
द न्यूज 15 ब्यूरो
नई दिल्ली। एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान को लताड़ लगाई तो पाक के पूर्व उच्चायुक्त अब्दुल बासित को बड़ी तकलीफ हुई है। उन्होंने ओवैसी के बयान से हैरत जताते हुए कहा है कि अभी तक तो भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर हिंदुओं और मुसलमानों को लड़ाने के आरोप लगाते थे। अब अचानक से उन्होंने अपनी सियायत का रुख बदल दिया है।
अब्दुल बासित का कहना है कि ओवैसी प्रेशर में हैं। इसलिए ऐसे बयान दे रहे हैं। उनका यह भी आरोप है कि पहलगाम में जो आतंकी हमला हुआ, उसमें भारत की डीप स्टेट शामिल है क्योंकि वह वक्फ संशोधन कानून को लेकर देश में मचे बवाल से ध्यान भटकाना चाहते थे।
ओवैसी ने महाराष्ट्र के परभणी में वक्फ संशोधन कानून पर पब्लिक मीटिंग के दौरान पहलगाम हमले का भी जिक्र किया और पाकिस्तान को खूब लताड़ लगाई। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का वक्त भारत से आधा घंटा पीछे है और खुद वह भारत से आधी सदी पीछे है, उसका मिलिट्री बजट भारत के बराबर भी नहीं है। ओवैसी के इस बयान पर अब्दुल बासित भड़क गए और बोले, ‘मुझे बड़ी हैरत हुई उनकी ये बात सुनकर कि वह कई सालों से, जब से बीजेपी की हुकूमत आई है तो ओवैसी यही बात कहते हैं कि बीजेपी की हुकूमत हिंदुओं और मुसलमानों को लड़वाना चाहती है। इसलिए मुखतलिफ किस्म की चीजें सामने आ जाती हैं. कभी तीन तलाक, कभी यूनिफॉर्म सिविल कोड, कभी वक्फ संशोधन कानून आ जाता है।
अब्दुल बासित ने कहा कि ओवैसी के सारे बयान यही थे कि बीजेपी हिंदुओं और मुसलमानों को आपस में लड़ा रही है। पहलगाम के वाकिए के बाद उन्होंने फौरन से बात दूसरी तरफ शिफ्ट कर दी. ये मेरी समझ से तो परे है। उन्होंने कहा, ‘एक तरफ तो ओवैसी बीजेपी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं और कह रहे हैं कि हिंदुत्व की पूरी फिलोसफी मुसलमान और हिंदुओं को डिवाइड करना चाहती है। बीजेपी और आरएसएस का भी यही ऑब्जेक्टिव है। आनन-फानन एक ही दिन में ओवैसी ने पूरी सियासत का रुख ही बदल दिया है।
अब्दुल बासित ने पहलगाम हमले में भारत की डीप स्टेट के शामिल होने के भी आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि अगर भारत के पास वाकई सबूत हैं तो वो दुनिया के सामने शेयर करे और पाकिस्तान को एक्सपोज करे. ये क्या कि सो कॉल्ड सबूत अपने पास रखे हुए हैं और उस पर ही नैरेटिव बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसका शिकार असदुद्दीन ओवैसी भी हो गए हैं ।
अब्दुल बासित ने कहा, ‘मैं क्या कहूं ओवैसी साहब को. बहुत जल्दी ही वह प्रेशर में आ गए. कम से कम कुछ ऑब्जेक्टिवली बात करते तो मजा आता, लेकिन लगता है कि वह भी काफी प्रेशर में हैं और इस वक्त तमाम मुसलमान ही प्रेशर में हैं. वक्फ संशोधन कानून जो आया है उस पर विरोध करना चाह रहे थे. असल में तो भारत की डीप स्टेट का काम क्या है कि मुसलमानों को डिफेंसिव पर ले आए हैं । अब हमें विरोध कहीं नजर नहीं आते हैं ।
उन्होंने आगे कहा कि विश यू ऑल द बेस्ट असदुद्दीन ओवैसी साहब. कम से कम आपसे ये उम्मीद नहीं थी कि पिछले 10 सालों से जो सियासत आप कर रहे हैं, उसमें इस तरह तब्दीली आ जाएगी. आई एम वेरी सरपर्राइज्ड ।