ट्रंप की TARRIF का कारण और निवारण

आज संपूर्ण विश्व में ट्रंप के TARRIF पर बात हो रही है| इस टैरिफ की वजह से आर्थिक आंकड़ों का विश्लेषण एवं आर्थिक मंदी की बात हो रही है|
यदि हम सिर्फ इस टैरिफ पर ध्यान केंद्रित करके आर्थिक मंदी की बात करेंगे तो हम एक बड़ी तस्वीर को नजरअंदाज करेंगे। जिस प्रकार चिकित्सा के क्षेत्र में लक्षण को देखकर उपचार शुरू कर देते हैं| मुख्य कारण की ओर ध्यान ही नहीं देते| ठीक वैसा ही हम यहाँ भी करेंगे यदि टैरिफ के आधार पर चीजों का आकलन करेंगे|
हमें लक्षण नहीं कारण पर ध्यान देना होगा|
आज जब सभी इस बात की चर्चा कर रहे हैं तो मैंने भी ज्योतिष के पास बैठकर सुदर्शन चक्र के माध्यम से लक्षणों को देखते हुए इस कारण को समझने की एक कोशिश और इसका निवारण कब तक जानने का एक प्रयास किया है|
अमेरिका – 250वें वर्ष में इसका प्रवेश होने ही वाला है| चलने वाली दशा के अनुसार वर्ष 2022 के उत्तरार्ध से इसकी नींव दरकने की शुरुआत हुई है| अब यह दरार और गहरा रहा है| कहते हैं न कि ‘बैठा हाथी भी गदहा से ऊँचा ही होता है| परंतु आनेवाले वर्षों में 2029 वह वर्ष होगा जब नींव के दरकने की वजह से इसकी कई दीवार ढहेंगे| ‘दुनिया की एकमात्र सुपरपावर’ कहा जानेवाला अमेरिका अपने अस्तित्व को बचाने की लड़ाई लड़ेगा|
चीन – यह अपने 77वें वर्ष में प्रवेश करेगा| चलने वाले दशा के अनुसार वर्तमान में भी और आने वाले 2029 से आगे के वर्षों में भी यह वैश्विक पटल पर एक सशक्त आर्थिक शक्ति के रूप में इसकी यात्रा अनवरत जारी रहने का संकेत मिल रहा है|
भारतवर्ष- यह अपने 79वें वर्ष में प्रवेश करेगा| यह वर्ष इसके लिए आंतरिक झंझावातों के साथ साथ ग्लोबल उतार चढ़ाव से भी प्रभावित होकर अस्थिर होने वाला रहेगा| 80वां वर्ष से स्थिरता की तरफ बढ़ेगा| आर्थिक रूप से और सशक्त होने की दिशा में इसकी रफ़्तार और तेज 2028 के उत्तरार्ध से होगी|
तीनों देशों के माध्यम से मिलने वाले ग्रहों के संकेत के अनुसार पहला संकेत तो यह मिल रहा है की अभी जो लक्षण दिख रहा है इसके कारण की शुरुआत वर्ष 2022 से हुई है| इसकी वजह से परिस्थितियों में जो बदलाव शुरू हुआ है वह बदलाव अब टाला नहीं जा सकता|
दूसरा संकेत यह मिल रहा है की चाहे वह अमेरिका हो चीन हो या भारत हो, तीनों ही आंतरिक अस्थिरता से जूझ रहे हैं|
तीसरा संकेत यह मिल रहा है की वर्ष 2029 तक पहुंचना होगा इससे पार पाने के लिए|
समय की इस पुकार को हम सुनें| न सिर्फ सुनें बल्कि अतीत से सबक लेकर सार्थक प्रयास शुरू करें|
वैश्विक वर्चस्वता में फेर बदल को लेकर, Samuel P Huntington की कही बात कि आर्थिक विषमता, राजनीतिक ध्रुवीकरण और वैश्विक अविश्वास के साथ साथ सांस्कृतिक ताना बाना, सामाजिक विषमता, सब मिलकर New World Order को तय करने वाला होगा, सही होता प्रतीत होने लगा है|

@ बी कृष्णा (ज्योतिषी, योग और आध्यात्मिक चिंतक )

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