क्या ड्रग की लत में फंस रहा हैं आपका बच्चा? AIIMS के साथ ही ऐक्शन में आई सरकार!

बॉम्बे हाई कोर्ट ने हाल ही में कक्षा 12 के एक छात्र को इंप्रूवमेंट एग्जाम में बैठने की अनुमति दी, जिसने इंटरनेट गेमिंग डिसऑर्डर (IGD) का सामना किया था। जस्टिस एएस चंदूरकर और राजेश पाटिल की खंडपीठ ने 4 जुलाई को दिए अपने आदेश में कहा कि 19 वर्षीय छात्र को ‘न्याय के हित’ में एक और मौका मिलना चाहिए।

अस्पताल में हुआ बीमारी का खुलासा

लड़के ने अपनी याचिका में दावा किया कि वह हमेशा औसत से बेहतर छात्र रहा है, कक्षा 11 तक 85-93% अंक प्राप्त करता रहा था। हालांकि, मार्च 2023 में जब उसने कक्षा 12 की परीक्षा दी, तो वह अवसाद से जूझ रहा था, जिससे उसे 600 में से केवल 316 अंक ही मिले। याचिकाकर्ता ने कहा कि जुलाई 2023 से दिसंबर 2023 के बीच उसने मुंबई के भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र अस्पताल में चिंता और अवसाद का इलाज कराया था, जहाँ उसे IGD का पता चला। उन्होंने बताया कि इसी वजह से वह जुलाई 2023 में आयोजित पुन: परीक्षा में शामिल नहीं हो सका।

खुद कोर्ट ने मानी असमर्थता की बात

अपनी याचिका में, छात्र ने दावा किया कि वह हमेशा औसत से बेहतर छात्र रहा है और कक्षा 11 तक 85-93% अंक प्राप्त करता था। हालांकि, मार्च 2023 में कक्षा 12 की परीक्षा के दौरान वह अवसाद से पीड़ित था, जिससे उसे 600 में से केवल 316 अंक ही मिले। छात्र ने बताया कि जुलाई 2023 से दिसंबर 2023 के बीच उसने मुंबई के भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र अस्पताल में चिंता और अवसाद का इलाज कराया था, जहाँ उसे इंटरनेट गेमिंग डिसऑर्डर (IGD) का पता चला। इस कारण वह जुलाई 2023 में पुन: परीक्षा में शामिल नहीं हो सका।

केंद्र ने लिया स्टडी कराने का फैसला

मार्च 2024 में होने वाली इंप्रूवमेंट परीक्षा में शामिल होने के उनके अनुरोध को कॉलेज ने अस्वीकार कर दिया, जिसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। हाई कोर्ट ने कहा कि मामले के विशिष्ट तथ्यों को देखते हुए, याचिकाकर्ता को अपने अंकों में सुधार करने का अवसर दिया जाना चाहिए, क्योंकि मेडिकल कारणों से वह पहले ऐसा करने में असमर्थ था। कोर्ट ने माना कि मेडिकल रिपोर्ट याचिकाकर्ता की इस दलील को पुष्ट करती हैं।

देख लीजिये ये 3 उदाहरण भी

उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश के संभल जिले के एक सरकारी स्कूल के शिक्षक को 11 जुलाई को निलंबित कर दिया गया था। जिला मजिस्ट्रेट ने उनके मोबाइल की गतिविधियों की ‘स्क्रबिंग’ (सेल रिकॉर्ड को डिजिटल रूप से पहचानने की प्रक्रिया) की और पाया कि उन्होंने काम के दौरान एक घंटे से अधिक समय ‘कैंडी क्रश सागा’ खेलने में बिताया था।

इसी तरह, राजस्थान के अलवर में एक बच्चा, जिसे गंभीर झटके आने और PUBG और फ्री फायर जैसे ऑनलाइन गेम खेलने के दौरान हारने के बाद अपना ‘मानसिक संतुलन’ खो बैठा था। उसे विशेष उपचार के लिए एक विशेष स्कूल में भेजा गया था।

  • Related Posts

    साइलेंट हार्ट अटैक को न्यौता दे रहा कोरोना वायरस का डेल्टा वेरिएंट, करते रहें व्यायाम!

    नई दिल्ली/इंदौर। हाल के एक शोध में यह…

    Continue reading
    क्या हैं कोरोना से बचने के करें उपाय !

    हांगकांग और सिंगापुर समेत एशिया के कुछ हिस्सों…

    Continue reading

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You Missed

    आईपीएस के पति आईआरएस अधिकारी पर हमला!

    • By TN15
    • May 29, 2025
    आईपीएस के पति आईआरएस अधिकारी पर हमला!

    पाक पीएम शाहबाज शरीफ ने जताई बातचीत की इच्छा : रणधीर जायसवाल

    • By TN15
    • May 29, 2025
    पाक पीएम शाहबाज शरीफ ने जताई बातचीत की इच्छा : रणधीर जायसवाल

    इतिहास रचेगा इतिहास! 

    • By TN15
    • May 29, 2025
    इतिहास रचेगा इतिहास! 

    Hathras News : दोहरे हत्याकांड में फांसी की सजा!

    • By TN15
    • May 29, 2025

    NCLT मुंबई के अफसर समेत 2 गिरफ्तार 

    • By TN15
    • May 29, 2025
    NCLT मुंबई के अफसर समेत 2 गिरफ्तार 

    40 देशों की सैन्य नेतृत्व के साथ विशेष रूप से होगी बातचीत : CDS

    • By TN15
    • May 29, 2025
    40 देशों की सैन्य नेतृत्व के साथ विशेष रूप से होगी बातचीत  : CDS