बौद्धिक संपदा को लेकर वैज्ञानिक अतिसंवेदनशील : कुलपति

विश्वविद्यालय वैज्ञानिकों में हर तरह के क्षमता निर्माण को लेकर प्रयत्नशील। बौद्धिक संपदा को संरक्षित करने की जरूरत

सुभाषचंद्र कुमार

समस्तीपुर। डॉ राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के विद्यापति सभागार में बौद्धिक संपदा अधिकार विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति डॉ पुण्यव्रत सुविमलेंदु पांडेय ने कहा कि विश्वविद्यालय वैज्ञानिकों में हर तरह के क्षमता निर्माण को लेकर प्रयत्नशील है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में अनुसंधान की दिशा और दशा में तेजी से सुधार हुआ है। अब जरूरत है कि इस अनुसंधान से जो निष्कर्ष निकले, उस बौद्धिक संपदा को संरक्षित किया जाये।

 

इसी उद्देश्य को लेकर इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में देश के सर्वोच्च बौद्धिक संपदा के विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया है ताकि वैज्ञानिक पेटेंट, जीआई टैगिंग, कॉपीराइट तथा अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर पूरी जानकारी हासिल कर सकें। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में अनुसंधान निदेशक डॉ एके सिंह की सराहना की और कहा कि वे काफी अच्छा कार्य कर रहे हैं। विशिष्ट अतिथि के रूप में बोलते हुए आइसीएआर के पूर्व सहायक महानिदेशक डॉ संजीव सक्सेना ने कहा कि वैज्ञानिकों को बौद्धिक संपदा के बारे में विस्तार से जानकारी होनी चाहिए क्योंकि वे काम तो काफी अच्छा करते हैं लेकिन उसे संरक्षित नहीं कर पाते।

उन्होंने कहा कि विदेशों में लगभग सभी वैज्ञानिक अपने बौद्धिक संपदा को लेकर बहुत संवेदनशील रहते हैं जबकि भारत मे लोगों के बीच जागरूकता की अभी भी कमी है। उन्होंने बौद्धिक संपदा से जुड़े विभिन्न पहलुओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के एनआरपी के पूर्व सहायक महानिदेशक डॉ सुधीर कोचर ने पेटेंट, जीआई टैगिंग और कॉपीराइट कानून की जानकारी दी और वैज्ञानिकों के विभिन्न प्रश्नों के उत्तर भी दिए।

उन्होंने विभिन्न प्रक्रियाओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी। निदेशक अनुसंधान डॉ एके सिंह ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और कहा कि कुलपति बौद्धिक संपदा को लेकर काफी सक्रिय हैं, इसी का परिणाम है कि पिछले डेढ़ साल में बारह पेटेंट और एक जाआई टैग हासिल हुआ है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में काफी अच्छा कार्य हो रहा है और आने वाले समय में और तेजी से पेटेंट हासिल हों इसलिए इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है।

सह निदेशक अनुसंधान डॉ संतोष कुमार ठाकुर ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम के दौरान निदेशक शिक्षा डा उमाकांत बेहरा, डीन पीजीसीए डॉ मयंक राय , डीन बेसिक साइंस डॉ अमरेश कुमार, निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ एमएस कुंडू, निदेशक छात्र कल्याण डॉ रमण त्रिवेदी, डीन फिशरीज डॉ पीपी श्रीवास्तव, डा दिनेश राय, डा यू मुखर्जी, डॉ मुकेश कुमार, डॉ महेश कुमार, सूचना पदाधिकारी डॉ कुमार राज्यवर्धन समेत विभिन्न वैज्ञानिक शिक्षक एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

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