
समय पर सूचना और इलाज से हो सकता है बचाव
-बच्चों को भूखे पेट सुलाना और तेज धूप में निकलना न बनें बीमारी की वजह: डॉ. राजेश कुमार
वैशाली/मोहन कुमार सुधांशु।
गोरौल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में एईएस (एक्यूट एन्सेफलाइटिस सिंड्रोम) यानी चमकी बुखार से निपटने के लिए विशेष तैयारी की गई है। अस्पताल में इस बीमारी के इलाज के लिए अलग वार्ड बनाया गया है, जहां सभी जरूरी दवाएं, ऑक्सीजन सहित अन्य उपकरण पहले से ही उपलब्ध हैं।
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. राजेश कुमार और स्वास्थ्य प्रबंधक रेणु कुमारी ने बताया कि भीषण गर्मी में चमकी बुखार का प्रकोप विशेषकर 0 से 15 वर्ष के बच्चों को प्रभावित करता है। बच्चों में तेज बुखार और झटके इसके प्रमुख लक्षण हैं। समय पर अस्पताल लाकर इलाज कराने से बच्चे को पूरी तरह ठीक किया जा सकता है।
डॉ. राजेश कुमार ने बताए बचाव के उपाय:
-बच्चों को तेज धूप में बाहर न जाने दें।
-रात में बच्चों को भूखे पेट न सुलाएं।
-सोने से पहले मीठा खिलाएं।
-बुखार आने पर तुरंत अस्पताल लाएं, भले ही चमकी न दिखे।
-घबराने की जरूरत नहीं, इलाज पूरी तरह निशुल्क है।
उन्होंने कहा कि अस्पताल में 24 घंटे इलाज की सुविधा उपलब्ध है और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत संपर्क किया जाना चाहिए।