
दीपक कुमार तिवारी
पटना/नई दिल्ली। बिहार की सियासी बिसात पर राजद सुप्रीमो लालू यादव का ‘एनके’ प्लान चर्चा का विषय बना हुआ है। साल 2025 के चुनावों की रणनीति को लेकर राजद के नेता नीतीश कुमार को महागठबंधन में लाने की कोशिशें तेज़ कर रहे हैं। इस चुनावी खेल में आरक्षण और भाजपा के खिलाफ तीखे आरोपों की बौछार कर राजद नीतीश पर दबाव बना रहा है।
राजद की सांसद मीसा भारती ने नीतीश कुमार के भाजपा के साथ बने रहने वाले बयान को सवालों के घेरे में लिया है। मीसा ने कहा, “नीतीश कुमार की गारंटी कौन लेगा? वे पहले भी पाला बदल चुके हैं, क्या भरोसा कि अब नहीं करेंगे?”
वहीं, राजद के वरिष्ठ नेता भाई वीरेंद्र का दावा है कि नीतीश कुमार भाजपा के साथ सहज नहीं हैं और 2025 से पहले महागठबंधन में वापस आएंगे। उनके अनुसार, नीतीश कुमार भाजपा के साथ रहकर खुद को असहज महसूस कर रहे हैं और फिर से तेजस्वी यादव के नेतृत्व में गठबंधन में शामिल हो सकते हैं।
लालू यादव इस चुनावी समीकरण को बखूबी समझते हैं। नीतीश कुमार के कुर्मी, कुशवाहा, और अतिपिछड़ा वोट बैंक के साथ उनका जुड़ाव आगामी चुनावों में राजद के लिए अहम साबित हो सकता है। अगर नीतीश कुमार महागठबंधन में वापस आते हैं, तो भाजपा की सियासी चालों पर पानी फिर सकता है।
अब सवाल यह है कि नीतीश कुमार अपनी चाल क्या चलते हैं? क्या वे भाजपा के साथ बने रहेंगे या फिर महागठबंधन की ओर रुख करेंगे? 2025 का यह चुनावी दांव बिहार की सियासत को नई दिशा दे सकता है।