Hindu Society : बस पश्चिमी नकल भर है आधुनिकता

जिसे हम आधुनिक कहते है वो वास्तव में केवल पश्चिमी नकल है। जब मैं किसी अन्य धर्म के परिवार के पांच साल के बच्चे को भी बाक़ायदा नमाज़ पढ़ते देखता हूँ तो लगता है मुस्लिम परिवारों की ये अच्छी चीज़ है कि वो अपना मजहब और अपने संस्कार अपनी अगली पीढ़ी में ज़रूर देते हैं। कुछ पुचकार कर तो कुछ डराकर, लेकिन उनकी नींव में अपने मूल संस्कार गहरे घुसे होते हैं। यही ख़ूबसूरती सिखों में भी है। सरदार की पगड़ी या उसके केश आदि पर उंगली उठाते ही उसी वक़्त तेज़ आवाज़ आप को रोक देगी।

लगभग हर धर्म में नियमों के पालन पर विशेष जोर दिया जाता है। लेकिन हम हिन्दू अपने धर्म को चाहें कितना ही पुराने होने का दावा कर लें पर इसका प्रभाव अब सिर्फ सरनेम तक सीमित होता जा रहा है और धीरे धीरे कुलनाम भी लगाने में भी शर्म आने लगी है। गोत्र तो शायद ही किसी को पता हो।

मैं अक्सर देखता हूँ कि, एक माँ आरती कर रही होती है, उसका बेटा जल्दी में प्रसाद छोड़ जाता है, लड़का कूल-डूड है, उसे इतना ज्ञान है कि प्रसाद आवश्यक नही है। बेटी इसलिए प्रसाद नहीं खाती कि उसमें कैलोरीज़ ज़्यादा हैं, उसे अपनी फिगर की चिंता है। छत पर खड़े अंकल जब सूर्य को जल चढ़ाते हैं तो लड़के हँसते हैं।

इस पर मां कहती हैं कि अरे ये आज की पीढ़ी है आधुनिक हो रही है। पिताजी खीज कर कहते हैं कि ये तो हैं ही ऐसे इनके मुंह कौन लगे। दो वक़्त पूजा करने वाले को हम सहज ही मान लेते हैं कि वह दो नंबर का पैसा कमाता होगा, इसीलिए इतना पूजा-पाठ करता है। “राम-राम जपना, पराया माल अपना ये तो फिल्मों में भी सुना है।”

नतीजतन बच्चों का हवन पूजा के वक़्त उपस्थित होना मात्र दीपावली तक सीमित रह जाता है। यही बच्चे जब अपने हमउम्रों को हर रविवार गुरुद्वारे में मत्था टेकते या हर शुक्रवार विधिवत नमाज़ पढ़ते या हर रविवार चर्च में मोमबत्ती जलाते देखते हैं, तो बहुत आकर्षित होते हैं। सोचते हैं ये है असली गॉड! मम्मी तो यूं ही थाली घुमाती रहती थी। उनको गंगा जी मे डुबकी लगाकर पाप धोना पाखंड और चर्च में जाकर पापो की स्वीकारोक्ति करना बहुत खूब लगता है। इसका अर्थ है कि जैसे खाली बर्तन में कुछ भी भरा जा सकता है… ठीक वैसे ही आस्था विहीन बच्चो या व्यक्ति को कोई भी गलत दिशा देकर बहका सकता है। अब क्योंकि धर्म बदलना तो संभव नहीं, इसलिए मन ही मन खुद को नास्तिक मान लेते हैं।

सनातन धर्म से बड़ा कोई धर्म नहीं, गर तुम सनातनी अर्थात हिन्दू कुल में जन्मे हो तो गर्व करों की तुम हिन्दू हो… क्योंकि सभी धर्म में भगवान के दूत की उपासना होती है जबकी सनातन धर्म में स्वयं भगवान की…!!

अंतर्राष्ट्रीय वसुंधरा परिवार

  • Related Posts

    कलम से खींची गई नई सरहदें : स्याही की सादगी : प्रियंका सौरभ की चुपचाप क्रांतिकारी कहानी

    हर युग में कुछ आवाज़ें होती हैं जो चीखती नहीं, बस लिखती हैं — और फिर भी गूंजती हैं। ये आवाज़ें न नारे लगाती हैं, न मंचों पर दिखाई देती…

    वक्फ कानून का विरोध जारी, सड़कों पर मुसलमान, कोलकाता-मुंबई-श्रीनगर-जयपुर में प्रदर्शन!

    नई दिल्ली। नये वक्फ कानून के खिलाफ देश के कई राज्यों में प्रदर्शन किया जा रहा है। पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, मुंबई, श्रीनगर सहित कई राज्यों में इस कानून के…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You Missed

     हरियाणा के पत्रकारों की समस्याओं का कराया जाएगा समाधान : राज्यपाल

    • By TN15
    • April 22, 2025
    • 5 views
     हरियाणा के पत्रकारों की समस्याओं का कराया जाएगा समाधान : राज्यपाल

    पुलिस की ड्रेस में आए थे आतंकी 

    • By TN15
    • April 22, 2025
    • 5 views
    पुलिस की ड्रेस में आए थे आतंकी 

    कांग्रेस भुनाएगी वक्फ संशोधन कानून के विरोध में हो रहे आंदोलन को ?

    • By TN15
    • April 22, 2025
    • 6 views
    कांग्रेस भुनाएगी वक्फ संशोधन कानून के विरोध में हो रहे आंदोलन को ?

    “अजमेर से इंस्टाग्राम तक: बेटियों की सुरक्षा पर सवाल”

    • By TN15
    • April 22, 2025
    • 6 views
    “अजमेर से इंस्टाग्राम तक: बेटियों की सुरक्षा पर सवाल”

    शब्दों से पहले चुप्पियाँ थीं

    • By TN15
    • April 22, 2025
    • 4 views
    शब्दों से पहले चुप्पियाँ थीं

    नई दिल्ली स्थित गांधी शांति प्रतिष्ठान के ऐतिहासिक सभागार में सिटीजंस फॉर डेमोक्रेसी स्वर्ण जयंती कांफ्रेंस

    • By TN15
    • April 22, 2025
    • 8 views
    नई दिल्ली स्थित गांधी शांति प्रतिष्ठान के ऐतिहासिक सभागार में सिटीजंस फॉर डेमोक्रेसी स्वर्ण जयंती कांफ्रेंस