पति की पाठशाला में पढ़ाई कर देश की पहली शिक्षिका बनीं सावित्री बाई फुले

नीरज कुमार
च्छा शिक्षक बनने के लिए एक अच्छा विद्यार्थी बनना बहुत जरूरी है। देश की पहली शिक्षिका सावित्री बाई फूले भी पहले एक अच्छी विद्यार्थी बनीं और तमाम परेशानियों और विरोध का सामना करते हुए लड़कियों को पढ़ाने का बीड़ा उठाया और समाज में एक क्रांतिकारी काम किया। यह वह दौर था जब लोग लड़कियों को घरों से भी नहीं निकलने देते थे। पढ़ाना तो कोसों की बात है। सावित्री बाई फूले लोगों के नजरिये को बदला। जो लोग उन पर कीचड़ फेंकते थे उन पर लड़कियों को बिगाड़ने का आरोप लगाते थे। उन्होंने ही सावित्री बाई फुले का लोहा माना।
आज सावित्री बाई फुले का जन्मदिव है। समाज में व्याप्त कुरीतियों का सामना सावित्री बाई फुले को भी करना पड़ा। 9 साल के उम्र में सावित्री बाई फुले का विवाह ज्योतिराव फुले से हुआ | सावित्री की पढाई में रुची थी। जब यह ज्योतिराव फुले ने महसूस किए तो उन्होंने उन्हें पढ़ाना शुरू किया | यह उनकी पढ़ाई के प्रति लगन ही थी कि सावित्री ने अहमदनगर और पुणे से अपना प्रशिक्षण पूरा किया। देश में लड़कियों के लिए पहला स्कूल 1848 में खुला जो ज्योतिराव-सावित्री बाई ने खोला था। ऐसा ही नहीं कि सावित्री बाई फुले मात्र एक शिक्षिका ही  थीं वह एक समाज सेविका भी थीं। 1876 व 1879 के अकाल व 1897 में जब प्लेग महामारी देश में फैली तो  सावित्री बाई फुले ने गाँव-देहात में पीड़ितों के लिए सहायता-शिविर चलाने व भोजन व्यवस्था करने में अथक प्रयास किए | प्लेग के मरीजों की सेवा-देखभाल करते हुए सावित्री बाई भी बीमार पड़ गईं  और 10 मार्च 1897 वह भी प्लेग महामारी की भेंट चढ़ गईं।

सावित्रीबाई ने पढकर और पढ़ाकर जाति व्यवस्था और पितृसत्ता दोनों पर चोट थी। एक बेहतर समाज की कल्पना करती और इस कल्पना को पूरा करने के लिए सीमाएं लांघती सावित्री को रोकने के लिए व्याकुल कट्टरपंथी कभी उनपर गोबर फेंकते और कभी पत्थर, कभी उनका रास्ता रोकते और कभी उन्हें घर से निकलवा देते |
कहते हैं एक अच्छा शिक्षक वही हो सकता है जो अच्छा विद्यार्थी  हो | सावित्रीबाई भी एक अच्छे   विद्यार्थी  की तरह लगातार सामाजिक गैरबराबरी और उत्पीड़न को समझतीं और उसे तोड़ने में खुद को झोंक देतीं | अन्याय के खिलाफ संघर्ष में अपने विधार्थियों को भी सक्रिय करती | इनका कक्षा के अन्दर और बाहर का जीवन एक दुसरे से जुड़ा दिखता हैं |
सावित्रीबाई फुले हर सामाजिक कुरीति से लड़ती और अपने आस-पास के माहौल में हस्तक्षेप करती | उन्होंने  जीवनभर विधवा विवाह के लिए प्रयास किये, अनाथ बच्चों के लिए आसरे खोले व महामारी के समय लोगों की शारीरिक आर्थिक मदद की | उनका उदाहरण दिखाता है कि समाज से कटकर कोई प्रगतिशील नहीं बन सकता |  उनके शिक्षा दर्शन के केंद्र में था ‘समाज सुधार’ | इन्होंने आर्थिक स्वतंत्रता के लिए व्यवसायिक शिक्षा पर जोड़ दिया और मानसिक स्वतंत्रता के लिए ऐसी शिक्षा पर जो परिस्थितियों की गुण-दोष विवेचना करना सिखाए | एक ऐसी शिक्षा जो  उत्पीड़न के स्त्रोत को समझकर बदलाव के रास्ते खोजना सिखाए | साथ ही पुरुष-महिला संबंधों में बराबारी सिखाए, जैसे महिलाओं और उनके निर्णयों का सम्मान करना और बच्चे के लालन-पालन को लेकर पुरुष और स्त्री में सहभागिता का पालन करना |
सावित्रीबाई के लिए सभी बच्चों का ‘सार्वभौमिक अधिकार’ था और उनका मानना था कि संवेदनशील, तार्किक और सामाजिक सुधारवादी शिक्षा पाने का अधिकार हर बच्चे को है | तर्क और भावनाओं को जोड़ती सावित्रीबाई फुले ने जीवन के आखिरी पल तक न सहानुभूति को छोड़ा, न न्याय को न प्यार को |

Related Posts

योगी आदित्यनाथ को छेड़ना मतलब मधुमक्खी के छत्ते में हाथ डालना !

चरण सिंह यदि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी…

Continue reading
फेसबुक या फूहड़बुक?: डिजिटल अश्लीलता का बढ़ता आतंक और समाज की गिरती संवेदनशीलता

प्रियंका सौरभ जब सोशल मीडिया हमारे जीवन में…

Continue reading

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You Missed

शब्द-संधान— भाषा की शुद्धता की साधना

  • By TN15
  • May 27, 2025
शब्द-संधान— भाषा की शुद्धता की साधना

तो अपने पिता के नाम पर पार्टी बनाएंगे तेज प्रताप यादव?

  • By TN15
  • May 27, 2025
तो अपने पिता के नाम पर पार्टी बनाएंगे तेज प्रताप यादव?

सभा व जनसंपर्क अभियान के माध्यम से किसान सभा गौतम बुध नगर कमेटी ने 29 मई को भारी संख्या में डीएम कार्यालय सूरजपुर पहुंचने की क्षेत्र के लोगों से की अपील

  • By TN15
  • May 27, 2025
सभा व जनसंपर्क अभियान के माध्यम से किसान सभा गौतम बुध नगर कमेटी ने 29 मई को भारी संख्या में डीएम कार्यालय सूरजपुर पहुंचने की क्षेत्र के लोगों से की अपील

बीएसएफ ने तबाह कर दी थी पाकिस्तान की 72 चौकियां!

  • By TN15
  • May 27, 2025
बीएसएफ ने तबाह कर दी थी पाकिस्तान की 72 चौकियां!

योगी आदित्यनाथ को छेड़ना मतलब मधुमक्खी के छत्ते में हाथ डालना !

  • By TN15
  • May 27, 2025
योगी आदित्यनाथ को छेड़ना मतलब मधुमक्खी के छत्ते में हाथ डालना !

विशेष सत्र के लिए टीएमसी सांसद ने पीएम मोदी को लिखा पत्र

  • By TN15
  • May 27, 2025
विशेष सत्र के लिए टीएमसी सांसद ने पीएम मोदी को लिखा पत्र