
कहना गलत न होगा कि सहारा फ्रॉड का दूसरा नाम है। यह सरकार को ऐसी व्यवस्था करनी होगी कि एजेंटों द्वारा सहारा में जमा कराए पैसे का हिसाब लेकर उसका भुगतान कराया जाए। निवेशक सीधे आवेदन करेंगे तो कहीं न कहीं मामला जरूर फंसेगा।
दरअसल मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के अमरा राम ने लोकसभा में पूछा था कि सहारा ग्रुप में निवेश करने वाले कितने लोगों को पैसा वापस किया और कितना किया? इसका शुरू में जवाब वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने दिया। पंकज चौधरी ने सेबी के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि 17 हजार के करीब लोगों ने ही आवेदन किया। इसमें 138 करोड़ रुपए दे दिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अदालत में जाकर खुद लोगों से क्लेम करने की अपील की है। जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर अमरा राम ने फिर से सवाल पूछ लिया। इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, “अदालत में जाइए। अदालत में पूछिए हम भी इंतजार में खड़े हैं। सुप्रीम कोर्ट हमें सुपरवाइज कर रहा है। हमारे ऊपर हाथ उठाने का कोई फायदा नहीं है।”