
नोएडा। युवा भारतीय सोशलिस्ट मंच के नेतृत्व में पश्चिम बंगाल के जिले मुर्शिदाबाद में 11 व 12 अप्रैल 2025 वक्फ कानून के विरोध के दौरान भड़की हिंसा मे मारे गए लोगों के प्रति शोक और आक्रोश व्यक्त करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट का सौंपा। साथ ही जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले में मरे लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। सुरक्षा चूक पर केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा किया। हमले में मरे लोगों के परिजनों को दो दो करोड़ रुपए मुआवजा देने की मांग की। ज्ञापन में कहा गया है कि 11 अप्रैल को सूती ब्लॉक में वक्फ कानून के विरोध में जो प्रदर्शन किया गया था उसमें हिंसा और आगजनी की गई।
पुलिस फायरिंग में एजाज नाम के व्यक्ति की मौत हो गई। 12 अप्रैल को सुबह 9:00 बजे से 2:00 बजे तक जाफराबाद और शमशेर गंज में खुलेआम हिंसा का दौर चलता रहा जिसमें चिन्हित करके संपत्तियों को लूटा गया और जलाया गया इसी दौरान हरगोविंद दास और उनके पुत्र चंदन दास को पकड़ कर खुलेआम एक चबूतरे पर चोपड़ से काटकर हत्या कर दी गई । सुबह 9:00 से लेकर दोपहर 2:00 बजे तक हिंसा का दौर चलता रहा। यह सब पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता और सरकार के दबाव में किया गया। भारतीय सोशलिस्ट मंच इस हिंसा की निंदा करता है और मांग करता है कि हिंसा के दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। और आम लोगों को सुरक्षा प्रदान की जाए। ज्ञापन में यह भी बताया गया कि स्थानीय निवासियों के अनुसार बाहर के लोगों ने आकर यहां पर हिंसा की है और लूट पाट की है । स्थानीय नागरिक हिंदू मुसलमान मिलकर पुलिस को फोन करते रहे लेकिन पुलिस नहीं पहुंची।2:00 बजे बाद पुलिस पहुंची है और हिंसा का दौर थमा।
भारतीय सोशलिस्ट मंच ने हिंसा पर सवाल खड़ा किया है कि यह कौन लोग हैं, जिन्होंने वक्फ विरोध के नाम पर हिंसा और लूटपाट की है। यह कौन लोग हैं जिन्हें इतनी छूट दी गई है इस प्रकार की घटना लोकतंत्र के लिए कलंक है और पश्चिम बंगाल सरकार के लिए भी शर्मनाक है। ज्ञापन में कहा गया है कि वर्तमान समय में देश के भिन्न-भिन्न कोने में कहीं जाति के नाम पर कहीं धर्म के नाम पर आम जनता मारी जा रही है। इसी क्रम में पश्चिम बंगाल की हिंसा भी शामिल है जिसमें सरकार मूक दर्शक बनी रही ऐसा महसूस होता है। पश्चिम बंगाल सरकार का हिंसा फैलाने वालों को मूक समर्थन प्राप्त था। इस प्रकार के हिंसा में हमेशा गरीब और मजदूर आदमी मरता है। इसी का उदाहरण है कि मृतक एजाज, हरगोविंद दास और उनका पुत्र चंदन दास बहुत गरीब मजदूर वर्ग से है। भारतीय सोशलिस्ट मंच मांग करता है पश्चिम बंगाल सरकार को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किया जाए व सुप्रीम कोर्ट के किसी न्यायाधीश से पूरे प्रकरण की जांच कराई जाए।
दोषियों को विशेष त्वरित अदालत गठित करके दंडित किया जाए।मृतकों के परिवारों को 2 करोड़ की आर्थिक सहायता दी जाए।
इस मौके पर देवेन्द्र सिंह अवाना,प्रवक्ता चरण सिंह राजपूत, उपाध्यक्ष यामीन,प्रदेश सचिव सन्नी गुर्जर, विक्की तंवर, गौरव मुखिया,अंशुल यादव,उस्मान भड़ाना, चमन,गौतम कुमार,प्रेम सिंह,प्रियांशू, सौरभ, दीपक कुमार,आनंद,अमरजीत,आशु,अजय, सुधीर,सन्नी,कृष्णा,मुमताज आदि मौजद रहे।