“मुस्कान का दान”
कभी किसी शाम की थकी हुई साँसों में, तुम्हारा एक हल्का सा “कैसे हो?” उतरता है — जैसे रेगिस्तान में कोई बूँद गिर जाए, जैसे सूनी आँखों में उम्मीद फिर…
“अभी तो मेंहदी सूखी भी न थी”
पहलगाँव हमले पर एक कविता अभी तो हाथों से उसका मेंहदी का रंग भी नहीं छूटा था, कलाईयों में छनकती चूड़ियाँ नई थीं, सपनों की गठरी बाँध वो चल पड़ा…
ताबूत की कीलें
शब्दों की पाठशालाएँ अब सन्नाटे में हैं, ज्ञान के दीप बुझते हैं, फीस की लौ जलती है। चिकित्सालय में चुप है पीड़ा, बोलता है पैकेज, संवेदना की जगह, स्लिप पर…
“चौंच भर प्यास”
कोई पानी रख दे, कटोरे में भरकर, मैं भी जी लूं ज़रा, इस तपते शहर में। ना पुकार है मेरी किसी हैडलाइन में, ना नाम मेरा किसी एनजीओ के बैनर…
जीवन का माली
जो रोकता, जो टोकता है,वही सत्य का दीप जला है।जो कटु वचन से राह दिखाए,सच मानो, सच्चा सखा है। जिस बगिया का माली जागे,हरियाली चारों ओर आए।स्नेह से जो सींचे…
जीवन का माली
जो रोकता, जो टोकता है, वही सत्य का दीप जला है। जो कटु वचन से राह दिखाए, सच मानो, सच्चा सखा है। जिस बगिया का माली जागे, हरियाली चारों ओर…
मेरे अल्लाह को बख्श दो …
चुनाव तुम्हारा वोट तुम्हारा ईवीएम तुम्हारा बहुमत तुम्हारा वज़ीर तुम्हारा शासन तुम्हारा नेता तुम्हारा भ्रष्टाचार तुम्हारा थाना तुम्हारा अपराध तुम्हारा न्यायालय तुम्हारा क़ानून तुम्हारा नियम तुम्हारा कोठा तुम्हारा अदानी तुम्हारा…
कुल का गौरव गान
भाई अगर निभा रहा, फर्ज सभी हर बार। समझो उसकी संगिनी, पूजन की हकदार॥ जो नारी ससुराल को, देती मान अपार। उसका गौरव गूँजता, फैले सुख संसार॥ संबल पति का…
जो अपनों का मान बढ़ाए, वही जग में मान पाए।
प्रियंका सौरभ संघर्षों में डटे रहो तुम, हाथ अपनों का थाम लो, गैरों के आगे क्यों झुकना, सम्मान अपना जान लो। (2) 🌿 जीवन की राह कठिन सही, पर हिम्मत…
मिल रही है नफरत …
न रोजगार मिल रहा है न राशन मिल रहा है मिल रहा है तो संभल धार्मिक होली का दंगल … न स्वास्थ मिल रहा है न आवास मिल रहा है…