1994 से बाबा रामदेव मेला समिति बड़वा कर रही खेलों का आयोजन

बूढा और ऊंटों की दौड़ बनती है आकर्षण का केंद्र, कुश्ती कबड्डी में बांटे जाते है लाखों के ईनाम

गाँव बड़वा में लगने वाले बाबा रामदेव के मेले में हर वर्ष हजारों धर्म-प्रेमी बाबा रामदेव महाराज के दर्शन के लिए आते हैं. मेले में तरह-तरह की दुकानें सजाई जाती है. वहीं अनेक प्रकार के झूले और खेलों का आयोजन किया जाता है. शुरुआती दौर में मेले में ऊंटों का नृत्य और दौड़ आकर्षण का केंद्र बनते थे. ग्रामीणों ने बताया कि वर्ष 1994 से यहां बाबा रामदेव मेला समिति मेले का आयोजन करवाती आ रही है. उस दौरान की खेल प्रतियोगिता में ऊंटों की दौड़ मुख्य आकर्षण का केंद्र होती थी और ऊंट मैदान में नृत्य करते थे. विजेता को नगद इनाम देकर सम्मानित किया जाता था. उनकी जगह अब आधुनिक खेलों ने ले ली है, जिसमे लड़कियों और महिलाओं की तरह-तरह की खेल प्रतियोगिताएं शामिल है.

डॉ. सत्यवान सौरभ

वर्तमान में कलयुग के देवता कहे जाने वाले बाबा रामदेव जी का जन्म स्थल रामदेवरा है. जहां पर अजमल जी के घर बाबा रामदेव ने जन्म लिया था. उन्हीं के जन्म के साथ में राजा अजमल जी के घर में कुमकुम के पांव उनके घर में बने थे. बाबा रामापीर के जन्मदिवस को भगत और ग्रामीण जन अत्यंत हर्ष और उल्लास के साथ मनाते हैं पश्चिमी राजस्थान के लोक देवता बाबा रामदेव जी का मेला पूरे भारत में प्रसिद्ध है .राम बाबा रामदेव जी की असीम कृपा से इस वर्ष माघ शुद्धि दसवीं मेला पूरे देश में 31 जनवरी 2023 को हर्षोल्लास हर्षोल्लास के साथ आयोजित होगा. जिसमें भगत और भगवान दोनों एक साथ होंगे.

इसी कड़ी में राजगढ़-हिसार मुख्य सड़क मार्ग पर खंड सिवानी मंडी के गांव बड़वा की पहचान यहां आयोजित होने वाले बाबा रामदेव मेला और खेल समिति के समारोह से जुड़ी है. यहां आयोजित होने वाले बाबा रामदेव मेले एवं खेल प्रतियोगिता का जश्न व आकर्षण का केंद्र समारोह के दौरान आयोजित करवाई जाने वाली तरह-तरह की दौड़ों, कुश्तियों, कबड्डी, मटका दौड़, और अन्य दौड़ एवं खेलों से होती है तथा जो भी इस में जीत हासिल करता है उसे समिति नकद इनाम से सम्मानित करती हैं. गांव में हर साल बाबा रामदेव मेला एवं खेल प्रतियोगिता मनाई जाती है. इसके लिए ब्रह्म मुहूर्त के साथ बाबा रामदेव मंदिर में दीप प्रज्जवलन के बाद गांव के राजीव गांधी खेल स्टेडियम के मैदान में पहले ध्वजारोहण होता है. इसके बाद तरह-तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं. बाबा रामदेव मंदिर में पूरा दिन पूजा-अर्चना होती है और इसके बाद शुरू होती है यहां तरह-तरह की दौड़े. इसमें राजस्थान,पंजाब और हरियाणा के जगह-जगह के लोग शामिल होते हैं.

शुरुआती दौर में मेले में ऊंटों का नृत्य और दौड़ आकर्षण का केंद्र बनते थे. ग्रामीणों ने बताया कि वर्ष 1994 से यहां बाबा रामदेव मेला समिति मेले का आयोजन करवाती आ रही है. उस दौरान की खेल प्रतियोगिता में ऊंटों की दौड़ मुख्य आकर्षण का केंद्र होती थी और ऊंट मैदान में नृत्य करते थे. विजेता को नगद इनाम देकर सम्मानित किया जाता था. उनकी जगह अब आधुनिक खेलों ने ले ली है, जिसमे लड़कियों और महिलाओं की तरह-तरह की खेल प्रतियोगिताएं शामिल है. इसके अलावा मेले में घोड़ों, कुश्ती, कबड्डी, मटका दौड़ महिलाओं के लिए तरह-तरह की दौड़ के विजेताओं को भी बड़े-बड़े नाम देकर सम्मानित किया जाता है, बाबा रामदेव मंदिर सैकड़ों वर्ष पुराना है लेकिन यहां मेले का आयोजन साल 1994 से शुरू किया गया.

