Noida News : पोषण पाठशाला में विशेषज्ञों ने बतायी ऊपरी आहार की महत्ता और उसकी शुरुआत कैसे करें

एक साल तक नमक और दो साल तक के बच्चों को न दे मीठा, विकास तत्वों और सूक्ष्म तत्वों की महत्व बताया। एक करता है विकास एक चलाता है शरीर का यंत्र

नोएडा । छह माह की आयु के बाद बच्चों को स्तनपान के साथ ऊपरी आहार की बहुत जरूरत होती है। इससे बच्चे का शारीरिक और मानसिक विकास होता है। ऊपरी आहार की शुरुआत किस प्रकार करनी चाहिए, आहार में क्या-क्या पोषक तत्व- विटामिन, मिनरल होने चाहिए। इस बारे में विशेज्ञषों ने शुक्रवार को प्रदेश स्तर पर हुई पोषण पाठशाला में बताया। अपराह्न 12.30 बजे से दोपहर दो बजे तक चली इस ऑनलाइन पाठशाला में जिला गौतमबुद्ध नगर से जिला कार्यक्रम अधिकारी पूनम तिवारी, बाल विकास परियोजना अधिकारी, मुख्य सेविकाएं, 1108 आंगनबाड़ी केन्द्रों की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के लाभार्थी, गर्भवती और धात्री माताओं ने प्रतिभाग किया। ऊपरी आहार की शुरुआत” को लेकर चुनौतियों और उनके समाधान पर विषय विशेषज्ञ डा. पियाली भट्टाचार्य, रूपल दलाल, दीपाली फर्गडे, आईएम ओझा एवं प्रवीण दुबे ने विस्तृत जानकारी दी। पोषण को लेकर यह चौथी पाठशाला थी।

एसजीपीजीआई लखनऊ की बाल रोग विशेषेज्ञ डा.पियाली भट्टाचार्य ने बढ़ती आयु में पोषक तत्वों का महत्व, सहायक एसोसिएट प्रोफेसर सीटीएआरए, आईआईटी बॉम्बे की बलारोग विशेषज्ञ डा. रूपल दलाल ने पोषक तत्व-2 (विकास तत्व) के महत्व, पोषण विशेषज्ञ डा. दीपाली फर्गडे ने नौ से 23 महीने के शिशु का ऊपरी पूरक आहार कब, कौन सा, कैसा और कितना हो इस बारे में समझाया। इसके अलावा आईएम ओझा व प्रवीण दुबे ने ऊपरी आहार में रिस्पॉंन्सिव फीडिंग तथा पिता की भूमिका पर अपने अनुभव शेयर किये।

डा. पियाली भट्टाचार्य ने बढ़ती आयु में पोषक त्तत्वों का मह्तव बताते हुए उनकी श्रेणी के बारे में बताया। उन्होंने सूक्ष्म पोषक तत्व (मिनरल, आयरन, आयोडीन सहित 30 प्रकार के विटामिन के बारे में बताया। उन्होंने कहा सूक्ष्म तत्व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं। इस लिए मां और बच्चों सूक्ष्म तत्वों की कमी नहीं होनी चाहिये। विटामिन ए, बी, सी ई, के डी की कमी से होने वाली बीमारियों के बारे में भी उन्होंने बताया। उन्होंने हरी सब्जी फल दाल, नीबू आंवला अंडा खाने की सलाह दी और जंक फूड और कोर्बोनेटेड ड्रिंग्स से तौबा करने को कहा।

डा. रूपल दलाल ने विकास तत्व के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बढ़ती आयु में पोषक तत्व (विकास तत्व) की कमी से होने वाले नुकसान के बारे में बताया। उन्होंने कहा 40 पोषक तत्व शारीरिक और मानसिक विकास के लिए बहुत जरूरी है। केवल दाल चावल और रोटी से विकास तत्व नहीं मिलते। यह तत्व पूरे शरीर का तंत्र चलाते हैं और विकास करते हैं। यह शरीर में संग्रहीत नहीं होते, इसलिए रोजाना इनका सेवन जरूरी है। नहीं मिलने पर विकास और शरीर के यंत्र प्रभावित होने लगते हैं। रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए प्रोटीन जरूरी है। प्रोटीन की कमी से शारीरिक विकास अच्छी तरह से नहीं होता और भविष्य में रक्तचाप व मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है। प्रोटीन के लिए ऊपरी आहार में दूधदहीपनीरअंकुरित सोयाबीनअंकुरित दालें शामिल करें। इसके अलावा अलसी और सरसों के बीच का पाऊडर बनाकर शिशु के आहार पर छिड़क सकते हैं।

