जलवायु परिवर्तन की दौर में किसानों को फसलों की बुआई के समय में परिवर्तन लाने की जरूरत : डा. अब्दुस सत्तार

 किसान जागरूकता कार्यक्रम में बोले वैज्ञानिक

 

समस्तीपुर पूसा डा राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय स्थित जलवायु परिवर्तन पर उच्च अध्ययन केंद्र के तवावधान में ग्रामीण कृषि मौसम सेवा केंद्र के तहत जिले के सरायरंजन प्रखंड क्षेत्र के नरघोघी गांव में किसान जागरूकता कार्यक्रम किया गया। जिसकी अध्यक्षता करते हुए मौसम वैज्ञानिक डा अब्दुस सत्तार ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की दौर में बढ़ते हुए तापमान एवं अनियमित वर्षा से निबटने के लिए किसानों को फसल की बुआई के समय में परिवर्तन लाने की जरूरत है। इस तरह की अप्रत्याशित परिस्थिति में मौसम आधारित खेती करने की आवश्यकता है। कृषि मौसम पूसा के माध्यम से जारी मौसम बुलेटिन के आधार पर किसानों को अपनी खेती को ढालने का प्रयास करें ताकि फसलों से शत प्रतिशत उत्पादन लेकर बेहतर आमदनी प्राप्त कर सकते है।

 

मृदा वैज्ञानिक डा एस के ठाकुर ने कहा कि मिट्टी जांच को सर्वप्रथम प्राथमिकता देने की आवश्यकता है। मृदा के अंतर्गत आने वाले सभी 16 पोषक तत्वों को ध्यान में रखकर खेती करने पर लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। साथ साथ मिट्टी एवं फसल को सुरक्षित रखा जा सकता है। किसान अपने फसल समूह में दलहनी फसलों को प्राथमिकता के आधार पर चयन कर खेती करें ताकि वायुमंडल से होने प्राप्त होने वाले नेत्रजन का शत प्रतिशत वास्तविक रूप से उपयोग संभव हो सके। कृषि विज्ञान केंद्र बिरौली के प्रमुख वैज्ञानिक डा आर के तिवारी ने कहा कि पशुओं को पोषक तत्व देने की आवश्यकता है। मेर तथा अन्य जगहों वाली चारा के अलावे लोबिया, ज्वार, बरसीम, भुंसा आदि पर अत्यधिक जोर देने पर ही दुधारू पशुओं को भरपूर पोषक तत्व की प्राप्ति होती है। वैज्ञानिक डा सर्वेश कुमार ने कहा कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देते हुए मवेशी के गोबर को सीधे खेतों में नही डाला जाए। उससे जीवामृत एवं नीमाशास्त्र बनाकर उपयोग करना लाभकारी होता है। तकनीकी अधिकारी डा गुलाब सिंह ने मंच संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि मौसम आधारित खेती करने के लिए कृषि मौसम सेवा केंद्र से जारी एडवाइजरी को समझने की जरूरत है। जारी एडवाइजरी में तीन तरह के समूह में मौसम की जानकारी किसानों के खेत तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। सबसे ऊपर में बीते तीन दिनों का फोरकास्टिंग का आकलन को दर्शाते हुए वर्तमान एवं पूर्वानुमान के अलावे समसामयिक सुझावों में मौसम आधारित विभिन्न फसलों सहित पशुपालन की जानकारी दिया जा रहा है। जिसे सप्ताह के प्रत्येक मंगलवार एवं शुक्रवार को ईमेल, व्हाट्सएप से डिजिटली माध्यम से प्रस्तुत की जा रही है। मौके पर तेकनेशियन लैब एंड फार्म बसंत किशोर, एसआरएफ निक्रा परियोजना रविरंजन, रेवती रमण समदर्शी के अलावे सैकड़ों किसान मौजूद थे।

  • Related Posts

    शिक्षक संघ ने समाहरणालय गेट पर दिया धरना, सौपा ज्ञापन

    पश्चिम चम्पारण/बेतिया। समाहरणालय के समक्ष शिक्षक संघ ने…

    Continue reading
    ज्योति गुप्ता ने किया नामांकन,आदर्श वार्ड बनाने में मेहनत करूंगी : ज्योति गुप्ता

    पश्चिम चम्पारण/बेतिया। नगर निगम के वार्ड संख्या 14…

    Continue reading

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You Missed

    अन्याय के खिलाफ मैसर्स- बीएचईएल कम्पनी पर सीटू बैनर तले कर्मचारियों का धरना 43 वें दिन भी जारी रहा

    • By TN15
    • June 4, 2025
    अन्याय के खिलाफ मैसर्स- बीएचईएल कम्पनी पर सीटू बैनर तले कर्मचारियों का धरना 43 वें दिन भी जारी रहा

    पाकिस्तान पर दुनिया मेहरबान, भारत का दोस्त भी दे रहा पाक का साथ!

    • By TN15
    • June 4, 2025
    पाकिस्तान पर दुनिया मेहरबान, भारत का दोस्त भी दे रहा पाक का साथ!

    अखिलेश यादव ने बीजेपी के घावों पर छिड़का नमक!

    • By TN15
    • June 4, 2025
    अखिलेश यादव ने बीजेपी के घावों पर छिड़का नमक!

    सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज की वक्फ बोर्ड की याचिका, शाहदरा में गुरुद्वारे की जमीन पर किया था दावा! 

    • By TN15
    • June 4, 2025
    सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज की वक्फ बोर्ड की याचिका, शाहदरा में गुरुद्वारे की जमीन पर किया था दावा! 

    कुख्यात सीरियल किलर का बेटा भी बन गया बड़ा अपराधी  

    • By TN15
    • June 4, 2025
    कुख्यात सीरियल किलर का बेटा भी बन गया बड़ा अपराधी  

    मानसून सत्र 21 जुलाई से 12 अगस्त तक, ऑपरेशन सिंदूर होगा मुख्य मुद्दा! 

    • By TN15
    • June 4, 2025
    मानसून सत्र 21 जुलाई से 12 अगस्त तक, ऑपरेशन सिंदूर होगा मुख्य मुद्दा!