जहां तक मंदिर की स्थापना का सवाल है तो गांव की एक बुजुर्ग महिला पदमा देवी पत्नी श्री रामकरण गैदर ने सैंकड़ों साल पहले की. रामदेवरा जो कि राजस्थान में पड़ता है और देश विदेश के श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है कि भक्ति और श्रद्धा के फलस्वरूप उन्होंने अपने गांव में बाबा रामदेव मंदिर की नींव रखी और उन्होंने सोचा कि क्यों नए गांव में भी बाबा रामदेव मंदिर की स्थापना हो और जो लोग रामदेवरा नहीं जा पाते वो यही से बाबा के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करे. तब से लेकर आज तक इस मंदिर के प्रति गांव बड़वा के निवासियों ही नहीं, आस-पास के लोगों की अपार श्रद्धा है और यह कारवां जैसे-जैसे आगे बढ़ा तो बाबा रामदेव मेला समिति का गठन हुआ और समिति ने सन 1994 से यहां पर एक मेले और खेल प्रतियोगिता का आयोजन करना शुरू कर दिया.

रोमांचक है गांव बड़वा का इतिहास, सिवानी मंडी खंड भिवानी का गांव बड़वा हरियाणवी फिल्मों में भी मशहूर है. सालों पहले यहां पर हरियाणवी फिल्म चंद्रावल को यहां के केसर तालाब पर फिल्माया गया इसके लिए बाकायदा हरियाणा के जाने-माने कलाकार यहां पर पहुंचे थे. यही नहीं यहां की हवेलियां ऐतिहासिक है और इन हवेलियों का जिक्र हरियाणा की सांस्कृतिक विरासत से जुड़े अभिलेखों में भी किया गया है. इसके अलावा यहां 36 बिरादरी के लोग आपसी भाईचारे से रहते हैं . बड़वा में हर कोने पर आपको मंदिर देखने को मिल जाएंगे इसलिए गांव बड़वा को छोटी काशी से कम नहीं आंका जाना चाहिए.

गाँव बड़वा में लगने वाले बाबा रामदेव के मेले में हर वर्ष हजारों धर्म-प्रेमी बाबा रामदेव महाराज के दर्शन के लिए आते हैं. मेले में तरह-तरह की दुकानें सजाई जाती है. वहीं अनेक प्रकार के झूले और खेलों का आयोजन किया जाता है. बाबा रामदेव मेला कमेटी के प्रधान महावीर सिंह बताते हैं कि हर साल की भांति इस साल भी यह मेला 31 जनवरी को बड़े ही धूमधाम के साथ बाबा रामदेव मेला प्रांगण में आयोजित होगा और राजीव गांधी खेल स्टेडियम नेतृत्व खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा. दसवीं के दिन लगने वाले इस मेले में हजारों धर्म प्रेमी बाबा रामदेव महाराज के दर्शन के लिए आएंगे और मेले में खिलौनों प्रसाद की दुकानें सजाई जाएगी.

  • Related Posts

    “गद्दारी का साया: जब अपनों ने ही बेचा देश”

    मुठ्ठी भर मुगल और अंग्रेज देश पर सदियों…

    Continue reading
    इनके लिए देश और समाज गया भाड़ में, बस वोटबैंक चाहिए!

    चरण सिंह  क्या वोट बैंक देश और सेना से…

    Continue reading

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You Missed

    ट्रेड यूनियनों ने डीएम कार्यालय पर प्रदर्शन कर केंद्र व प्रदेश सरकार को 09 जुलाई को हड़ताल करने का फिर दिया नोटिस

    • By TN15
    • May 20, 2025
    ट्रेड यूनियनों ने डीएम कार्यालय पर प्रदर्शन कर केंद्र व प्रदेश सरकार को 09 जुलाई को हड़ताल करने का फिर दिया नोटिस

    गद्दारी का साया?

    • By TN15
    • May 20, 2025
    गद्दारी का साया?

    “गद्दारी का साया: जब अपनों ने ही बेचा देश”

    • By TN15
    • May 20, 2025
    “गद्दारी का साया: जब अपनों ने ही बेचा देश”

    कलम लाऊँगा

    • By TN15
    • May 20, 2025
    कलम लाऊँगा