन होने की बात कर दीवाली के त्यौहार पर राजनीतिक गलियों में हलचल पैदा कर दी हो पर अखिलेश यादव की कार्यशैली और शिवपाल यादव की अपेक्षा के चलते चाचा भतीजे के मिलने में अभी झोल है। अखिलेश यादव अपने चाचा की पार्टी को ज्यादा सीटें देने को तैयार नहीं होंगे और शिवपाल यादव ने पार्टी के बहुत नेताओं को टिकट देने का वादा कर रखा है। वैसे भी ओवैसी और चंदशेखर आजाद से गठबंधन होने की चर्चा ने शिवपाल यादव के वजूद को फिर से मुख्यधारा में ला दिया था। भले ही शिवपाल यादव बार बार सपा से गठबंधन की बात कर रह हैं पर वह भी जानते हैं कि सपा से गठबंधन होते ही उनकी पार्टी सपा की डमी पार्टी साबित हो जाएगी। दरअसल अखिलेश यादव शिवपाल यादव की सपा के संगठन पर पकड़ की वजह से चाचा से राजनीतिक असुरक्षा की भावना पाले बैठे हैं। उनको लगता है कि प्रसपा के मजबूत होने पर पुराने नेताओं का शिवपाल यादव की ओर रुझान हो सकता है।  इसलिए वह शिवपाल को मजबूत होते नहीं देख सकते हैं। यह बात शिवपाल यादव अच्छी तरह समझते हैं। वैसे भी जिस भाई मुलायम सिंह यादव पर शिवपाल यादव ने आँख मूंद कर भरोशा किया और पार्टी भी बनवाई वही भाई फिर से सपा की पैरवी करने लगे। उधर शिवपाल के बेटा जो कि प्रसपा का महासचिव भी है राजनीतिक महत्वांक्षा पाले हुए है। उसे लगता है कि जिस पार्टी पर उनके पिता का अधिकार था उसे उनके ताऊ मुलायम सिंह यादव ने एक रणनीति के तहत अपने बेटे अखिलेश यादव को सौंप दिया।
भले ही अखिलेश यादव शिवपाल यादव की पार्टी में सम्मान देने की बात कर रहे हों पर अपने मुख्यमंत्री काल में वह उन्हें और उनके समर्थकों को अपमानित कर चुके हैं। यह बात शिवपाल पाल यादव अभी भूले नहीं हैं। उधर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का प्रयास होगा कि शिवपाल यादव अपने भतीजे से न मिल पाएं। वैसे भी शिवपाल यादव योगी आदित्यनाथ की कई बार प्रशंसा  कर चुके हैं। योगी आदित्यनाथ ने भी पूर्व मुख्यमंत्री मायावती से बंगला खाली कराकर शिवपाल यादव को दे दिया था। हालांकि प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के प्रमुख शिवपाल यादव ने हाल के दिनों में कहा था कि वह 2022 के चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी के साथ गठजोड़ करना पसंद करेंगे। मुलायम सिंह यादव के दूसरे बेटे की पत्नी अपर्णा यादव भी शिवपाल यादव के साथ मानी जाती हैं। वह कई बार कह चुकी हैं कि शिवपाल यादव के समाजवादी पार्टी के लिए पुलिस से थप्पड़ खाने की बात कर चुकी हैं। मतलब वह अभी भी शिवपाल यादव को सपा से जोड़कर देखती हैं।
दरअसल 2017 विधानसभा चुनाव ने पहले पारिवारिक विवाद और सत्ता के संघर्ष में दोनों चाचा-भतीजे अलग हो गए थे। अखिलेश यादव के पास जहां समाजवादी पार्टी रह गई थी, तो वहीं शिवपाल यादव ने अपनी अलग पार्टी बना ली थी। कयास लगाए जा रहे हैं कि नेताजी के जन्मदिन 22 नवम्बर को कुछ नया हो जाये।

Related Posts

विश्व पर्यावरण दिवस : धरती को बचाने का संकट

नीरज कुमार जानी-मानी हकीकत है कि 1760 में…

Continue reading
गाँव की सूनी चौपाल और मेहमान बनते बेटे

डॉ. सत्यवान सौरभ “गांव वही है, खेत वही…

Continue reading

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You Missed

कनाडा के पीएम मार्क कार्नी ने फोन कर पीएम मोदी को दिया जी-7 का न्योता 

  • By TN15
  • June 6, 2025
कनाडा के पीएम मार्क कार्नी ने फोन कर पीएम मोदी को दिया जी-7 का न्योता 

मुख्यमंत्री की गिरफ़्तारी का आदेश अवैध ?

  • By TN15
  • June 6, 2025
मुख्यमंत्री की गिरफ़्तारी का आदेश अवैध ?

कलशयात्रा के साथ श्री राम कथा का हुआ शुभारंभ

  • By TN15
  • June 6, 2025
कलशयात्रा के साथ श्री राम कथा का हुआ शुभारंभ

मालदीव की यात्रा के प्रति चेतावनी

  • By TN15
  • June 6, 2025
मालदीव की यात्रा के प्रति चेतावनी

भगोड़ा कह सकते हैं चोर नहीं  : विजय माल्या

  • By TN15
  • June 6, 2025
भगोड़ा कह सकते हैं चोर नहीं  : विजय माल्या

प्रेम प्रसंग में नाबालिग लड़की की हत्या, दो नाबालिग भाई, दो मामा, ममेरे भाई ने रचा था षड्यंत्र! 

  • By TN15
  • June 6, 2025
प्रेम प्रसंग में नाबालिग लड़की की हत्या, दो नाबालिग भाई, दो मामा, ममेरे भाई ने रचा था षड्यंत्र!