हरियाली तुम आने दो।

बारिश को अब आने दो। तपती गर्मी जाने दो।। ये बादल भी कुछ कह रहे। इनको मन की गाने दो।। कटते हुए पेड़ बचाओ। शुद्ध हवा कुछ आने दो।। पंछी…

पार्क की दुनिया का नजारा कुछ अलग सा

  घूमने क्या जाने लगे प्रातः पार्क में न जाने कितने लोग मिलने लगे सभी अपनी अपनी धुन में मस्त कोई सीधा कोई टेढ़ा…. अपने शरीर को मरोड़ रहा शुरू…

सोच बदलें समाज बदलेगा

हेमन्त सिंह सोच बदलें समाज बदलेगा मदद करना सीखिये                      फायदे के बगैर मिलना जुलना सीखिये          …

देखो सीना तान के खड़ा है विपक्ष 

देखो सीना तान के खड़ा है विपक्ष शूरवीरों की तरह लड़ा है विपक्ष नये रंग-नये अंदाज से सजा है विपक्ष अपने सिद्धांतों पर अड़ा है विपक्ष देखो सीना तान के…

पारा हुआ पचास

  वृक्ष बड़े अनमोल हैं, ये धरती- श्रृंगार। जीव जन्तु का आसरा, जीवन का आधार।। वृक्ष,फूल,पौधे सभी, जीवन का आधार। इनसे धरा सजाइये, करिये प्यार दुलार।। नदिया, झरने, ताल सब,…

पर्दे के मगरूर…..

कुछ लोगों के उम्रभर, नहीं बदलते ख्याल। राहें सीधी हों भले, चलते टेढ़ी चाल।। सीखा मैंने देर से, सहकर लाखों चोट। लोग कौन से हैं खरे, और कहाँ है खोट।।…

 मचने लगा बवाल……

  जीवन में मुझको मिले, ऐसे लोग विचित्र । काँधे मेरे जो चढ़े, खींचे खुद के चित्र ।। जैसी जिसकी सोच है, वैसी उसकी रीत । कहीं चाँद में दाग…

टूट गए सम्बन्ध….

रिश्तों के सच जानकर, सब संशय हैं शांत। खुद से खुद की बात से, मिला आज एकांत।। वक्त कराये है सदा, सब रिश्तों का बोध। पर्दा उठता झूठ का, होता…

खिल गया दिग दिगंत

आ गया ऋतुराज बसंत। प्रकृति ने ली अंगड़ाई, खिल गया दिग दिगंत।। भाव नए जन्मे मन में, उल्लास भरा जीवन में। प्रकृति में नव सृजन का, दौर चला है तुरंत।…

कुदरत के नज़ारे

कुदरत के नज़ारे (बाल कविता) देखो लगते बड़े निराले, बादल छाये काले-काले। बादल घिरे, अँधेरी छाई, चारों ओर रात घिर आई। निकले नील गगन के घर से, टप-टप करके बादल…