दीपाली फर्गडे ने बढ़ते बच्चों को आहार कब, कौन सा, कैसे और कितना देना है। इस बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने आठ फूडग्रुप के बारे में बताया। उन्होंने कहा आठ महीने के बाद बच्चों को प्यूरी या पेस्ट बनाकर नहीं देना चाहिए। फिंगर फूड यानि उंगलियों से पकड़ने वाला खाना जिसे बच्चे खुद पकड़ पाएं, देना चाहिए। नौ से 12 महीने की आयु पूरे करने वाले बच्चों को अलग से कटोरी में आहार देना चाहिए। पहले खाना फिर स्तनपान कराना चाहिए। 12 महीने का होने पर बच्चे को परिवार के साथ बैठाकर खाना खिलाना चाहिए। दोबार नाश्ता और तीन बार खाना और स्तनपान जरूरी है। बच्चों को खाना खिलाते समय साफ सफाई बहुत जरूरी है। उन्होंने बताया एक साल तक के बच्चों को नमक नहीं देना और दो साल तक मीठा- गुड़, जूस, शहद नहीं देना है, जंकफूड तो किसी भी हालत में नहीं। वीपीएनआई के राष्ट्रीय प्रशिक्षक और यूनिसेफ के साथ काम करने वाले आईएम ओझा और प्रवीण दुबे ने ऊपरी आहार में रिस्पॉन्सिव फीडिंग तथा पिता की भूमिका पर चर्चा की।

कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्य पोषण मिशन की सचिव अनामिका सिंह ने की। उन्होंने पोषण पाठशाला और उसके महत्व के बारे में बताया। उन्होंने बताया आईसीडीएस के प्रयासों से कुपोषण के कारण होने वाली स्टंटिंग में गिरावट दर्ज हुई है। यह बात राष्ट्रीय स्वास्थ्य सर्वे-पांच में सामने आई हैलेकिन सर्वे में यह बताया गया है कि 100 में से केवल छह बच्चों को ऊपरी आहार की पूरी खुराक मिल पाती है। कार्यक्रम के अंत में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से लाभार्थियों और अन्य लोगों ने अपनी जिज्ञासा शांत की। पोषण पाठशाला का संचालन राज्य पोषण मिशन के निदेशक कपिल सिंह ने किया।

  • Related Posts

    मोटापे को निमंत्रण देती बदलती जीवनशैली
    • TN15TN15
    • March 8, 2025

    अस्वास्थ्यकर खाने की आदतें, अत्यधिक प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों,…

    Continue reading

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You Missed

    अगर अपने मकान में रखे हैं किराएदार तो हो जाइए सावधान

    • By TN15
    • May 21, 2025
    अगर अपने मकान में रखे हैं किराएदार तो हो जाइए सावधान

    गलत तो युद्ध के बीच भी जानकारी देना गलत है!

    • By TN15
    • May 21, 2025
    गलत तो युद्ध के बीच भी जानकारी देना गलत है!

    सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया) ने पीएम से फिलिस्तीन पीड़ितों को सहायता देने की मांग! 

    • By TN15
    • May 21, 2025
    सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया) ने पीएम से फिलिस्तीन पीड़ितों को सहायता देने की मांग! 

    काफी ग्लैमरस लाइफ रही है ज्योति मल्होत्रा की!

    • By TN15
    • May 21, 2025
    काफी ग्लैमरस लाइफ रही है ज्योति मल्होत्रा की!

    फकिराना सिस्टर्स सोसाइटी के शेप सभागार मे जिला स्तरीय बहुहितभागी बैठक किया गया

    • By TN15
    • May 21, 2025
    फकिराना सिस्टर्स सोसाइटी के शेप सभागार मे जिला स्तरीय बहुहितभागी बैठक किया गया

    मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना के अंतर्गत प्रस्तावित कल्याण मंडप का हुआ भूमि पूजन

    • By TN15
    • May 21, 2025
    मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना के अंतर्गत प्रस्तावित कल्याण मंडप का हुआ भूमि पूजन