
अनूप जोशी
रानीगंज : टीडीबी कॉलेज में सोमवार से दिशम आदिवासी गांवता की शाखा “फाइट फॉर मदर टंग” के बैनर तले अनिश्चितकालीन अनशन की शुरुआत की गई। उनकी मुख्य मांग है कि इस कॉलेज में संथाली भाषा और अलचीकी लिपि में स्नातक स्तर की पढ़ाई शुरू की जाए। इस मुद्दे के समर्थन में पिछले 28 जून को एक ज्ञापन भी सौंपा गया था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जिसके बाद सोमवार से अनिश्चितकालीन अनशन शुरू किया गया है।
दिशम आदिवासी गांवता के प्रदेश पर्यवेक्षक भुवन माड्डी ने बताया कि 28 जून को यहां पर एक ज्ञापन सौंपा गया था, जिसमें इस कॉलेज में संथाली भाषा और अलचीकी लिपि में स्नातक स्तर पर पढ़ाई करने की सुविधा प्रदान करने की मांग की गई थी। हालांकि, उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि कॉलेज के कुछ जनरल बॉडी मेंबर और टीआईसी इस मांग को पूरा क्यों नहीं होने दे रहे हैं। उनका कहना है कि काजी नजरूल विश्वविद्यालय, विद्यासागर कॉलेज, और कोलकाता विश्वविद्यालय के प्रतिनिधियों को लेकर एक टीम का गठन किया गया था, जिन्होंने इस विषय पर एक रिपोर्ट तैयार की थी, लेकिन कोलकाता के विकास भवन से बार-बार मांगी गई रिपोर्ट अभी तक पेश नहीं की गई है।
भुवन मंडी ने यह भी कहा कि यह बड़े शर्म की बात है कि आज़ाद भारत में एक जाति को अपनी मातृभाषा में पढ़ाई लिखाई करने के लिए अनशन करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि लंबे समय से आदिवासी समाज की तरफ से यह मांग की जा रही है, लेकिन इस कॉलेज के कुछ अधिकारियों की अनिच्छा के कारण आदिवासी समाज के विद्यार्थी इस बुनियादी मांग से वंचित रहने को मजबूर हैं।
कॉलेज की ओर से कहा जा रहा है कि उनके पास फंड नहीं है और आदिवासी समाज के विद्यार्थियों को अगर स्नातक स्तर पर संथाली भाषा और अलचीकी लिपि में पढ़ाई करनी है तो आर्थिक बोझ उन्हें उठाना होगा। भुवन मंडी ने कहा कि इस क्षेत्र में आदिवासी समाज के लोगों की आर्थिक स्थिति किसी से छुपी नहीं है, और ऐसे में उन परिवारों से आने वाले बच्चों के लिए पढ़ाई का खर्च उठाना मुश्किल है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का दावा है कि आदिवासी समाज के विकास के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन विकास भवन की रिपोर्ट को लेकर कॉलेज अधिकारी सही जानकारी नहीं दे रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर आदिवासी समाज की इस जायज मांग को नहीं माना गया तो आने वाले समय में यह आंदोलन और तेज होगा।
इस मौके पर संगठन के राज्य सचिव रॉबिन सोरेन, जिला सचिव सुकु मुर्मु सहित अन्य समर्थक भी उपस्थित थे।